अक्सर हम पहली मुलाकात में ही दूसरों को अच्छा या बुरा मान लेते हैं, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि यह व्यवहार सामने वाले को क्षणिक मनोस्थिति के अनुरूप हो, लेकिन वास्तव में उसका नेचर वैसा ना हो, जैसा उस खास पल में हमें नजर आया। कभी भी किसी व्यक्ति को समझने के लिए कुछ समय देना आवश्यक है।

समझने में जल्दबाजी ना करें

कई लोग काफी खुले स्वभाव के होते हैं और पहली ही मुलाकात में काफी घुलमिल जाते हैं, लेकिन कुछ लोग अंर्तमुखी होते हैं और आप पहली मुलाकात में उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान पाते हैं। अपने आप अंदाजे के आधार पर उसे सही या गलत मान लेते हैं, जोकि सही नहीं है। अगर पहली मुलाकात में किसी की नेगेटिव इमेज बन रही है तो भी आप किसी नतीजे पर ना पहुंचें, बल्कि पहले दो-तीन बार और उस इंसान से मिलें। फिर उसे जानकर अच्छे या बुरे होने का लेबल दें।

अजनबी से प्रभावित ना हों

कुछ लोग अच्छी-अच्छी बातें करके दूसरों को मिलते ही प्रभावित करने की कला में माहिर होते हैं। ऐसे लोगों के प्रति एकदम से अट्रेक्ट ना हों क्योंकि ये वही लोग होते हैं, जिनसे आप सबसे पहले धोखा खा सकते हैं। थोड़ा समय परखने के बाद ही इनके बारे में कोई राय बनाएं।

चिकनी-चुपुड़ी बातों में ना आएं

अगर बातचीत के दौरान पहली ही बार में सामने वाला अपने बारे में केवल अच्छी-अच्छी ही बातें करें और खुद ही अपनी तारीफों के पुल बांधे, आपको बोलने का मौका भी न दें तो आप समझ जाएं कि आपसे अपना कोई काम निकलवाना चाहता है। ऐसा व्यक्ति भरोसे के लायक नहीं होता, इसलिए उसकी इन चिकनी-चुपड़ी बातों में ना आएं।

दिखावे पर न जाएं

अक्सर पहली मुलाकात में सभी अपनी गुडी-गुडी इमेज दिखाना चाहते हैं और हम भी उनकी उसी इमेज को देख सच समझ लेते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। उस वक्त आप वह देख रहे होते हैं, जो सामने वाला आपको अपने बारे में यकीन दिलाना चाहता है, लेकिन जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो। फर्स्ट इंप्रेशन से गलतफहमी भी हो सकती है, बल्कि इंप्रेशन में गलतफहमी की बड़ी गुंजाइश होती है। हम किसी को ठीक से जानने की कोशिश तो करते नहीं, बस खटाखट एक इमेज बना डालते हैं। ऐसा नहीं कि वह इमेज हमेशा गलत होती है, लेकिन वह गलत भी हो सकती है, इसीलिए अपने फर्स्ट इंप्रेशन को जांचने की जरूरत होती है। उस पर फिर से सोचना होता है। अगर कोई गड़बड़ी नजर आती है तो उसे ठीक भी कर लेना चाहिए। कुछ भी हो, एक बार विचार तो करना ही चाहिए।

लोगों को जज ना करें

पहली मुलाकात में कोई अच्छा है या बुरा इसे जज ना करें। हो सकता है कि सामने वाला अच्छा ही हो। किसी को जज करने में इतनी जल्दबाजी क्यों? पहले उससे कुछ एक बार मिल लें, उसे समझ लें, फिर कोई राय बनाएं।

गुडी-गुडी इमेज क्रिएट कर रहा हो

जब कोई किसी से पहली बार मिलता है तो केवल अपना बेस्ट पार्ट ही दिखाने की कोशिश करता है। फिर चाहे वह हम हो या सामने वाला। हम सभी सामने वाले पर अपनी छाप छोड़ देना चाहते हैं। भले ही ऐसा करने के पीछे कोई गलत मकसद ना हो, लेकिन इसे मानव स्वभाव कहा जा सकता है, क्योंकि कहीं न कहीं हम सामने वाले को इंप्रेस करना चाहते हैं। जरूरी नहीं है कि फर्स्ट इंप्रेशन के दौरान क्रिएट की गई इमेज उतनी ही गुडी हो, जितनी नजर आ रही है।

हम पर्सनल हो जाते हैं

कई बार पहली बार मिलने पर कोई इतने प्यार से मिलता है और इतना इमोशनली अटैच हो जाता है कि उन्हीं कुछ पलों में कई बार हम उसके सामने अपने दिल का हर हाल, हर राज खोल देते हैं। बाद में पता चलता है कि यह व्यक्ति तो सोसाइटी में नारद मुनि के नाम से मशहूर है। अब शायद आपका कोई राज आपका ना रहे, क्योंकि इसे वह आदतन कब गॉसिप बना ले कहा नहीं जा सकता है। इससे आपको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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