sundarta ka parikshan
sundarta ka parikshan

Hindi Motivational Story: बात उन दिनों की है जब इटली के प्रख्यात कलाकार माइकल एंजलो की पूरे यूरोप में चर्चा थी। उनकी लोकप्रियता देखकर एक चित्रकार उनसे बड़ी ईर्ष्या करता था। वह सोच रहा था कि लोग उसकी प्रशंसा क्यों नहीं करते? क्यों ना वह एक ऐसा चित्र बनाए, जिसे देखकर लोग माइकल को भूल जाएँ। यह सोचकर उसने एक स्त्री का चित्र बनाना शुरु किया। जब चित्र पूरा हो गया तो उसकी सुंदरता का परीक्षण करने के लिए वह उसे दूर से देखने लगा। उसमें उसे कुछ कमी लगी लेकिन कभी पकड़ नहीं आई।

संयोग से उसी समय माइकल एंजलो उस तरफ से जा रहे थे। उनकी नज़र चित्र पर पड़ी। उन्हें वह चित्र बहुत सुंदर लगा लेकिन उन्हें उसकी कमी भी समझ आ गई। उन्होंने चित्रकार से कहा ‘तुम्हारा चित्र तो बहुत सुंदर है पर इसमें जो कमी रह गई है वह कुछ खटक रही है। चित्रकार ने माइकल एंजलो को कभी देखा नहीं था। उसने सोचा यह कोई कला प्रेमी होगा। उसने कहा ‘कमी तो मुझे भी लग रही है।’ एंजलो ने कहा, क्या आप अपनी कूची देंगे। कूची मिलते ही एंजलो ने चित्र में बनी दोनों आँखों में काली बिंदिंयाँ बना दी। चित्र सजीव हो उठा। चित्रकार ने एंजलो से कहा, ‘धन्य हैं! तुमने सोने में सुगंध का काम कर दिया। मेरी चित्र की सुंदरता बढ़ाने वाले तुम हो कौन? एंजलो ने अपना परिचय दिया। वह बोला ‘आपकी कला-प्रवीणता और सज्जनता देखकर मैं शर्मिंदा हूँ।’

ये कहानी ‘नए दौर की प्रेरक कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंNaye Dore ki Prerak Kahaniyan(नए दौर की प्रेरक कहानियाँ)