Hindi Motivational Story: वे शहर के नामचीन डॉक्टर थे। लोग कहते थे डॉक्टर साहब मरे हुए व्यक्ति को भी जिं़दा करने की कला जानते हैं। उस दिन सुबह-सुबह ही उनके पास दो इमरजेंसी केस आए। पहला केस गाँव के एक गरीब व्यक्ति का था, जिसको साँप ने डस लिया था।
उसका पूरा परिवार बदहवास-सा गिड़गिड़ा रहा था – ‘डॉक्टर साहब! इन्हें बचा लीजिए, नहीं तो हम अनाथ हो जाएँगे।’ डॉक्टर साहब ने साँप के डसने की जगह पर एक छोटा-सा चीरा लगाया, फिर इंजेक्शन और दवाएं दी। वह व्यक्ति अब स्वस्थ था। दूसरा केस एक अभागी दुल्हन का था। शहर के जाने-माने व्यवसायी उसके ससुर ने उसे जिं़दा जलाने की कोशिश की थी। बहू के माता पिता बदहवास से गिड़गिड़ा रहे थे- ” डॉक्टर साहब हमारी बेटी को बचा लीजिए यह हमारी इकलौती संतान है। “डॉक्टर साहब ने उन्हें धीरज बँधाया और ऑपरेशन थियेटर में घुस गए। ऑपरेशन थियेटर के बाहर पूरे तीन घंटे तक लाल बत्ती जलती रही। तीन घंटे बाद जब डॉक्टर साहब थियेटर से बाहर निकले तो उनके माथे पर चिंता की लकीरें थीं। परिवार वाले कुछ पूछते, उससे पहले ही उनके मुँह से निकला, “जानवर का काटा एक बार बच भी जाए, पर आदमी का काटा…।”
ये कहानी ‘नए दौर की प्रेरक कहानियाँ’ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Naye Dore ki Prerak Kahaniyan(नए दौर की प्रेरक कहानियाँ)
