Metro mein Mila Mujhe Apna Valentine
Metro mein Mila Mujhe Apna Valentine

Love Story in Hindi: दिनांक 10 फरवरी, 2022 की वो सुहानी शाम जब मैं अपनी सहेली अपूर्वा शिरोडकर से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी। असल में उस दिन मैं लीव पर थी, इसलिए पूरे दिन का अपडेट लेने के लिए उसे कॉल कर लिया था। वह रोज की तरह शाम 6:45 को ऑफिस से  लौट कर मैट्रो से घर जा रही थी। अपूर्वा के पास में ही बैठा एक नौजवान हमारे गॉसिप पर जोर से हँसा और बोला “यह महिलाएं भी”, यह सुनते ही मैने क्रोधवश कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। फिर उस रात लगभग 9 बजे अपूर्वा का कॉल आया, वह बोली – वो लड़का मेरे घर के पास ही रहता है आज मैट्रो में अचानक मुलाकात हो गई। उसका नाम अभिषेक है, बहुत ही सज्जन और संस्कारी लड़का है। आसपास में उसका और उसके परिवार का बहुत नाम है। वैसे तो वह अपनी कार से ही आता-जाता है, परन्तु आज उसकी कार सर्विस सेंटर पर थी इसलिए मैट्रो में आया था, अपूर्वा बहुत ही उल्लास के साथ बोली। मैने बोला “थोड़ा रुक ले, तू तो शुरू हो गई, अभिषेक चरित्र का बखान करने लगी” ठीक है मान लिया पर क्या ऐसे किसी की बातें सुनकर हंसना चाहिए ? खैर चल अब कल ऑफिस में ही बात होगी, बाय। मैने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।

मुझे क्या पता था कि यह वीडियो कॉल की कहानी ऐसा मोड़ लेगी;
अगले दिन ऑफिस के काम में समय नहीं मिला और रोज की तरह शाम को ऑफिस से हम दोनों साथ में निकले, मैट्रो में बैठे तब पिछली शाम वाली बात और पूरे दिन की खैर-खबर आदि बातें करने लगे। अब लगभग 10-15 मिनट के बाद अपूर्वा अचानक जोर से हंसी और फिर चुप, ऐसा उसने 2-3 बार किया। मैने जब आश्चर्य से पूछा तो बोली कल वाला संस्कारी लड़का अभिषेक, सामने ही बैठा है। जैसे ही मेरी नजर उसकी तरफ पड़ी, मेरे तो मानो होश ही उड़ गए। इतना शान्त स्वभाव और ऊर्जावान चेहरा मैने आज तक नहीं देखा था। मानो जैसे पूरे शरीर में बिजली का करंट लग गया और हृदय में एक अनूठी सी लहर दौड़ गई। एक मिनट को लगा ही नहीं कि मैं कहां हूं या पास में कौन-कौन है। मैं बिल्कुल स्तब्ध सी चुप हो गई और अगले 4-5 मिनटों तक एक टक अभिषेक को ही देखती रही। तभी पता नहीं कब अपूर्वा का स्टेशन आ गया और वे दोनों साथ में बाय बोलते हुए उतर गए। अचंभा तो तब हुआ जब रात को लगभग 10 बजे अपूर्वा का कॉल आया और अभिषेक के मन की बात पता चली। वह भी मुझे देखते ही पसन्द कर लेगा, ऐसा मुझे बिल्कुल भी नहीं लगा था।

13 फरवरी को हम तीनों, मैं अपूर्वा और अभिषेक उसकी कार में ही ऑफिस से घर लौटे। कुछ खास बातें भी नहीं हुईं। परन्तु वह दिन मुझे आज भी याद है 14 फरवरी की सुबह अभिषेक की तरफ से लव प्रोपोजल के साथ एक सुंदर सा गिफ्ट हैम्पर और गुलाब के फूलों का गुलदस्ता, ढेर सारी चॉकलेट्स व टॉफियां मुझे मिलीं। वास्तव में मैं अपना दिल मैट्रो में उसी दिन हार चुकी थी, जब मैने उसे पहली बार देखा था। मुझे मेरा वेलेंटाइन ऐसे मैट्रो में मिलेगा, पता ना था। लव इन अ मैट्रो।