Hindi Love Story: “ये क्या है?” चीख़ बिखरी। हम आज भी ड्राइव पर थे और हमेशा की तरह वह मेरे बग़ल वाली सीट पर। मैंने अपना नया डेवलैपिंग ऐप उसे चेक करने के लिए दिया कि वह कुछ सलाह दे सके।
“क्या हो गया?”
“यह सब क्या नौटंकी है?” उसने ‘द प्लेयर्स’ वॉट्सअप ग्रुप मुझे दिखाते हुए कहा।
“दोस्तों का ग्रुप है। चड्डी फ्रेन्ड्स का। क्यों क्या हुआ? और तुम्हें ऐप चेक करने के लिए दिया था,मोबाइल या वॉट्सऐप नहीं।”
“तुम्हारा चड्डी ग्रुप हो या नाड़ा ग्रुप। इसमें लड़कियों की नंगी फोटो, पोर्न और वलगर मैसेज, गाली गलौच के अलावा कुछ नहीं। बहुत रस आता है तुम्हें दूसरी लड़कियों को नंगी देखने में?” वह चिल्ला ही रही थी।
“अरे यार ऐसा कुछ नहीं। जस्ट मज़ा-मस्ती है, और बहुत कॉमन बात है ये तो। इसमें क्या हो गया। तुमने नहीं देखा कभी?”
“देखा, लेकिन जानने के लिए देखा। डूबने के लिए नहीं। तुम सोचकर देखना वो ख़ौफ़नाक मंज़र तुम्हारे समाज का; जिस दिन हम लड़कियाँ तुम लोगों से आधी भी सेक्सुअल हो गईं। तुम इन नशेबाज अपवादों को देख कर मेरे साथ आओगे, तो मुझसे भी वैसे ही शरीर की उम्मीद रखोगे या ख़यालों में इनके साथ होओगे? लड़कियों में शरीर के अलावा कुछ दिखता नहीं तुम लोगों को? तुम को इन सब में रस आता है तो इसका मतलब मुझसे प्यार का पाखण्ड करते हो?”
“माफ़ कर दो माता। अब ग़लती से मेल होकर जन्म ले लिया तो क्या सेक्स चेन्ज करा लूँ?” मैंने सीधी बहस को टाला और बात मस्ती की तरफ़ ले जाने की कोशिश की।
“सुनो गधे मेल! यह तो नहीं कहूँगी की ग्रुप छोड़ दो, पर इसमें आए फोटो और वीडियोज़ डाउनलोड करने की ज़रूरत क्या है?”
उसका स्वर तुरन्त ही ढलान पर आया- “यह आदत छोड़ दो प्लीज़।”
“जी, कोशिश करूँगा देवी जी।” मैंने सर झुकाते हुए हाथ छाती पर रख कर सफेद झूठ कहा।
आख़िर एक ही ज़िन्दगी नसीब हुई है; मरना तो है ही, बेक़सूर क्यों मरुँ?
ये कहानी ‘हंड्रेड डेट्स ‘ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Hundred dates (हंड्रेड डेट्स)
