World Milk Day: दूध हमारी डाइट का अहम हिस्सा है। आज की आधुनिक जीवन शैली में भले ही खान-पान की आदतों में बदलाव आए हैं, लेकिन दूध की अहमियत अभी भी बरकरार है। डाइट में दूध ही नहीं दूध से बने पदार्थ शामिल किए जाते हैं जैसे-दही, लस्सी-छाछ, पनीर, मक्खन, आइसक्रीम इत्यादि। वैज्ञानिकों ने तो पौष्टिक तत्वों से भरपूर दूध को कम्प्लीट डाइट यानी संतुलित और संपूर्ण आहार का दर्जा भी दिया है। दूध में कैल्शियम, फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वॉटर-फैट सॉल्युएबल विटामिन, फास्फोरस, सेलेनियम, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स मिलते हैं जो हमारी बॉडी के लिए जरूरी होते हैं। छोटे हों या बड़े, सभी के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के समुचित विकास और कई बीमारियों से बचाने में दूध अहम भूमिका निभाता है।
दूध पीना कितना है जरूरी

जैसा की हम सभी जानते है कि दूध पीना सभी के लिए बेहद जरूरी है। एक दिन में 2 साल तक के बच्चों को डेढ से दो लीटर दूध दे सकते हैं। आहार लेना शुरू करने पर 5 साल तक के बच्चों को तकरीबन 1 लीटर दूध पीना चाहिए। 5-18 साल तक के किशोर 750 मिलीलीटर दूध ले सकते हैं। 18 से बड़ी उम्र के लोग दिन में आधा लीटर दूध या दूध से बनी चीज़े ले सकते हैं।
सप्लीमेंट्स नहीं है जरूरी
आहार विशेषज्ञ मानते हैं कि चूंकि दूध कम्प्लीट फूड है, इसलिए उसमें कोई न्यूट्रीशियन युक्त सप्लीमेंट मिलाने की जरूरत नहीं होती। लेकिन कुछ कंडीशन हैं जिसमें सप्लीमेंट्स मिलाए जा सकते हैं जैसे- उन्हें कोई बीमारी हो, कुपोषण का शिकार हो, खाना ठीक से न खाता हो, दाल-सब्जी न खाता हो। बीमारी या सर्जरी के बाद हाई एनर्जेटिक फूड की आपूर्ति के लिए दूध में सप्लीमेंट मिला सकते हैं। सप्लीमेंट मिलाने से बेहतर है कि बच्चों को अलग-अलग वैराइटी के मिल्क शेक या स्मूदी बना कर देना चाहिए।
दूध पीना है फायदेमंद

छोटे हों या बड़े, दूध सभी के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के समुचित विकास और कई बीमारियों से बचाने में दूध अहम योगदान देता है। वैज्ञानिकों के हिसाब से जो व्यक्ति बचपन में ठीक से दूध नहीं पी पाते, वे आमतौर पर हाइपो-कैल्सीमिया या कैल्शियम की कमी से जूझते है। भविष्य में उन्हें डेंटल प्रॉब्लम, ब्रेन डेवलेपमेंट में कमी, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टोपीनिया, ऑस्टो मलेशिया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। उन्हें मसल्स प्राब्लम, कमजोरी, थकावट, लेथार्जिकनेस, एक्जिमा, डिप्रेशन, पीएमएस मैन्सचुरेटिड जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
पीरियड्स में फायदेमंद है दूध का सेवन
उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में होने वाले पीरियड्स और उसमें होने वाली परेशानियों को कम करने में दूध सहायक होता है। दूसरा दूध महिलाओं को मां बनने के लिए अंदरूनी मजबूती प्रदान करता है। मोनोपॉज की स्टेज पर पहुंची महिलाओं की हड्डियों से कैल्शियम के क्षरण और ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरे से भी बचाता है। 60 साल से बड़े लोगों को अक्सर कब्ज या डायजेशन संबंधी समस्याएं होती हैं, रात को सोने से पहले गर्म दूध पीना उनके लिए लाभदायक रहता है।
इम्यूनिटी होती है बूस्ट

गर्म दूध में एक छोटा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है। खासकर बदलते मौसम में हल्दी मिला दूध का सेवन कई बीमारियों से बचाता है। दूध में मौजूद सोडियम और पोटेशियम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने में मदद करते है। शरीर को डिहाइड्रेट होने से भी बचाता है। राइबोफ्लेविन का महत्वपूर्ण स्रोत होने के कारण दूध कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को तोड़कर शरीर को एनर्जी प्रदान करने में मदद करता है। पानी में घुलनशील होने के कारण राइबोफ्लेविन शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई करता है जिससे वे सक्रिय रहते हैं। दिन भर एनर्जी पाने के लिए ब्रेकफास्ट में दूध का सेवन फायदेमंद है। जबकि वर्कलोड या किसी भी वजह से तनावग्रस्त होने पर अनिद्रा से परेशान हो। तो रात को सोने से पहले गर्म दूध पीना फायदेमंद है। दूध में मौजूद विटामिन डी सेरोटोनिन हार्मोन के स्तर को बढाता है जिससे मसल्स रिलेक्स होती हैं, थकान मिटती है, तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है।
मजबूत होती हैं हड्डियां
दूध विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में मदद करता है जो हड्डियों, दांतों और बालों के विकास, स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। कैल्शियम सिर्फ कम उम्र के बच्चों के विकास में ही मदद नही करताए बल्कि बड़ी उम्र में होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टोपीनिया, ऑस्टो मलेशिया और आर्थराइटिस के जोखिम को कम करने में मदद करता है। कैल्शियम, लैक्टोज और विटामिन डी से भरपूर दूध कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। दूध का नियमित सेवन कोलोरेक्टल और डिम्बग्रंथि कैंसर को रोकने में मदद करता है।
गुड कोलेस्ट्रॉल

दूध संयुग्मित लिनोलिक एसिड और ओमेगा 3 फैटी एसिड का उत्कृष्ट स्रोत है, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल एचडीएल को मेंटेन करके हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद करता है। दूध में मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है और कार्डियोवस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करता है। नायसिन, विटामिन बी 3 और बी12 हमारे नर्वस सिस्टम और डीएनए के ब्लड वैसल्स के लचीलेपन को मेंटेन करता है जिससे हाइपरटेंशन को कंट्रोल करता है।
करता है फैट बर्न
वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि इसमें अच्छी क्वालिटी का बी 3 होता है जो हमारे वजन को मेंटेन रखता है। संयुग्मित लिनोलिक एसिड शरीर में जमा फैट को बर्न करने में मदद करता है। लैक्टोज़ कार्बोहाइड्रेट के साथ दूध इसमें मौजूद शूगर डायजेशन की प्रक्रिया केा धीमा करती है। काफी समय तक पेट भरे होने का अहसास से इंटेक में कमी होती है जो वजन कम करने में सहायक है। दूध डायजेशन संबंधी समस्याएं भी दूर करता है। एसिडिटी और उससे होने वाली जलन की समस्या होने पर ठंडा दूध राहत पहुंचाता है। जबकि डायजेशन में गड़बड़ी होने पर जैसे कब्ज की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीना फायदेमंद है।
स्किन को बनाए मुलायम

दूध में प्रोटीन के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, अमीनो एसिड और फास्फोरस जैसे मिनरल्स होते है जो शरीर को एंजाइम बनाने, मसल्स के निर्माण, डैमेज सेल्स को रिपेयर करने और स्किन के टिशूज को विकसित करने में मदद करते हैं। दूध मे मौजूद लैक्टिक एसिड डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद करता है और स्किन को मुलायम बनाता है। दूध के एंजाइम्स त्वचा को मॉश्चराइज करने में मदद करते है। विटामिन ए से भरपूर दूध का नियमित सेवन फ्री रेडिकल्स को शरीर से बाहर निकालने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है जिससे स्किन पर उम्र बढ़ने का प्रभाव कम होता है। दूध का नियमित सेवन स्किन को सॉफ्ट बनाने में मददगार है। साथ ही कच्चा दूध या मलाई ड्राई स्किन पर फेस मास्क की तरह लगा कर धोने से स्किन मुलायम होती है।
(डॉ रचना कटारिया, आहार विशेषज्ञ, कटारिया डाइट क्लीनिक, दिल्ली)