cancer treatment new research: द गार्जियन की रिपोर्ट की मानें तो नए अध्ययनों से पता चलता है कि चलने और योग का अभ्यास करने से कैंसर रोगियों में थकान कम होती है और इससे इस रोग का जोखिम भी कम होता है। दुनिया के सबसे बड़े कैंसर सम्मेलन अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (एएससीओ) की वार्षिक बैठक में तीन अध्ययन प्रस्तुत किए गए।
पहले अध्ययन में, रोचेस्टर मेडिकल सेंटर विश्वविद्यालय ने देश भर से 500 से अधिक रोगियों पर स्टडी की, जिनकी औसत आयु 56 वर्ष थी। इन रोगियों को योग का अभ्यास करने के लिए सेलेक्ट किया गया। जो लोग योग का अभ्यास करते थे उनमें प्रो-इंफ्लेमेटरी मार्करों का स्तर काफी कम पाया गया था। यही सूजन ट्यूमर को बढ़ने और पूरे शरीर में फैलने में मदद करती है।
New studies suggest that walking and practicing yoga fight fatigue in cancer patients and lower the risk of it spreading, returning or resulting in death. https://t.co/XqvTcZSlO8 pic.twitter.com/ytheQrqE78
— WebMD (@WebMD) June 7, 2023
अध्ययन के लेखकों ने कहा, “हमारा डेटा बताता है कि योग कैंसर से बचे लोगों में सूजन को काफी कम करता है।” एक अन्य अध्ययन में रोचेस्टर के शोधकर्ताओं ने थकान और जीवन की गुणवत्ता पर योग के प्रभाव की जांच की। प्रतिभागियों को दो समूहों में रखा गया था।
एक ग्रुप योग करता था। शोध से पता चला कि योग ने थकान और जीवन की गुणवत्ता दोनों में सुधार करने में मदद की।

द गार्जियन ने लिखा, “तीसरे अध्ययन में पाया गया कि कैंसर के जो सक्रिय मरीज हैं, उनके मरने का खतरा लगभग कम हो सकता है।” वहीं जो लोग किसी तरह की एक्टिविटी का हिस्सा नहीं रहते उनकी मृत्यु का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है।