क्या आपको कढ़ी बहुत पसंद है? इसके नाम से ही आपका मन करने लगता है कि आप इसे खाएं तो आपकी यह पसंद कमाल की है। ऐसा इसलिए क्योंकि कढ़ी के इतने लाभ हैं कि जानकर आप खुश हो जाएंगे। लेकिन सबसे यह जानते हैं कि कढ़ी राजस्थान से हम सबकी डाइट में शामिल हुआ और इसकी इतनी वेरायटी बन सकती है कि आपको मजा आ जाएगा। कढ़ी की सबसे आम रेसिपी पकौड़े वाली है, जिसे चावल के साथ खाकर आनंद मिल जाता है। इस तरह की कढ़ी अमूमन सभी बनाते हैं लेकिन कढ़ी की और वेरायटी जानने के लिए हम आगे इस आर्टिकल को पढेंगे। साथ ही हम इस स्वादिष्ट कढ़ी के हेल्थ बेनेफिट्स के बारे में भी जानेंगे।
कढ़ी को शामिल करें अपनी डाइट में
हाल ही में सेलेब्रिटी डाइटीशियन ऋजुता दिवेकर ने भी कढ़ी के कई फ़ायदों के बारे में अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट पर लिखा है। अपने फिटनेस प्रोजेक्ट के एक हिस्से के तौर पर ऋजुता ने यह बताया है कि नियमित तौर पर कढ़ी का सेवन हमारी बॉडी के लिए क्या करता है। और अगर आपने वेट लॉस आइडिया के चलते कढ़ी का सेवन बंद कर दिया है तो अब आपको अपनी डाइट में फिर से कढ़ी को शामिल करने की जरूरत है।
कढ़ी के फ़ायदे
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ऋजुता दिवेकर अपने इन्स्टाग्राम के एक वीडियो में कढ़ी के फ़ायदे पर जोर देते हुए कहती हैं कि बेदाग़ और खूबसूरत स्किन के साथ ही आसान पाचन के लिए आपको कढ़ी को वापस अपनी डाइट में शामिल करना ही चाहिए। परंपरागत कढ़ी और इसके जैसे बनने वाली अन्य डिशेज अम्बिल, खेरू, कलन 2,000 साल पुराने हैं। आयुर्वेद ने गर्मी के मौसम में कढ़ी का इस्तेमाल भूख बढ़ाने, रिकवरी बूस्ट अप करने और स्किन हेल्थ को परफेक्ट करने के लिए किया है।
गर्मी में भूख खत्म या कम होना

ऐसा लगभग सबके साथ होता है कि उन्हें गर्मी के मौसम में बहत कम भूख लगने लगती है। ऐसे में कढ़ी आपकी भूख बढ़ाने का काम करता है। गर्मी के मौसम में पर्यावरण में व्याप्त गर्माहट से आपकी स्किन और पेट पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है। पेट में मरोड़ होने लगता है, पीरियड्स के समय दर्द ज्यादा होता है, कब्ज, गैस ना जाने कितने तरह की समस्याएं अक्सर होने लगती हैं। डिहाइड्रेशन जो होता है, वह तो अलग ही बात है! दोपहर के समय ऐसा महसूस होता है मानो गर्मी ने अपनी चरम सीमा पार करके अपने आगोश में हम सबको ले लिया हो। और यही वह समय है, जब कुछ भी या बहुत कम खाने का मन करता है। आपका पाचन तंत्र भी सही नहीं रहता। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन बी 12 लेवल कम हो जाता है और कम होते गट बैक्टीरिया भूख भी कम कर देते हैं। ऐसे में दही के साथ बेसन को मिक्स करके और ऊपर से मसालों के साथ करी पत्तों का छौंक प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक को आपकी डाइट में जोड़ता है। खासकर तब जब आप इसे चावल के साथ खाते हैं। ऋजुता दिवेकर के अनुसार, कढ़ी और चावल प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक का परफेक्ट कॉम्बिनेशन हैं और साथ ही इसमें एमिनो एसिड प्रोफ़ाइल भी रहता है। इस तरह से यह एक कंप्लीट मील बन जाता है।
कढ़ी को अपनी डाइट में जोड़ने के अन्य लाभ
आपको यह जानकर शायद आश्चर्य हो लेकिन सच तो यही है कि कढ़ी ब्लॉटिंग, कब्ज और एक्ने को भी ठीक करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। साथ ही अगर किसी को माइग्रेन की शिकायत है या उसे मूड स्विंग्स होते हैं तो भी कढ़ी का सेवन कारगर है, कहती हैं ऋजुता दिवेकर। आगे वह कहती हैं कि अगर हमने अभी से कढ़ी के रिवाइवल पर काम नहीं किया, इसको अपनी डाइट में फिर से शामिल करना शुरू नहीं किया तो यह जल्दी ही खो जाएगा।
कढ़ी में आयरन और प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में होता है, जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने का बढ़िया माध्यम है। बेसन कोलैजन फॉर्मेशन को बूस्ट करता है और इसमें एंटी- इन्फ्लेमेट्री गुण भी होते हैं। ये सब मिलकर एक्ने, डार्क स्पॉट्स और स्किन संबंधी अन्य समस्याओं को कम करते हैं। चूंकि इसमें फोलेट, विटामिन बी 6, और आयरन होता है तो यह प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत अच्छा है। यह शिशु के विकास में मदद करता है और आपकी बॉडी को पोषण देकर मिसकैरेज के चांसेज को कम करता है।
मैग्नीशियम में समृद्ध कढ़ी आपके मसल्स को रिलैक्स करता है और ह्रदय के स्वास्थ्य को मैनेज करने में सहायक है। फॉस्फोरस लिपिड मेकैनिज्म को नियमित करने में मदद करता है। कढ़ी में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो डायबिटीक लोगों के लिए परफेक्ट फूड है। सबसे मजेदार और काम की बात तो यह है कि यह वेट लॉस में भी मदद करता है। बेसन में गेंहू से ज्यादा गुड फैट और प्रोटीन होता है, इसमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, फोलेट और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। इसमें व्याप्त दही या छाछ आपकी इम्युनिटी को बनाकर वजन कम करने में मदद करते हैं।
कई तरह की कढ़ी

हर परिवार के कढ़ी की अलग- अलग रेसिपी होती है। अमूमन लोग इसे बेसन के साथ बनाते हैं, जिसमें बेसन के पकौड़े डाले जाते हैं। पकौडों में भी वेरायटी बनती है। कुछ लोग सिर्फ बेसन के पकौड़े बनाते हैं तो कुछ उसमें प्याज मिक्स करके। कुछ लोगों को कढ़ी में बेसन की बूंदी अच्छी लगती है कुछ को पापड़। पापड़ से स्वाद थोड़ा तीखा हो जाता है, जो बहुत स्वादिष्ट लगता है। कुछ लोग कढ़ी बनाते समय प्याज और टमाटर को पहले भूनते हैं, फिर इसमें दही और बेसन का घोल डालकर कढ़ी बनाते हैं। ऋजुता दिवेकर कहती हैं, कई जगह पर दही को रागी जैसे अनाज के पाउडर के साथ मिलाकर कढ़ी बनाई जाती है। कहीं कुलिथ जैसी दाल के साथ मिलाकर अम्बिल बनाया जाता है और मौसमी सब्जी खीरा के साथ मिलाकर खेरू।
कढ़ी के इतने फ़ायदे जानकर आप आज या कल ही अपने घर कढ़ी बनाइये और सबको इसके लाभ के बारे में जरूर बताइए।
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