Sleep and Blood Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही सबसे पहले हर किसी के जहन में ये बात तो जरूर आती है कि, ये एक बुरी बीमारी है। लेकिन ये हमेशा बुरी हो, ऐसा जरूरी नहीं है। कोलेस्ट्रॉल शरीर की विटामिन डी को प्रोड्यूस करके कुछ हार्मोंस के बनने में भी मदद करता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि शरीर में ब्लड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की वजह अनहेल्दी डाइट होती है। लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है।
ब्लड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के लिए जिम्मेदार कहीं ना कहीं नींद भी है। अगर नींद की कमी होगी तो ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है। साथ ही नींद का जरूरत से ज्यादा कम या जरूरत से ज्यादा होना भी खतरे की घंटी हो सकता है। नींद के डिस्बैलेंस होने से कोलेस्ट्रॉल के साथ ब्लड प्रेशर और ट्रायग्लिसरसाइड का लेवल भी बढ़ सकता है।
हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल का खतरा किसे

एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर 20 साल से ज्यादा के युवाओं को ब्लड कोलेस्ट्रॉल की नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए। आप चाहें तो ये ब्लड टेस्ट साल में दो बार करवा सकते हैं। वहीं 45 साल की उम्र वाले पुरुष और 50 साल कि उम्र वाली महिलाएं जो ज्यादा स्मोकिंग करते हैं, और जिनके पारिवारिक इतिहास में हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल की शिकायत हो, उन्हें खासतौर पर अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर जरूर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा अगर खान-पान खराब और असंतुलित है, या आप व्यायाम या एक्सरसाइज नहीं करते, और तनाव में हैं तो, ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल के बढ़ने का खतरा हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल और नींद में कनेक्शन

एक्सपर्ट्स के मुताबिक नींद और कोलेस्ट्रॉल का एक दूसरे से गहरा कनेक्शन है। रिसर्च के मुताबिक बहुत ज्यादा सोने या बहुत कम सोने का असर सीधा लिपिड पर पड़ता है। लगभग 5 घंटे की नींद लेने पर हाई ट्राईग्लिसराइड और लो एचडीएल का खतरा बढ़ सकता है। वहीं 8 घंटे से ज्यादा सोने पर भी सेम रिजल्ट ही देखने को मिल सकता है। वहीं बात अगर कोलेस्ट्रॉल और नींद के कनेक्शन की करें तो जो व्यक्ति हर रोज 6 घंटे से कम सोता है तो उसे कार्डियोवैस्कुलर डिसीज के बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है। वहीं ऐसे लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल वाली चीजों को खाने की भूख बढ़ जाती है। जिससे स्ट्रेस लेवल भी बढ़ता है और फिजिकली एक्टिविटी भी कम हो जाती है।
लाइफस्टाइल में सुधार की जरूरत

एक हेल्दी नींद की आदतों के प्रति सुधार करने के अलावा ऐसी कई चीजें हैं जिनकी वजह से हाई कोलेस्ट्रॉलऔर दिल से जुड़ी बिमारी से बच सकते हैं। जिसमें सबसे पहली चीज है आहार। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए मांस, मक्खन, पनीर और अन्य हाई कोलेस्ट्रॉल वाले डेयरी प्रोडक्ट्स से बचें। अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करें, जिसमें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सके। जिसमें नट्स, एवोकाडो और ऑलिव आयल सहित जई शामिल है।
वहीं ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल ना बढ़ पाए, इसके लिए हफ्ते में तीन से चार बार अपने दिन में कम से कम 40 मिनट की वाक जरूर करें। अगर वाक करना बस की बात नहीं है तो साइकिलिंग, जोगिंग, स्विमिंग जैसी गतिविधियों को करने की कोशिश करें। जिससे शरीर हिलता डुलता रहे और दिल की गति भी सही रहे।
ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल प्रभावित ना हो इसके लिए सही नींद लें। और ध्यान रखें ना वो कम हो और ना ही ओवर। क्योंकि नींद की वजह से न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है बल्कि इससे वायरल इन्फेक्शन, वजन बढ़ना और डायबिटीज जैसी तमाम समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा नींद से जुड़ी समस्या का समाधान पाने के लिए डॉक्टर की भी मदद ली जा सकती है।