किसी भी महिला के लिए जो गर्भवती है, उसके व गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए सम्पूर्ण भोजन बहुत जरूरी होता है, पर ऐसे समय में जहां कुछ महिलाएं बहुत ज्यादा मात्रा तो कुछ बहुत कम मात्रा में भोजन खाना शुरू कर देती हैं क्योंकि उनको अपने वजन बढ़ने की चिंता सताती है, जिसके चलते वो खाना तो खाती हैं, पर तुरंत खाना उगल देती है ऐसी अवस्था एनोरेक्सिया या बुलीमिया को जन्म देती है।
- अगर आप खान-पान की आदतें बदल कर उन्हें नियमित कर लेती हैं तो आपके यहां भी स्वस्थ शिशु का जन्म होगा।
- अपने डाॅक्टर को इस बारे में बता दें वरना हालत और भी बिगड़ सकती है क्योंकि अगर आप बुलीमिया की दवाएं ही जारी रखेंगी तो शिशु के विकास को खतरा हो सकता है। इन दवाओं के नियमित प्रयोग से भ्रूण असामान्य भी हो सकता है। डाॅक्टर की राय के बिना किसी भी गर्भवती स्त्री को इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- बुलीमिया के कारण गर्भपात, समय से पहले प्रसव या अवसाद का खतरा बढ़ जाता है। अब आप अपनी पुरानी आदतें छोड़ कर, शिशु व अपनी सेहत का ध्यान रखें। अगर ऐसा करने में दिक्कत हो तो किसी की मदद लें।
- गर्भावस्था में सही तरीके से वजन न बढ़ने पर कई तरह की दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। हो सकता है कि शिशु अपनी गैस्टेशनल आयु से छोटा पैदा हो। आपको समझना होगा कि गर्भावस्था में वजन बढ़ाना कितना मायने रखता है।
- गर्भावस्था में आपके शरीर का गोल आकार इस बात का संकेत देता है कि नन्हा शिशु सही तरीके से बढ़ रहा है। आपको भी अपने शरीर का वही आकार पाना चाहिए।
- सही समय पर सही आहार लेने से आपको वजन बढ़ाने में कोई मुश्किल नहीं होगी। इस बारे में निश्चिंत रहें कि प्रसव के बाद आपका शरीर फिर से अपने आकार में आ जाएगा और आप एक स्वस्थ शिशु की मां की बन पाएंगी।

- आप भूखी रहती हैं तो शिशु को भी भूख लगती है। शिशु काफी हद तक पोषक तत्वों के लिए आप पर निर्भर है। आप नहीं खाएंगी तो वह भी भूखा रहेगा। अगर उल्टी की वजह से पोषक तत्व शरीर से निकलते रहे तो शिशु को विकसित होने का पूरा मौका नहीं मिलेगा।
- व्यायाम की मदद से भी आप अपना वजन सही तरीके से बढ़ा सकती हैं। बस इतना ध्यान रखें कि आपका वह व्यायाम आपकी गर्भावस्था के अनुसार होना चाहिए। इस बारे में आपको डाॅक्टर से पूछना होगा। जरूरत से ज्यादा और तेज व्यायाम आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- प्रसव के फौरन बाद वजन नहीं घटता। औसतन इसे धीरे-धीरे घटाया जाता है। अपने पुराने फिगर में लौटने के लिए थोड़ा ज्यादा समय भी लग सकता है। बुलीमिया से ग्रस्त महिलाएं, प्रसव के बाद नकारात्मक सोच रखते हुए दोबारा वहीं आदतें अपना लेती है। वे चाह कर भी सही तरीके से अपने शिशु को स्तनपान नहीं करा पातीं। ऐसी महिलाओं को प्रसव के बाद भी अपने विशेषज्ञ से सलाह लेते रहना चाहिए ताकि खान-पान की गलत व अनियमित आदतों को सुधारा जा सके।
- सबसे जरूरी बात तो यही है कि गर्भावस्था में आपकी सेहत से ही शिशु की सेहत जुड़ी है। अगर आप स्वस्थ नहीं हैं तो शिशु भी स्वस्थ नहीं हो सकता। अपने घर, आॅफिस फ्रिज, मेज या दराज पर स्वस्थ, हंसते-खिलखिलाते शिशुओं के चित्र लगाएं ताकि आपको प्रेरणा मिल सके।
- कल्पना करें कि आप जो कुछ भी खा रही हैं उसके पोषक तत्व शिशु तक पहुंच रहे हैं। यदि डिसआॅर्डर पर काबू पाना मुश्किल हो तो चिकित्सक की सलाह से अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाएं।
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