मिलेजुले भाव

हर किसी को लगता है कि जुड़वाँ बच्चों को अपना मजा है लेकिन हम दोनों काफी निराश और डरे हुए हैं। हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है?”

कुछ भी नहीं! आमतौर पर शिशु के जन्म से पहले सपनों में दो छोटी कुर्सियां, पालने या बिस्तरे नहीं दिखते। आप एक शिशु के लिए स्वयं को शारीरिक, मानसिक रूप से तैयार करती हैं और आपको अचानक पता चलता है कि दो शिशु आने वाले हैं। निराशा तो होनी ही है। अचानक आपके ऊपर दोहरी जिम्मेदारियाँ पड़ जाती हैं।

वैसे कुछ माता-पिता ऐसी खबर सुन कर जल्दी संभल जाते हैं व दिल से इसका स्वागत करते हैं। आपको यह सुन कर झटका सा लगा क्योंकि हम कभी भी कल्पना में दो शिशुओं को खिलाते, सुलाते या झुलाते नहीं देखते। जब अचानक पता चलता है कि एक नहीं दो या तीन शिशु आने वाले हैं तो निराशा होना स्वभाविक ही है। आने वाले शिशु की जिम्मेवारियाँ बढ़ने का डर ही काफी होता है।

आपको इस बारे में सोच कर शर्मिंदा नहीं होना चाहिए और न ही घबराना चाहिए।डिलीवरी से पहले वाले कुछ महीनों में अपनी सोच को आने वाले दो शिशुओं पर केंद्रित कर दें। पति-पत्नी आपस में खुल कर ईमानदारी से बातचीत करें। जो कोई इस बारे में जानकारी रखता हो या जिसके जुड़वाँ बच्चे हो, उससे इस बारे में बात करें। इस तरह आपको पता चलेगा कि आप पहले माँ-बाप नहीं हैं, जिनके यहाँ एक से अधिक शिशु जन्म लेंगे। इस तरह आपके मन में अपनी गर्भावस्था के लिए उमंग पैदा होगी और आपको एहसास होगा कि जुड़वां बच्चे आने पर जिम्मेवारियों के साथ-साथ खुशियाँ भी दुगनी होंगी।

असंवेदनशील वाक्य

‘‘मैंने अपनी सहेली को जुड़वाँ बच्चों के बारे में बताया तो वह काफी असंवेदनशील तरीके से पेश आई। उसने ऐसा क्यों किया?”

हो सकता है कि जुड़वाँ बच्चों की गर्भावस्था में आपके साथ पहली बार यह वाकया हुआ हो। लेकिन इसे आखिरी न मानें।सभी सहकर्मी, मित्र, परिवार जन अलग-अलग तरीके से इस बारे में अपनी राय देते रहेंगे।अलग-अलग तरह की छींटाकशी करेंगे।

दरअसल वे जानते ही नहीं कि ऐसी खबर मिलने पर उनकी क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए। वैसे तो बधाई हो! कहना काफी है लेकिन उन्हें लगता है कि इस खास खबर पर कोई खास बात कहनी चाहिए। उन्हें सही प्रतिक्रिया का पता नहीं होता इसलिए वे गलत जवाब दे बैठते हैं। हालांकि उनकी नीयत में कोई बुराई नहीं होती।

ऐसी रूखी प्रतिक्रिया से बचने का उपाय यही है कि आप इसे निजी रूप से व गंभीरता से न लें। याद रखें कि सामने वाला आपका शुभचिंतक है। वह आपका बुरा कभी नहीं चाहेगा।

लोग मुझसे अक्सर ऐसे सवाल पूछते रहते हैं कि मेरे परिवार में जुड़वाँ ही पैदा होते हैं या मैंने कोई इलाज कराया था। मुझे यह कहने में कोई शर्म नहीं कि मैंने दवाओं के जरिए गर्भधारण किया है लेकिन मैं इस जानकारी को अजनबियों के साथ नहीं बाँटना चाहती।

मल्टीपल कनेक्शन

आप मल्टीपल कनेक्शन से जुड़ सकती हैं यानी ऐसी महिलाओं से मिलें, जिन्होंने जुड़वां शिशुओं को जन्म दिया हो इस तरह आप अपने डर, शंका व जिज्ञासाओं को शांत कर सकती हैं। जब भी डॉक्टर से मिलें, इस बारे में सवाल पूछें ताकि आपके मन में कोई शक न रहे।

मल्टीपल प्रेगनेंसी से जुड़ी किताबें या आनलाइन जानकारी भी आपके काम आ सकती है।

गर्भवती महिला सबके आकर्षण का केंद्र होती है अगर आप जुड़वाँ को जन्म देने वाली हैं तो यह खबर और भी खास हो जाती है और आप सबके लिए कौतूहल का विषय हो जाती हैं। अनजान लोग भी आपके निजी जीवन में तांक-झांक करने लगते हैं। दरअसल वे सिर्फ अपना कौतूहल मिटाने के लिए ऐसे सवाल पूछते हैं। उन्हें इस बारे में बातचीत करने का सामान्य शिष्टाचार पता नहीं होता। अगर ऐसा कोई मिल जाए तो उसे अपने मामले में छोटी से छोटी बात बताना शुरू कर दें। पहले हमने फलां दवा ली, फिर हम उस क्लीनिक में गए,फिर उस डॉक्टर से मिले। इस तरह वह जल्दी ही उकता जाएगा और वहां से भागने की कोशिश करेगा।

या फिर आप निम्नलिखित जवाब भी दे सकती हैं-

  • आप क्यों पूछना चाहते हैं? हो सकता है कि उनके पास यह सब पूछने की कोई वाजिब वजह हो। अगर न हो तो इसके बाद उनकी किसी बात का जवाब न दें।
  • हमने एक रात में दो बार सेक्स किया था चाहे आपने ऐसा सिर्फ हनीमून के समय किया हो लेकिन इससे उनकी जुबान पर ताला लग जाएगा।
  • हाँ, अब तो परिवार में जुड़वाँ होंगे। इस तरह उन्हें जवाब भी मिल जाएगा और वे अपना अंदाजा भी लगाते रहेंगे।
  • मैंने बड़े प्यार से उन्हें अपने गर्भ में धारण किया है।
  • अगर कोई भी जवाब या प्रतिक्रिया देने के मूड में न हो तो सिर्फ इतना कहकर टाल दें कि ‘‘यह तो अंदर की बात है, हमारा निजी मामला है”।

 

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