‘‘मैं शिशु जन्म को लेकर काफी उत्साहित हूँ और इस खुशी को अपनी बहनों व सहेलियों के साथ बाँटना चाहती हूँ। क्या उन सबको मेरे व मेरे पति के साथ बर्थ रूम में बुलाना ठीक रहेगा?
आप अपने इस अनुभव को दूसरों के साथ बाँटना चाहती हैं, अपनों को साथ देखना चाहती हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है।दरअसल एपीड्यूरल के इस्तेमाल से प्रसव का दर्द घट जाता है इसलिए ज्यादातर महिलाओं को इसके बाद दर्द महसूस नहीं होता और वे इस समय को खुशी-खुशी बिताना चाहती हैं। कई जगहों पर ऐसे मेहमानों को बिठाने का पूरा इंतजाम होता है। कुछेक जगह तो पति को ऑपरेशन के कमरे तक भी जाने की इजाजत नहीं होती है।
कई डॉक्टर कहते हैं कि अपनों का सहारा व साथ मिलने से गर्भवती माँ की हिम्मत बनी रहती है। वैसे आपको ऐसे मेहमानों को बुलाने से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए जैसे-
क्या आपके डॉक्टर व अस्पताल का माहौल इस बात की इजाजत देते हैं? क्या आप चाहेंगे कि आपकी उस बदहाल अवस्था में कई जोड़ी आँखें आप पर टिकी हों? कहीं उनकी असहजता आपको भी परेशान तो नहीं कर देगी? कहीं आप उनकी गपशप से घबरा कर शांति की इच्छा तो नहीं करने लगेंगी? कहीं आप अपना ध्यान शिशु के जन्म पर लगाने की बजाए उनके चाय-पानी में तो व्यस्त नहीं हो जाएंगी?
यदि आप किसी का साथ चाहती भी हैं तो उन लोगों को बता दें कि सी-सैक्शन होने पर, सबको बाहर बैठकर ही इंतजार करना होगा। अगर आप किसी को बुलाना नहीं चाहतीं तो अपने पति के साथ जाएं और शिशु को घर लाने के बाद सबसे मिलवाएं।
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