‘‘गर्भावस्था के बाद से मेरी नजर पहले से भी कमजोर हो गई है। मेरे कॉन्टेक्ट लेंस भी सही तरीके से काम नहीं कर रहे। कहीं यह मेरी कल्पना तो नहीं?”

नहीं, यह आपकी कल्पना नहीं है। इन दिनों न केवल नजर कमजोर हो सकती है बल्कि आपके कॉन्टेक्ट लेंस भी इतने आरामदेह नहीं रहेंगे। आंखों में सूखेपन की वजह से जलन, खुजली व बेचैनी हो सकती है। यदि आंखों में ज्यादा पानी आने लगे तो कॉन्टेक्ट लेंस लगाने वाली महिलाओं की नजर धुंधला सकती है। डिलीवरी के बाद सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाएगा इसलिए कोई भी नया बदलाव लाने से पहले सोच लें।

यह ‘करेक्टिव लेज़र आई सर्जरी’ कराने का समय नहीं है, हालांकि शिशु पर कोई असर नहीं होगा लेकिन आपको संभलने में थोड़ा वक्त लग सकता है इसलिए इसे डिलीवरी के बाद ही कराएँ, यह भी हो सकता है कि आंखों में डालने वाली कुछ दवाएँ गर्भवती महिलाओं के काम की न हों। आंखों के डॉक्टर कहते हैं कि गर्भ धारण करने के छह माह पहले व डिलीवरी के छह माह बाद तक आई सर्जरी को टालना चाहिए।

हालांकि नजर में थोड़ी बहुत खराबी से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन यदि ज्यादा असर दिखाई दे तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर न करें। अगर अचानक नजर धुंधला जाए, आंखों के आगे धब्बे दिखाई दें और दो-तीन घंटे तक ऐसा ही रहे तो डॉक्टर से मिलें। अचानक खड़े होते समय अगर आंखों के आगे धब्बे से दिखें तो घबराएँ नहीं, पर फिर भी अगली मुलाकात में डॉक्टर से अवश्य कहें।

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