आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर खसखस है कई बीमारियों का रामबाण इलाज: Poppy Seed Benefits
Poppy Seed Benefits

खसखस है महिलाओं के लिए वरदान, ऐसे शामिल करें अपने आहार में

छोटे छोटे दानों वाली ये खसखस अपने आप में कई गुणों का भण्डार है। अंग्रेजी में इसे पॉपी सीड्स कहा जाता है, खसखस ख़ास तरह के बीज हैं।

Poppy Seed Benefits: एक ऐसा नाम जो अक्सर आप सुनते होंगे, या कभी आपने अपने खाने में इसे इस्तेमाल भी किया होगा। कुछ लोग तो ऐसे भी होंगे जिन्होंने इसका नाम तो कई बार सुना होगा पर इसके बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते होंगे। वो एक नाम है खसखस, छोटे छोटे दानों वाली ये खसखस अपने आप में कई गुणों का भण्डार है। अंग्रेजी में इसे पॉपी सीड्स कहा जाता है, खसखस ख़ास तरह के बीज हैं। इसकी गिनती तिलहन में की जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड, प्रोटीन,फाइबर आदि पाया जाता है।

कमाल की बात तो ये है की इसका उपयोग कभी सब्जी में गाढ़ापन बढ़ाने के लिए किया जाता है तो कभी किसी मिठाई में उसका स्वाद बढ़ाने के लिए, अपने आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर खसखस कई बीमारियों के लिए रामबाण की तरह काम करता है। खसखस में कुछ ऐसे गुण भी पाए जाते हैं जिनके बारे में जान लेने के बाद आप भी इसे अपने खाने में जरूर शामिल करना चाहेंगे।

इसकी खेती खासतौर पर मध्य यूरोपीय देशों में की जाती है। आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ खास बातें।

हड्डियों के लिए लाभदायक

Poppy Seed Benefits
Boon for your bones

खसखस में कॉपर, जिंक, कैल्शियम आदि प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। इन सभी पोषक तत्वों का सम्बन्ध सीधा हमारी हड्डियों से है। हड्डियों के लिए खसखस दवा की तरह काम करता है। हड्डियों को मजबूत और विकसित करने के साथ साथ ये हमारे शरीर के सबसे एहम अंग रिड की हड्डी के लिए बहुत अच्छा कहा जाता है। जोड़ों आदि में होने वाले दर्द से भी काफी हद तक आराम दिलाने का काम खसखस बड़ी ही आसानी और तेजी के साथ करता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये काफी फायदेमंद हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं

Poppy Seed Benefits-Acts as an immunity booster

खसखस में भरपूर मात्रा में जिंक पाया जाता है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी कारगर है। जिन्हें थोड़े थोड़े दिनों में खासी एलर्जी और सर्दी इत्यादि होती है उनके लिए खसखस का सेवन करना वरदान साबित होगा। ये एक तरह का खनिज है जिसमे रोगों से लड़ने की क्षमता है। सर्दियों के मौसम में इस ठंडी तासीर वाले खसखस को खाना इतना भी मुश्किल नहीं। सर्दियों में ही है इम्युनिटी से जुडी कई बीमारियों और एलर्जी का सामना करना पड़ता है, इस से बचने के लिए हमें खसखस का हलवा बना कर खाना चाहिए स्वाद के साथ साथ ये हमारे शरीर को भी आराम पहुचायेगा। इस हलवे को इम्युनिटी बूस्टर हलवा भी कहा जाता है।

वजन घटने में निभाएं साथ

Helps in healthy weight loss
Helps in healthy weight loss

अगर आप अपने बढ़ते हुए वजन से परेशान हैं और किसी भी तरह का कोई सप्लीमेंट नहीं इस्तेमाल में लाना चाहते हैं तो यकीन मानिये खसखस आपके लिए एक सीधा और सरल उपाय है जो वजन घटने में आपकी मदद करेगा। खसखस को दूध में ले कर भी आप वजन घटा सकते हैं, इसके अलावा खसखस के बीजों को अपने खाने में ऊपर से दाल कर इनका सेवन करें इसके साथ ही आप खसखस का शरबत पी कर अपना वजन घटा सकते हैं।

दर्द से छुटकारा

Removes body pain
Removes body pain

शरीर में लम्बे समय से बने हुए दर्द से खसखस राहत दिलाता है। जोड़ों का दर्द या मांसपेशियों के दर्द से आराम पाने के लिए भी लोग खसखस के बीजों का इस्तेमाल करते हैं। इसका शरबत बना कर पिएं या दूध में डाल कर अच्छे से उबाल लें। खाने में किसी भी तरह इस्तेमाल करें। ये आपको हर तरह के दर्द से निजात देगा। कोशिश करें इसका सेवन गर्मियों में ज्यादा करें क्यूंकि इसकी तासीर ठंडी होती है जो गर्मियों में ज्यादा फायदेमंद होती है।

दिल का रखें ख़ास ख्याल

Heart friendly
Heart friendly

खसखस में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है। ये हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देते हैं। इसमें काफी मात्रा में आयरन भी पाया जाता है जो हमारे रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है। इसमें मौजूद ओमेगा 6 फैटी एसिड हमारे दिल को सेहतमंद बनाये रखता है। इस तिलहन का इस्तेमाल अपने खाने में करने से हमारा दिल स्वस्थ रहने लगता है और सुचारु रूप से काम करता है। अपने दिल की अच्छी सेहत के लिए  खसखस के तेल का नियमित रूप से प्रयोग करें।

पाचन क्रिया करे दुरुस्त

Good for digestion
Good for digestion

इसमें मौजूद फाइबर हमारी पाचन क्रिया के साथ दोस्ताना व्यवहार करता है। ये हमारे शरीर को पोषण प्रदान करने के साथ साथ पाचन तंत्र को मजबूत बनाये रखता है। पेट की किसी भी तरह की समस्या से निजात पाने के लिए खसखस का नियमित रूप से इस्तेमाल करें। कब्ज, गैस, पेट के मरोड़ या ऐंठन में खसखस राहत दिलाता है। आँतों में मौजूद परेशानियों से भी खसखस काफी हद तक आराम पहुंचाता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर कोलन कैंसर वाले मरीजों के आहार में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पेट को स्वस्थ बनाये रखने के लिए खसखस का इस्तेमाल करें।

महिलाओं की प्रजनन क्षमता के लिए असरदार

Deals smoothly with female health issues

जाने माने शोधकर्ताओं के अनुसार खसखस महिलाओं की प्रजनन क्षमता के लिए काफी फायदेमंद है।इसके लिए महिलाओं को खसखस के तेल का उपयोग करना चाहिए। इसके तेल के लगातार सेवन से फेलोपियन ट्यूब में मौजूद किसी भी तरह की परेशानी धीरे धीरे दूर हो जाती है। फेलोपियन ट्यूब स्वस्थ रहने पर महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ने लगती है। खसखस में भरपूर मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है, जो महिलाओं के स्वास्थ के लिए बेहद लाभदायक है।

खसखस के नुकसान

एलर्जी

Excessive intake can cause allergy

खसखस का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, जिस तरह इसे खाने के फायदे हैं उसी तरह इसे ज्यादा खाने पर कुछ नुक़सान भी हो सकते हैं। जिस से हमारे शरीर पर इसके नकारात्मक असर दिखने लगते हैं। इसका ज्यादा सेवन करने से त्वचा पर दाने लाल चकत्ते आदि होने की संभावना होती है। इसके ज्यादा सेवन से खुजली की समस्या हो जाना भी आम बात है।

Slows down the energetic process

खसखस के अधिक सेवन से चक्कर आना, सांस लेने में होने वाली परेशानी आदि हो सकती है। जिन्हें अस्थमा की परेशानी हो उनके लिए खसखस का सेवन करना बिलकुल ठीक नहीं है। इसमें कुछ ऐसे तत्त्व मौजूद होते हैं जिसकी वजह से आलस और सुस्ती बढ़ने लगती है।

खसखस के प्रकार

नीला खसखस

European poppy seeds

ये ज्यादातर ब्रेड आदि में उपयोग किया जाता है, कन्फेक्शनरी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। मीठा और चॉक्लेट इत्यादि में इसका इस्तेमाल स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। नीले खसखस को यूरोपीय खसखस के नाम से भी जाना जाता है।

सफेद खसखस

Indian poppy seeds

इसका इस्तेमाल अक्सर खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। मीठे में इसका इस्तेमाल स्वाद बदलने के लिए किया जाता है तो वहीं सब्जियों में इसका इस्तेमाल ग्रेवी को गाढ़ा करने और एक अलग स्वाद लाने के लिए किया जाता है। सफ़ेद खसखस भारतीय खसखस के नाम से मशहूर है।

खाने का सही समय

Heals mouth blister
Heals mouth blister

खसखस को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। खाली पेट खसखस का सेवन करने से शरीर की बहुत सी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पेट और आँतों के स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होता है। अक्सर हमने अपने बड़े बुजुर्गों को कहते सुना है की अगर पेट पूरी तरह से स्वस्थ या साफ़ नहीं है या फिर आपको कब्ज की समस्या है तो आपके मुँह में छाले हो जाना आम बात है। इसके नियमित सेवन से हमें छालों में भी राहत मिलती है।

खसखस से बनाएं कुछ ख़ास

Healthy superfood
Healthy superfood

खसखस से कई रेसिपी बनती हैं। इन्हें बनने में ना तो ज्यादा समय लगता हैं और ना ही बहुत अधिक मेहनत। सबसे अच्छी बात यह हैं ये सारी चीजें खाने में जितनी स्वादिष्ट होती हैं उतनी ही पोषण से भरपूर भी। अगर आप वजन कम करते हुए कुछ अच्छा और स्वादिष्ट खाना चाहते हैं तो आपके पास खसखस से बनी बहुत सी चीजें हैं जिन्हें खा कर आप अपनी फ़ूड क्रेविंग मिटा सकते हैं। हलवा,शरबत,स्मूदी ,सलाद,सूप आदि बना कर आप खसखस का सेवन कर सकते हैं।

कैसे करें स्टोर?

Stores up to 6 months
Stores up to 6 months

खसखस को खासकर हवा और नमी से बचाए रखना जरुरी है,इनके संपर्क में आते ही ये ख़राब होना शुरू हो जाता है। इसके साथ साथ इसे सीधा धूप में ना रखें, कोशिश करें इसे ठंडी जगह पर रखें पर साथ ही ध्यान दें की नमी से इसे बचाएं रखें। ठन्डे तापमान पर इसे सुरक्षित तरीके से स्टोर करें, तापमान में तेजी से आने वाले उतार चढ़ाव से इसके ख़राब हो जाने की संभावना बनी रहती है। ख़राब होने से बचाने के लिए इसे एयर टाइट डिब्बे में रखें और लम्बे समय तक इस्तेमाल करें।

FAQ | क्या आप जानते हैं

क्या बच्चों को खसखस खिला सकते हैं ?

जी हाँ, अच्छी क्वालिटी वाले खसखस का सेवन बच्चों को करा सकते हैं।

एक दिन में खसखस कितनी मात्रा में खाया जा सकता है?

एक से दो चम्मच सेवन करना ठीक है। डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

खसखस की शेल्फ लाइफ कितनी है?

फ्रिज में एयर टाइट कंटेनर में रख कर 4 से 6 महीने तक इस्तेमाल करें।

खसखस की तासीर क्या होती है?

खसखस की तासीर ठंडी होती है।

सर्दियों में खसखस कैसे खाएं?

सर्दियों में इम्युनिटी बनाये रखने के लिए इसका हलवा बना कर खाएं।

खसखस कैसे खाएं?

इसे कच्चा या भून कर खाएं, दूध या स्मूदी इसका स्वाद बढ़ाते हैं।

प्रेग्नेंसी में खसखस खा सकते हैं?

प्रेग्नेंसी में इसे डॉक्टर की सलाह ले कर ही खाएं।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...