सीमा ने बहुत कुछ पढ़ा और सुना था। वह सेहत सम्बंधित काफ़ी जानकारी रखती थी। उसने कही पढ़ा था कि हर्निया के मरीज़ों को तेज़ दर्द होता है, पेट और पाचन की तकलीफ़ होती ह। परन्तु सीमा को इनमें से कोई भी लक्षण का अनुभव नहीं हो रहा था। वह आम ज़िन्दगी बिता रही थी। पर एक दिन अचानक उसे बहुत तेज़ बुखार हुआ। दर्द तो कही नहीं था, केवल सर चकरा रहा था। दो दिनों में यह ठीक न होने के कारण, सीमा डॉक्टर के पास पहुँची।
डॉक्टरों ने जाँच पड़ताल की, कुछ टेस्ट्स भी किये और बताया कि सीमा को कमजोरी आ गयी है। साथ ही उसके शरीर में सोडियम जैसे क्षार की कमी हो गयी थी। कुछ अन्य जरूरी पोषक तत्त्व भी कम थे। आगे और जाँच, स्कैन्स भी किये गए। अल्ट्रासाउंड और स्कैनिंग करने पर पर पता चला कि सीमा के पेट कि दाहिने तरफ हर्निया बढ़ गया है।
सीमा सोचने लग गयी कि उसे कोई लक्षण तो नहीं दिखे थे? फिर यह हर्निया कब और कैसे हुआ? डॉक्टरों ने अधिक जानकारी लेने किए लिए सीमा से उसकी मेडिकल हिस्ट्री पूछी। तब सीमा ने बताया कि कुछ साल पहले उसका गर्भाशय निकालने (हिस्टेरेक्टॉमी) का ऑपरेशन हुआ था। तब डॉक्टर ने बताया कि यह हर्निया उसी ऑपरेशन के बाद अन्दरूनी ताक़त कम होने से हुआ है। ऑपरेशन करने पर जिस जगह पर टाकेँ पड़ते है, सीमा को उस जगह पर हर्निया बढ़ा था।
पर डॉक्टरों ने उसे दिलासा दिया कि इसका इलाज भी है और उससे सीमा पूरी तरीके से ठीक भी हो सकती है। तब सीमा कि चिंता दूर हो गयी और उसने डॉक्टर कि राय के अनुसार सभी चीज़ों का पालन किया। हर्निया थोड़ा ज्यादा बढ़ा होने के कारण उसका ऑपरेशन करना पड़ा। उसका हर्निया ठीक हुआ और वह फिर एक बार अपनी खुशहाल ज़िन्दगी में मग्न हो गयी।
क्या होता है हर्निया?
हर्निया एक प्रकार कि आम समस्या है, जिसमें शरीर के किसी नाजुक़ हिस्से से या मसल से, शरीर के कोई अंदरूनी अंग या टिश्यू , बाहर आने लगते है। कई बार अंग सिर्फ हल्कासा बाहर आने कि कोशिश करते है तो कभी, काफ़ी हद तक बाहर आ जाते हैं। इस पर हर्निया कितना ज्यादा हुआ है या कितना सीरियस है, यह निर्भर करता है।
हर्निया में अंदरूनी अंग किसी छेद या नाजुक़ हिस्से से बाहर निकलते हैं – यह शरीर में कई जगहों पर हो सकता है। ख़ास कर के पेट और पेट के निचले हिस्सों में, जाँघों के पास हो सकता है। यह स्त्री और पुरुष, दोनों में हो सकता है – भले ही उनके कारण भिन्न हो।
स्त्रियों में मास पेशियाँ कमजोर हो सकती है, स्त्री संबधित समस्याओं, डिलीवरी या ऑपरेशन के कारण, पेट का निचला हिस्सा भी कमजोर हो जाता है। बढाती उम्र के साथ, मसल कमजोर हो जाते हैं तथा पेट के आसपास ज्यादा चर्बी या फैट होने के कारण इसका खतरा बढ़ सकता है। पर सही समय पर सतर्कता दिखाने से, लक्षणों को जानने से और योग्य कदम उठाने से इसका इलाज समय पर हो सकता है। इससे बचने के कुछ जरूरी टिप्स का प्रयोग करने से, कई बार इसका खतरा टल सकता हैं।
हर्निया के लक्षण कैसे पहचाने?

सही समय पर डॉक्टर की राय लेने के लिए, हर्निया के कुछ लक्षणों पर गौर करें।
• पेट के हिस्सों में कोई सूजन या कोई भाग बढ़कर ऊपर आना
• पेट या जांघों के पास सूजन या बढ़ा हुआ हिस्सा, जो दबाने से अंदर जाता हो
• बढे हुआ हिस्से में दर्द होना
• खांसने, झुकने या वजन उठाने पर उस सूजन का बढ़ना
• उस नई सूजन का बढ़ना या अन्य कार्यों में परेशानी पैदा करना
• पेट के अंदर या निचले हिस्से में कुछ भारीपन का एहसास होना
• खाने की इच्छा न होना, उलटी या बदहजमी होना
• पेट साफ़ न होना
• पेट में अचानक उठा दर्द, या बुखार
यदि हर्निया पेट के ऊपरी हिस्सों में हुआ हो तो गले में जलन, खाना खाने पर दर्द या छाती के हिस्से में दर्द का एहसास हो सकता है। गैस की तकलीफ भी बढ़ सकती है।
हर्निया से कैसे बचे?
यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं तो अपनी डॉक्टर की राय ले और जरूरी जाँच करें। कई बार, कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, ऐसे में हर्निया का पता चलना मुश्किल हो जाता है। पर अगर आप समय समय पर, या साल में एक बार डॉक्टर कि राय और हेल्थ चेक-उप करते हैं, तो ऐसी बातें जरूर सामने आ जाएँगी। इससे आप का सही समय पर इलाज होगा ।
हर्निया से बचने के लिए डॉक्टरों ने उच्च सुझाव दिए है।

• सर्व प्रथम अपना वजन बनाये रखें – उसे बढ़ने न दे। उससे कमजोरी और अंदरूनी हिस्सों पर दबाव बढ़ता है। इसी कारण थोड़ा वजन घटाने की कोशिश करें।

• खान पान में फाइबर फूड्स का समावेश करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिए। इससे आपकी पाचनक्रिया में सुधर होगा और पेट भी अच्छे से साफ़ रहेगा।
• नियमित व्यायाम करें। इससे न केवल आपका वजन सही रहेगा बल्कि आपके शरीर की ताक़त भी बढ़ेगी। मसल की ताक़त बढ़ने के लिए कुछ ख़ास व्यायाम और योगासन काफ़ी फायदेमंद हैं।
• वजन उठाते समय संभलकर उठाये, अगर आपको पेट की कोई परेशानी हो तो डॉक्टर की राय लें और वजन न उठाये।
• अगर आपके पेट का या उसके आसपास के अंगो का ऑपरेशन हुआ हो तो डॉक्टर की राय लें और हर्निया से बचने के तरीके जान लें।
यदि आपको बार बार खासी, गले में जलन, पेट में दर्द, पाचन कि समस्या, खाना ऊपर आना इत्यादि का अनुभव हो तो डॉक्टर कि सलाह ले। नियमित जाँच और डॉक्टरों के मार्गदर्शन, हर्निया से बचने के लिए या उसका इलाज करने के लिए जरूरी है।
