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जन्माष्टमी पर कान्हा को उनके पसंदीदा व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। खास तौर पर उनके लिए धनिए की पंजीरी बनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं धनिए की पंजीरी का जितना आध्यात्मिक महत्व है, उतना ही सेहत से भी इसका जुड़ाव है।
Dhaniya Panjiri Benefits: देशभर के कृष्ण भक्त हर साल कान्हा के जन्मदिन यानी जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस दिन कान्हा को उनके पसंदीदा व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। खास तौर पर उनके लिए धनिए की पंजीरी बनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं धनिए की पंजीरी का जितना आध्यात्मिक महत्व है, उतना ही सेहत से भी इसका जुड़ाव है। आइए जानते हैं क्यों साधारण से एक मसाले से बनी पंजीरी महाप्रसाद कहलाती है।
16 अगस्त को है जन्माष्टमी पर्व

इस साल देशभर में जन्माष्टमी का महापर्व 16 अगस्त, 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर घर-घर में धनिए की पंजीरी बनाई जाएगी। इसमें धनिया पाउडर के साथ ही घी, शक्कर और सूखे मेवे डाले जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण को यह पंजीरी बेहद पसंद थी। यही कारण है कि इसे कान्हा के पवित्र भोग में शामिल किया जाता है। दरअसल, धनिए की पंजीरी पौष्टिक तत्वों का एक पिटारा है। यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
जीवनदान दे सकता है धनिया
पबमेड सेंट्रल के एक शोध के अनुसार धनिए में टोकोफेरोल, टेरपीन और क्वेरसेटिन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये सभी फ्री रेडिकल्स से कोशिकाओं को बचाते हैं। इसके सेवन से शरीर की सूजन कम होती है। यह इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ ही तंत्रिका तंत्र को भी सुरक्षित रखता है। इनमें कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं। धनिया ब्रेस्ट कैंसर, कोलन कैंसर, प्रोस्टेट और लंग कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार हो सकता है।
दिल दुरुस्त रखने में माहिर
स्टडी बताती हैं कि धनिए के बीज आपके हार्ट को हेल्दी रखते हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर और एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में मदद मिलती है। प्लांट फूड्स फॉर ह्यूमन न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार धनिए के बीजों में मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जिसके कारण ये शरीर से अनावश्यक सोडियम और पानी को बाहर निकालने में मदद होता है। जिसके कारण ब्लड प्रेशर कम होता है। ऐसे में दिल अपने आप सेहतमंद रहता है और हृदय रोगों की आशंका कम होती है।
तेज करता है पाचन क्रिया
धनिया पाचक गुणों से भरपूर होता है। यह आपकी पाचन क्रिया को बढ़ाता है। आठ सप्ताह तक किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि जो लोग नियमित धनिए के बीजों का सेवन करते हैं उन्हें इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी परेशानियां कम होती हैं। साथ ही पेट दर्द, बेचैनी और सूजन से भी राहत मिलती है। पारंपरिक ईरानी चिकित्सा में धनिए का उपयोग भूख बढ़ाने के लिए किया जाता है।
इसलिए भी है फायदेमंद
धनिए की पंजीरी में धनिया पाउडर के साथ ही घी और सूखे मेवे भी डाले जाते हैं। पूरे दिन उपवास के दौरान और उपवास खोलते समय यह आपको तुरंत ऊर्जा देती है। इससे आपको हेल्दी फैट और प्रोटीन मिलता है, जिससे भूख नियंत्रित रहती है। इससे तृप्ति का एहसास जल्दी होता है। साथ ही पाचन भी बेहतर रहता है। आप इसे आसानी से कई दिनों तक स्टोर भी करके रख सकते हैं।
