Pregnant woman holding a fabric heart over her belly, symbolizing love and pregnancy.

Summary: प्रेग्नेंसी में पति की भागीदारी: सेहत और सपोर्ट दोनों जरूरी

गर्भावस्था के हर पड़ाव पर पति का साथ न केवल भावनात्मक मजबूती देता है, बल्कि मां और बच्चे की देखभाल भी बेहतर होती है।

Husband Support During Pregnancy: हर गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करती है। उसके मन में चिंता, डर, उत्साह और कई तरह की उम्मीदों का सैलाब उठता रहता है। ऐसे नाज़ुक समय में अगर उसका हमसफ़र हमेशा उसका साथ दे , तो गर्भावस्था का ये ख़ास सफर न केवल आसान बल्कि अधिक सुखद बन जाता है। भावनात्मक सहारा मिलने से गर्भवती महिला आत्मविश्वास से भर जाती है  और खुद को सुरक्षित महसूस करती है। इसलिए हर गर्भवती महिला के पति को डॉक्टर विज़िट में पत्नी के साथ जरूर जाना चाहिए।

यह न केवल एक ज़िम्मेदार पति होने का संकेत है, बल्कि इस से पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।

Doctor using a stethoscope to check a pregnant woman’s belly during a routine pregnancy exam
share feelings

गर्भावस्था में महिलाओं को कई बार घबराहट, चिंता या डर महसूस होता है। डॉक्टर के पास जाते वक्त अगर पति साथ हो, तो महिला को हिम्मत मिलती है और वह थोड़ा रिलैक्स महसूस करती है। ये भावनात्मक साथ हर गर्भवती महिला को मानसिक तौर पर मजबूत बनाता है।

एक से भले दो , इसलिए अगर पति साथ हो, तो वो भी ध्यान से डॉक्टर की बताई हर बात सुन सकते हैं और जरूरत महसूस होने पर सवाल भी पूछ सकते हैं। इससे कोई बात छूटने या गलतफहमी होने का डर काफी हद तक कम हो जाता है।

जब पति-पत्नी हर बार डॉक्टर के पास साथ जाते हैं, तो महिला को ये महसूस होने लगता है कि इस खूबसूरत सफर में वो अकेली नहीं बल्कि उसका पति भी हमेशा साथ है हैं। इससे उसे भावनात्मक सहारा मिलता है।

Couple in a prenatal class learning pregnancy exercises.
constant contact with doctor

अगर पति हर विज़िट में साथ जाते हैं, तो वो डॉक्टर से खुलकर बात कर सकते हैं। ऐसे में डिलीवरी या किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी में उन्हें फैसले लेने में बेहद आसानी होगी।

अल्ट्रासाउंड में बच्चे की धड़कनें सुनाई देना या स्क्रीन पर उसकी झलक मिलने वाला पल सिर्फ मां के लिए ही नहीं बल्कि पिता के लिए भी बहुत खास होता है। ये लम्हें पति को भी पिता बनने का एहसास कराते हैं और उन्हें भावनात्मक रूप से जुड़ने में मदद करते हैं।

कई बार महिलाएं अपनी तकलीफें नजरअंदाज करने लगती हैं, या उन्हें छिपा लेती हैं। ऐसे में अगर पति साथ हों, तो वो इन चीजों को जल्दी पहचान सकते हैं।

Lifestyle and Diet
Lifestyle and Diet

गर्भवती महिला के लिए जरूरी खानपान, एक्सरसाइज़, और दिनचर्या से जुड़ी जानकारी भी डॉक्टर से मिलती रहती है। इससे पति अपनी पत्नी की हर संभव देखभाल कर पाते हैं।

कभी-कभी प्रेग्नेंसी में कुछ परेशानियां होती हैं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ या थाइरॉइड जैसी कोई अन्य बीमारी। जरुरत पड़ने पर इन समस्याओं को पहचान कर जरूरी कदम उठाना आसान हो जाता है।

preparation for delivery
preparation for delivery

डिलीवरी सामान्य होगी या सिजेरियन ये कई बार डॉक्टर पहले ही बता देते हैं। ऐसे में पति अगर शुरुआत से साथ हैं, तो दोनों पति-पत्नी मिलकर सही समय पर बेहतर प्लानिंग कर पाते हैं।

कई डॉक्टर जन्मपूर्व काउंसलिंग की सलाह देते हैं, जहाँ पेरेंटिंग की तैयारी सिखाई जाती है। पति की मौजूदगी से यह तैयारी गर्भवती महिला को आसान लगने लगती है।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...