बच्चे की परवरिश में थोड़ा सा संयम और आत्मविश्वास करेगा हेल्प –  (करीना कपूर खान)

बॉलीवुड की हॉट फेमस एक्ट्रेस करीना कपूर खान कभी अपने जीरो साइज़ फिगर की वजह से,  कभी अपने फैशन की वजह से और कभी अपने लुक की वजह से फैंस के दिल में खास जगह बना चुकी हैं, लेकिन इन सबके साथ वो अब एक 3 साल के बेटे की मां भी हैं। मां बन जाने के बाद अब वो अपनी फिटनेस के साथ अपने बेटे तैमूर की परवरिश पर भी खूब ध्यान दे रहीं हैं। आइये जानते हैं कि वो अपने बेटे की परवरिश किस तरह करती हैं।

आपको बता दें 50 साल के सैफ अली खान और 40 वर्षीय करीना कपूर की शादी 2012 में हुई थी। करीना और सैफ अली खान के बेटे तैमूर अली खान का जन्म 20 दिसंबर 2016 को हुआ था। बेटे तैमूर के जन्म के बाद से ही करीना और उनके बेटे तैमूर के बीच सोशल मीडिया पर तस्वीरों और वीडियो के जरिए खास बॉन्डिंग देखने को मिलती है। करीना अपने बेटे की परवरिश एक सामान्य बच्चे की तरह करना चाहती हैं और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाना चाहती हैं।

बेटे के लिए प्रोटेक्टिव हूं

मैं अपने बेटे तैमूर को लेकर काफी प्रोटेक्टिव हूं। ‘जब मैंने तैमूर को जन्म दिया तो उस दौरान मैंने डॉक्टर से पूछा कि मैं बच्चे को निमोनिया से कैसे बचा सकती हूं। मैं जिन बीमारियों के बारे में सुनती आ रही हूं उनसे इसे कैसे सुरक्षा दे सकती हूं, तब डॉक्टर ने मुझे टीकाकरण का एक चार्ट लाकर दिया जिसे मैंने फॉलो किया।Ó इसके अलावा जब तैमूर प्ले स्कूल जाने लगा तब मैं उनको प्ले स्कूल से पिकअप करती हूं, उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश करती हूं, उनके साथ खेलती हूं। बेटे के साथ अपनी जॉब पर भी फोकस करती हूं।

मेरा मानना है कि मां बन जाने के बाद बच्चे के साथ काम करना मुश्किल होता है लेकिन थोड़ी सी समझदारी से अपनी जॉब से जुड़ी जिम्मेदारियों को भी निभाया जा सकता है क्योंकि मैं एक एक्ट्रेस हूं, मुझे अपने काम के लिए भी फोकस करना पड़ता है। इसलिए मैंने जो समय दिया है उसी में काम पूरा करने की कोशिश करती हूं, क्योंकि इसके बाद मेरा समय बच्चे के लिए होता है। 8 घंटे से अधिक मैं शूट भी नहीं करती। अब तैमूर थोड़ा बड़ा हो गया है तो अब मैं अक्सर तैमूर को अपने साथ जिम और शूटिंग लोकेशन पर भी लेकर जाती हूं। तैमूर को उनके साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

बेटे को कभी अकेला नहीं छोड़ती

मैं कभी भी तैमूर को अकेला नहीं छोड़ती हूं। जब मैं काम के सिलसिले में बाहर रहती हूं तो सैफ तैमूर का ध्यान रखने के लिए घर पर रहते हैं और जब सैफ शूटिंग में व्यस्त होते हैं तो मैं घर पर रहती हूं। ऐसा बहुत कम होता है जब हम दोनों में से कोई उसके साथ ना हो।

मीडिया अटेंशन से हूं परेशान

तैमूर को बोॄडग स्कूल भेजना चाहती हूं क्योंकि मैं तैमूर को मिल रही मीडिया अटेंशन से बहुत परेशान हूं। मेरा और सैफ का मानना है कि बच्चे को पूरा स्पेस दिया जाना चाहिए ताकि वह अपनी इंडिविजुअलिटी को एक्सप्लोर कर सके। मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा बड़े होकर अपनी मर्जी से अपना करियर चुनने का फैसला ले। अगर वह एक्टिंग में भी जाना चाहे तो मुझे इस पर कोई एतराज नहीं होगा। वहीं सैफ का मानना है कि अगर तैमूर बड़े होकर अपने स्वर्गीय दादा नवाब पटौदी की तरह क्रिकेटर बने, तो उन्हें बहुत खुशी होगी।

मां बनना जिम्मेदारी का काम

मां बनने के बाद ही मुझे पता चला कि मां बनना कितनी बड़ी जिम्मेदारी है। जैसे सही समय पर अपने बच्चों को हां और ना कहना। मैंने भी बहुत बार ऐसा अनुभव किया जब रात-रात भर मैं सो नहीं पायी। रोते हुए तैमूर को चुप कराने में कई बार मुझे भी चिड़चिड़ाहट होती थी लेकिन वो एक अनुभव था और तैमूर से जुड़ी हर चीज़ खूबसूरत है। बच्चे की परवरिश में बस थोड़ा सा संयम और आत्मविश्वास ही हेल्प करेगा।

बेटे की सेहत का खास ख्याल

मैंने बेटे तैमूर की सेहत का ध्यान रखने के लिए स्पैशल डाइट चार्ट बनाया हुआ है और हर महीने उसे बदलती भी हूं। ब्रेकफास्ट दिन का सबसे अहम भोजन होता है, इसलिए उसे स्किप नहीं करना चाहिए, उसके बाद लंच व डिनर। मैं तैमूर को बाहर का खाना नहीं खाने देती। समय पर घर का ही खाना देना पसंद करती हूं, जिसमें इडली, डोसा और खिचड़ी आदि शामिल होती है, ‘जो भी फल और सब्जियां फायदेमंद होती हैं, मैं तैमूर को वह जरूर खिलाती हूं। शुरुआत में तैमूर इस तरह के खाने को पसंद नहीं करता था, लेकिन धीरे-धीरे उसे पसंद आने लगा और अब वह इन फूड्स को एंजॉय करता है। मैं तैमूर को किसी बर्थडे पार्टी का खाना नहीं खाने देती हूं, लेकिन कभी-कभी चिप्स खाने की परमिशन दे देती हूं।

बहुत बड़ी जिम्मेदारी है मदरहुड – (सनी लियोनी)

इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली और सोशल मीडिया पर करोड़ों की फॉलोवर्स वाली पोर्न स्टार सनी लियोनी अब टेलीविजन, मूवी और वेब सीरीज के जरिये अपनी अलग पहचान बना चुकी है। सनी लियोनी आज एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की फेमस एक्ट्रेस हैं। सनी लियोनी ने जब बॉलीवुड में कदम रखा था तो करियर की शुरुआत में लीड रोल वाली कई फिल्में कीं। वह बड़ी फिल्मों में आइटम सॉन्ग भी करती रहीं। इसके साथ ही सनी 3 बच्चों की मां भी हैं। सनी अपने करियर के साथ मदरहुड को कैसे मैनेज करती हैं? आइये जानें-

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अमेरिकी तरह से कर रहीं है परवरिश

मैं और डेनियल अपने बच्चों को अमेरिकी तरीके से पाल रहे हैं। इंडिया में जहां स्टार किड्स के हर काम के लिए हाउस हेल्प मौजूद होती है, बच्चों को अपने सभी काम खुद करना सिखा रहे हैं। इससे वो आत्मनिर्भर बनेंगे और स्टार किड होने का गुमान भी उन्हें नहीं होगा। साथ ही बच्चों का अपना अलग कमरा है, जहां उनकी पसंद के कार्टून और टॉयज हैं।

स्पेशल बच्चों के लिए होगा खास

मैंने और मेरे पति डेनियल वेबर ने हाल ही में जुहू में अपना एक स्कूल ‘किड्ज सोशल हाउसÓ खोला है। अपने स्कूल में विशेष बच्चों के लिए चलने वाले स्कूल बेबीज केसल के साथ मिलकर स्पेशल बच्चों के लिए डे आउट का आयोजन करुंगी। इस स्कूल में हर उम्र के बच्चों के लिए आर्ट सेंटर होने के साथ ही खेलकूद की सुविधा भी है। इसमें  स्पेशल बच्चों के लिए आर्ट, क्राफ्ट, डांस, चित्रकला और कई अन्य मजेदार गतिविधियां होंगी, जो हम उनके साथ करने की योजना बना रहे हैं। मैं उन बच्चों को जीवनभर के लिए एक अच्छी याद देने की और कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रही हूं, जो उन्हें लंबे समय तक याद रहे।

बच्चे की परवरिश में होम मेकर का खास रोल

‘मुझे होममेकर्स पर ज्यादा गर्व महसूस होता है। वह सुबह 5 बजे से देर रात तक परिवार की छोटी-बड़ी खुशियों के लिए डटी रहती हैं। समय मिलता है तो घर से ही अर्न भी करती हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपनों से रेस्पेक्ट उतनी नहीं मिलती, जितनी मिलनी चाहिए। मेरा मानना है कि हमें होममेकर के रोल की इंपॉर्टंेस को समझना चाहिए, उनके काम को कमतर नहीं समझना चाहिए। उन्हें पूरा प्यार और सम्मान देना चाहिए।

खुशियों की वजह हैं बच्चें

मैं बहुत समय से एक बच्ची को अडॉप्ट करना चाहती थी। जब मैं लातूर में रहने वाली निशा से मिली तो मुझे लगा कि यही है वो बच्ची जिसका मुझे सालों से इंतजार था। फिर निशा मेरी जिंदगी में आई। फिर मेरे दो बेटे नोआ सिंह वेबर और अशर सिंह वेबर सेरोगेसी से जन्मे हैं। मैं अपने बच्चों की देखभाल दिल से करती हूं। बच्चों की वजह से मेरी लाइफ में बहुत सारी खुशियां आईं। मैंने बेटी निशा को गोद लिया था और मेरे दो बेटे सेरोगेसी से हुए थे।

बहुत बड़ी जिम्मेदारी है मदरहुड

करियर के साथ बच्चों की परवरिश करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। मैं काम के साथ घर और बच्चों को भी देखती हूं। जब  मैं फिल्म की शूटिंग या एड फिल्मों की शूटिंग करने जाती हूं तो बच्चों की देखभाल के लिए हेल्पर है। मैं घर पर परांठे भी बनाती हूं और अपने बच्चों को खिलाती हूं। बच्चों को अपने हाथ से खिलाने में बहुत सुकून मिलता है।

बच्चों को बना रही हैं मीडिया फ्रेंडली

मैं अपने बच्चों को शुरू से ही मीडिया फ्रेंडली बना रही हूं, क्योंकि मैं जानती हूं कि मैं एक पब्लिक फिगर हूं, जिन पर हमेशा मीडिया और दुनिया की नजर रहती है। आजकल सेलिब्रिटीज से ज्यादा उनके बच्चों के लिए लोगों में दीवानगी है, इसीलिए मैं अभी से अपने बच्चों को मीडिया से दूर रखने की बजाय पूरे परिवार के साथ फैन्स के बीच नजर आती हूं।

बच्चों के फैशन से समझौता नहीं

मैं अपने बच्चों के लुक और फैशन का भी खूब ध्यान रखती हूं। चाहे निशा की क्यूट फेयरी ड्रेसेज या अपने बेटों के फंकी जम्पसूट, फैशन से सनी कभी समझौता नहीं करती।

बेटी इनाया की परवरिश में हाइजीन का रखती हूं ख्याल –  (सोहा अली खान)

सोहा अली खान बॉलीवुड की ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने कम ही फिल्मों में काम किया लेकिन उनकी पहचान खास है। सोहा भारतीय क्रिकेटर मंसूर अली खान और फेमस एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर की बेटी हैं और बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान की बहन हैं। सोहा अली खान ने 29 सितंबर 2017 को बेटी इनाया खेमू को जन्म दिया। सोहा एक्ट्रेस और राइटर होने के साथ अब एक बेटी की मां भी हैं।

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बेटी की परवरिश में हाइजीन का रखती हूं ख्याल

मैं जिस $खुशी का इंतजार कर रही थी अब मेरी परी दुनियां में आ गई है। मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखती हूं कि बेटी इनाया की देखभाल में कुछ कमी न हो। इसलिए मैंने पिछले कुछ समय से फिल्मों से दूरी बना ली। इसके अलावा अपने घर की सा$फ-सफाई पर बहुत ध्यान देती हूं ताकि बेटी को किसी भी प्रकार की बीमारी से बचाया जा सके।

परवरिश में इम्युनिटी को बढ़ाना भी है बहुत जरूरी

बच्चे की परवरिश में उसकी इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने की हमेशा जरूरत होती है। मेरी बेटी इनाया बाहर गरमी में भी गार्डन में खेलती है। बचपन में मैंने भी घास पर बहुत खेला है और बहुत अच्छा भी लगता था। मैं चाहती हूं मेरी बेटी भी ऐसा करे। हमेशा एक एयर कंडीशनर वाले घर में रहना कभी भी अच्छा नहीं होता। ऐसे में उसकी इम्युनिटी को बढ़ाना भी बहुत जरूरी है। वह स्कूल जाती है, बच्चों के बोतल से पानी पीती है, उनका खाना शेयर करती है, थोड़ा एक्सपोजर जरूरी है। हाईजिन के चक्कर में अगर आपने उन्हें बीमार बना दिया है, तो वह उनके भविष्य के लिए ठीक नहीं होता।

बेसिक बातों का ध्यान

बेटी की परवरिश में कुछ बेसिक बातें ध्यान में रखती हूं। जब वह बीमार होती है, तो मैं उसे स्कूल नहीं भेजती, रेस्ट करने देती हूं। बच्चे की नींद और उसके खाने पर मैं अधिक ध्यान देती हूं। मैं उसे अच्छी और हेल्दी डाइट ज्यादा देने की कोशिश करती हूं। इससे उसकी इम्युनिटी बढ़ेगी। बाहर के खाने को अवौयड करती हूं। फल और सब्जियों के साथ थोड़ा नौन भी देती हूं।

अपनी मां की तरह मैं भी करती हूं बेटी की देखभाल

बचपन में मां ने हमें बहुत अच्छी तरह से पाला है। उन्होंने हमारी हर छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा, अब मैं भी उनके जैसा अपनी बेटी के साथ करती हूं। उनकी केयरिंग अभी भी है, लेकिन पहले जैसे नहीं, जिसे मैं याद करती हूं।

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करियर भी देखना जरूरी

मेरे हिसाब से बच्चे के साथ करियर को भी देखना जरुरी है। मैं स्वीकार करती हूं कि मैंने अभी तक बहुत अधिक काम नहीं किया है, पर अभी करना चाहती हूं। अब बेटी इनाया 2 साल से से ऊपर की हो चुकी है तो अब मैं अपने करियर पर ध्यान देना चाहती हूं।

वर्किंग मदर्स के लिए जरूरी है कि वो अपने बच्चों के आसपास रहें – (एकता कपूर)

बॉलीवुड फिल्म और भारतीय टेलीविजन की मशहूर प्रोड्यूसर और डायरेक्टर एकता कपूर जब से मां बनी हैं, तब से अपने जीवन के सबसे खुशनुमा पल जी रही हैं। एकता के बेटे का जन्म 27 जनवरी 2019 को सेरोगेसी से हुआ था। बेटे के जन्म के बाद अक्सर वह अपने लाइफ में हुए बदलाव को लेकर अपना एक्सपीरियंस शेयर करती रहती हैं।

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मां बनने का खूबसूरत एहसास

मैंने भगवान की दुआ से अपनी जि़ंदगी में कई सारी कामयाबी देखी हैं लेकिन कोई भी कामयाबी मां बनने के एहसास से खूबसूरत नहीं है जो इसके आने से मेरी दुनिया में मुझे मिली है। मैं इसे बता भी नहीं सकती कि मेरे बच्चे के आने से मुझे कितनी खुशी मिली है। जि़ंदगी में सभी कुछ ऐसे नहीं मिलता जैसे हम चाहते है लेकिन फिर भी कुछ ना कुछ सोल्यूशन हमेशा होता है। मुझे आज वो मिल गया जिसे मैने चाहा, मैं मां बनकर बेहद ब्लेस्ड फील कर रही हूं। मेरे और मेरी फैमिली के लिए ये इमोशनल पल हैं और मैं इंतज़ार नहीं कर सकती अपनी जि़ंदगी की इस नई शुरुआत के लिए कि मैं नन्हे रावि की मां हूं।

परवरिश के लिए क्रेच खोला

मैं अपने बिजी शेड्यूल में भी अपने बेटे रवि कपूर की परवरिश का खास ध्यान रखती हूं। जब मेरा बेटा रवि कुछ महीने का था, तभी मैंने उसके लिए ऑफिस में ही क्रेच खोल दिया था, जिससे मैं अपने बेटे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजार सकूं और इसका असर मेरे प्रोफेशनल काम पर ना पड़े। जब क्रेच नहीं खोला था, तब मैं बेटे की परवरिश के लिए ऑफिस से जल्दी काम निबटा कर घर आ जाती थी। वॄकग मदर्स के लिए जरूरी है कि वो अपने बच्चों के आसपास रहें।

बेटे के साथ खास बॉन्डिंग

मेरी अपने बेटे के साथ खास बॉन्डिंग है और उनके भविष्य को लेकर बहुत कुछ सोच रखा है। प्रोफेशनल फ्रंट में व्यस्त होने के बाद भी मैं मां की भूमिका अच्छे तरह से निभाने की कोशिश कर रही हूं और अकेले ही अपने बेटे रवि की परवरिश कर रही हूं।

परवरिश का खास अंदाज

मैंने अपने 8 माह के बेटे के साथ एक दिन बातें की। उससे कहा कि मैं तुम्हारे साथ-साथ सीख रही हूं। मैं परफेक्ट नहीं हूं और इस विश्व में कोई भी चीज़ परफेक्ट नहीं है। मैं अपने बेटे को सबसे पहले ये बात बताऊंगी कि तुम्हारे पिता नहीं हैं। मैं अपने बेटे को परियों की कहानियां नहीं सुनाऊंगी और ना ही उसे गोल-गोल घुमाऊंगी। मुझे पता है कि मैं परफेक्ट मां नहीं हूं और मैं कभी परफेक्ट मां बनना भी नहीं चाहती। मैं इसे किसी भी तरीके से परिभाषित नहीं करना चाहती। ठ्ठ

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