यदि आप खांसी या ठंड लगने पर अंग्रेजी उपचार लेते हैं या किसी प्रकार की दवाइयां लेते हैं तो हो सकता है उनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हों इसलिए आपको होम रेमेडी या घरेलू उपचारों का भी प्रयोग करना चाहिए और खासकर बच्चों के लिए। छोटे बच्चों के लिए दवाइयां बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं होती हैं इसलिए यदि आपका बच्चा 4 साल से छोटा है तो उसको केवल डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवाई देनी चाहिए अन्यथा उन्हें घरेलू उपचार ही दें। यदि आपका बच्चा 4 साल से बड़ा है तो आप उसे दवाई दे सकते हैं परन्तु केवल तब जब उसे दवाई की अधिक जरूरत हो। तो आइए जानते हैं कुछ बीमारियों के घरेलू उपचार।
नाक बहना : जब आपके बच्चे की नाक बह रही हो तो आपको हल्के हाथ से उनका नाक दबा कर उससे सारा लिक्विड पदार्थ बाहर निकाल देना चाहिए। इससे आपके बच्चे के अंदर मौजूद वायरस या बैक्टेरिया बाहर निकलते हैं जिस कारण वह धीरे धीरे ठीक होता जाता है।
नाक बंद होना : यदि आपके बच्चे की नाक बंद है तो आपको उसकी नाक में कोई नेसल ड्रॉप डालनी चाहिए या नमक के पानी का प्रयोग भी कर सकते हैं। इसके बाद निकलने वाला सारा लिक्विड पदार्थ बाहर निकाल दे। ऐसा कुछ बार करने से हो आपके बच्चे को बहुत आराम मिलने वाला है।
खांसी हो जाना : एक साल से ऊपर के बच्चे को खांसी हो जाने पर शहद दे सकते हैं। इससे आपके बच्चे की खांसी में बहुत आराम मिलने वाला है। आप किसी भी स्टोर से शहद खरीद कर अपने बच्चे को गर्म करके पीला सकती हैं। यदि आपका बच्चा एक साल से कम उम्र का है तो उसे शहद बिल्कुल भी न दें। यदि आपका बच्चा 2 साल से ऊपर का है तो आप उसकी छाती पर सोने से पहले विक्स से मालिश कर सकती है।
ह्यूमिडिटी : यदि आपके बच्चे के नाक हमेशा सूखे व ड्राई रहते हैं तो ऐसा हवा में नमी की कमी के कारण हो सकता है। आप इस स्थिति से बचने के लिए अपने कमरे में हुमिडीफायर का प्रयोग कर सकते हैं। यह आपके कमरे में नमी की मात्रा को बढ़ाता है और आपके शरीर को ड्राई होने से बचाता है। यदि आप अपने बच्चे को गर्म पानी से नहलाती हैं तो इससे भी उसे ड्राई होने से बचाया जा सकता है।
इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि आप अपने बच्चे को पर्याप्त पानी पिला रही हों। उनका अंदर से हाइड्रेटेड रहना भी बहुत आवश्यक होता है।
हमेशा उपचार जरूरी नहीं होता
- यदि आपके बच्चे को ज्यादा लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं और उसे किसी प्रकार के उपचार या दवाई की आवश्यकता नहीं है तो आपको उसे दवाई देने की कोई जरूरत नहीं है। बहुत से नाक बहने या जुखाम होने के बावजूद भी आराम से खेलते हैं और आराम से सो भी जाते हैं। अतः बिना जरूरत के उन्हे दवाइयां न दें।
- केवल उन लक्षणों का इलाज करें जो आपके बच्चे को ज्यादा परेशान कर रहे हों जैसे यदि आपका बच्चा बहुत ज्यादा खांसी से परेशान है तो आप इसका उपचार कर सकती है।
- बुखार आपके शरीर को बहुत से इंफेक्शन से भी बचाता है इसलिए हर बार बुखार होने पर आपको दवाइयों की जरूरत नहीं होती है और ऐसा ही बच्चों के साथ भी होता है। यदि बुखार बहुत तेज बढ़ जाता है तो आप अपने बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जा सकते हैं।
- खांसी व जुखाम के लिए बाहर की दवाइयों से ज्यादा घर के उपचार असर करते हैं। अतः बाहर की दवाइयां खाने में अपने पैसे बरबाद न करें और इनसे कई बार बच्चों को बहुत भयानक साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं।
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