सूर्योदय तक जागने के हैं अनेक फायदे: Benefits of Waking Up at Sunrise
Benefits of Waking Up at Sunrise

Benefits of Waking Up at Sunrise: क्या आप तेज अलार्म घड़ी की आवाज सुनकर जागने और बाकी दिन सुस्ती महसूस करने से थक गए हैं? तो अब समय आ गया है कि आप सूर्योदय तक जागने के फायदों पर विचार करें। यह न केवल आपके दिन की शुरुआत करने का एक प्राकृतिक और बेहद ही शांतिपूर्ण तरीका है, बल्कि इसके कई सेहतमंद फायदे भी हैं, खासकर जब हमारे विटामिन डी3 के स्तर की बात आती है, जिसके लिए धूप एक बेहतरीन स्रोत है।

सर्कैडियन साइकल को करता है रीसेट

सबसे पहले, सूर्योदय तक जागना हमारे सर्कैडियन साइकल को नियमित करने में मदद करता है। सर्कैडियन साइकल या रिदम शरीर के भीतर मौजूद एक प्राकृतिक घड़ी है जो प्रकाश, विशेषकर सूर्य के प्रकाश से प्रभावित होती है। जब हम सूर्योदय के समय उठते हैं तो यह हमारे मस्तिष्क को संकेत देता है कि दिन शुरू करने का समय हो गया है, जिससे हमारे भीतर की घड़ी को बाहरी वातावरण के साथ तालमेल बनाने में मदद मिलती है। यह इतना मायने क्यों रखता है? आइए जानते हैं।
दरअसल, हमारे शरीर में हर चीज लय और चक्र पर काम करती है। प्रकृति भी एक चक्र अथवा साइकिल की तरह काम करती है और मनुष्य भी प्रकृति की ही देन है। अपनी जीवनशैली को सर्कैडियन चक्र के साथ जोड़कर, हम अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं, जैसे- स्लीप क्वालिटी, ऊर्जा का स्तर, मूड, लंबी उम्र, मेटाबॉलिज्म, मूड और पूरी हेल्थ।

इन्फ्ररेड रेज के संपर्क में आती है बॉडी

सूर्योदय हमें इन्फ्ररेड रेज भी देता है, जो सबसेक्युलर मेलाटोनिन बनाती हैं। मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो हमारे सोने और जागने के साईकल को रेग्युलेट करता है। पर्याप्त मात्रा लेने से स्लीप क्वालिटी और अवधि में सुधार हो सकता है। इसलिए, सूर्योदय तक जागने से न केवल हमें सुबह अधिक जागृत महसूस करने में मदद मिलती है, बल्कि यह हमें रात की बेहतर नींद लेने में भी मदद कर सकता है।

विटामिन डी संश्लेषण

सूर्योदय तक जागने का एक फायदा पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आना है जो हमारे शरीर के भीतर विटामिन डी के संश्लेषण में मदद करते हैं। जब हमारी त्वचा सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आती है तो हमारा शरीर विटामिन डी का उत्पादन करता है, जो विटामिन डी संश्लेषण को उकसाता है। विटामिन डी का यह रूप जैविक रूप से निष्क्रिय है, जिसे बाद में यकृत और गुर्दे में जैविक रूप से सक्रिय रूप में परिवर्तित किया जाता है ताकि शरीर इसका उपयोग कैल्शियम अवशोषण, हड्डियों के खनिजकरण, इम्यूनिटी, हार्मोनल हेल्थ और बहुत कुछ को बढ़ावा देने के लिए कर सके। विटामिन डी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर में कई प्रक्रियाओं में शामिल होता है और इसे कुछ बीमारियों, जैसे- मल्टीपल स्केलेरोसिस, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने से जोड़ा गया है।

हमेशा याद रखें कि इन प्रक्रियाओं के लिए व्यक्ति को त्वचा के सीधे संपर्क की आवश्यकता होती है। शीशे की खिड़की से धूप लेना पर्याप्त नहीं है। हालांकि, आपके लिए धूप के संपर्क के समय और अवधि का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। इसकी अधिकता हानिकारक भी हो सकती है। यदि सूरज आपकी त्वचा को झुलसाने लगे तो इसका मतलब यह सही समय नहीं है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रहते हैं। असाधारण लाभ के लिए आपको सुबह के सूरज में कम से कम 15 मिनट से लेकर एक घंटे तक रहना चाहिए। इसका सबसे सही समय गॢमयों में 5-9 बजे तक और सॢदयों में 7-12 बजे तक सूर्य की रौशनी लेने का उचित तरीका है।

बेहतर मूड के लिए

शारीरिक लाभ के अलावा, सूर्योदय तक जागने से हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। जब आप सूर्योदय के साथ अपना दिन शुरू करते हैं तो आप खुद को अधिक उर्जावान और केन्द्रित महसूस करते हैं। इससे आपकी उत्पादकता बढ़ती है और मूड अच्छा होता है। यहां तक कि कुलमिलाकर सेहत में बदलाव महसूस होता है। सूर्योदय देखना शरीर के अच्छा महसूस कराने वाले रसायन यानी सेरोटोनिन के स्तर को भी बेहतर बनाता है। इसके विपरीत, सूरज की रोशनी की कमी एसएडी या सीजनल इफेक्टिव डिऑर्डर या सनडाउनर सिंड्रोम को ट्रिगर कर सकती है।
अंत में, सूर्योदय तक जागने से हमारे सर्कैडियन चक्र को नियमित करने से लेकर और नींद को बेहतर करने, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और मन:स्थिति को ठीक रखता है।