Benefits of Napping: अक्सर दोपहर का भोजन करने के उपरांत गहरी नींद आती है, यदि इस समय आप कुछ देर विश्राम करते हैं तो निश्चित तौर पर आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे। ध्यान रहे कि नींद केवल 30 से 45 मिनट तक की होनी चाहिए, अन्यथा आपको रात में नींद नहीं आएगी!
छोटे-बड़े हर उम्र के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत आवश्यक होती है। एक संतुलित नींद शरीर ही नहीं, पूरे दिमाग के लिए भी जरूरी होती है। हर व्यक्ति के लिए नींद की जरूरत अलग-अलग हो सकती है लेकिन आमतौर पर 7-8 घंटे की नींद को अच्छा माना जाता है। जीवनशैली में आए बदलावों के कारण दिन में सोना या पावर नैप या फिर झपकी लेना अमूमन सभी के लिए फायदेमंद है। कुछ लोग दोपहर में इतनी थकावट महसूस करने लगते हैं कि उन्हें नींद आने लगती है। वैसे तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे- रात को देर तक जागना, नींद पूरी न होना, आदतन दिन में सोना। इनकी वजह से व्यक्ति की सर्केडियन रिदम या बॉडी क्लॉक गड़बड़ा जाती है जिसका सीधा असर उसके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में दोपहर में सोना उनके लिए जरूरी हो जाता है।
भागदौड़ भरी जिंदगी वाली जिंदगी में दोपहर के समय एक छोटी-सी झपकी आपको तरोताजा करती है। यकीन मानिए इसके कई फायदे हैं-
सेहतमंद रखे
नींद न पूरी होने से व्यक्ति का सर्केडियन रिदम गड़बड़ा जाता है, जिससे उसकी नींद पूरी नहीं होती और दिनचर्या प्रभावित होती है। व्यक्ति का चयापचय डर यानी मेटाबॉलिक रेट गड़बड़ा जाता है और इसका असर उसके रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ता है। सिरदर्द, बदन दर्द के साथ तनाव, चिड़चिड़ापन, एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में दिन में एकाध घंटे सोने से व्यक्ति इन समस्याओं से दूर रह सकते हैं।
तनावमुक्त रखे

दोपहर में ली गई झपकी शरीर को आराम देने के साथ मानसिक तनाव को भी कम करती है। थोड़ी देर सोने पर दिमाग शांत होता है। जिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है, उन्हें दिन में 45 मिनट से 1 घंटे जरूर सोना चाहिए।
याददाश्त बढ़ाए
दिन में कम-से-कम 30 मिनट की झपकी मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि का काम करती है। इससे याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है। तनावमुक्त होने के बाद व्यक्ति अपने काम को ज्यादा अच्छी तरह कर पाता है।
रचनात्मकता बढ़ाए
यह मनुष्य की रचनात्मकता पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। दिन में छोटी-छोटी झपकी लेने से बाकी बचे हुए दिन में व्यक्ति तरोताजा महसूस करता है, जिससे उसकी रचनात्मकता और सोचनेसमझने की क्षमता को बढ़ाता है। बाकी बचे हुए दिन में व्यक्ति स्वयं को तनावमुक्त
महसूस करता है।
रखे गंभीर बीमारियों से दूर

अध्ययनो से पता चलता है कि मन-मस्तिष्क शांत होने से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर नियंत्रित
रहता है। दिन में झपकी लेने से हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना 30 प्रतिशत कम हो
जाती है।
शारीरिक थकान करे दूर
कई कारणों से व्यक्ति को रात को ठीक से नींद नहीं आती है, जिसकी वजह से दिन भर थका हुआ महसूस करते हैं। ऐसे में दिन की झपकी थकान मिटाने में कारगर है। दिन की करीब एक घंटे की झपकी पूरे शरीर की मांसपेशियों को तनावमुक्त रखता है। खासकर सुबह जल्दी उठने वाली घरेलू महिलाओं, स्कूल-कॉलेज जाने या काम पर जाने वाले लोगों के लिए यह बहुत लाभदायक है।
ताजगी बढ़ाए
काम या ऑफिस के कारण चाहते हुए भी कई लोग सो नहीं पाते हैं, जिससे उन्हें सुस्ती या थकावट ज्यादा रहती है। थोड़ी देर सोने से व्यक्ति का आलस कम होता है। उठने पर व्यक्ति ताजगी महसूस करता और अपने काम को अच्छी तरह कर पाता है। खासकर पढ़ने वाले बच्चों के लिए दिन में पावर नैप लेना उपयोगी साबित होता है। वो बाद में आसानी से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित
कर पाते हैं।
मूड करे ठीक

नींद पूरी न होने पर अक्सर लोगों का मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती हैं। किसी से बात न करने का मन करता है। तनाव की वजह से फूड क्रेविंग बढ़ जाती है, जिसकी वजह से मोटापा और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दिन में झपकी उनके मूड को दुरुस्त करने का काम करती है।
पाचन शक्ति होती है बेहतर

दोपहर का खाना खाने के बाद कुछ देर बाएं करवट लेकर कुछ देर सोने से व्यक्ति के पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है और पेट को आराम मिलता है। लेकिन खाने के तुरंत बाद न लेटकर एकाध घंटे के बाद हीं लेटना चाहिए। किन्हें नहीं लेनी चाहिए दोपहर की नींद दिन में सोने के नुकसान-इनसोमनिया या अनिद्रा की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को दोपहर में नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे
उन्हें रात को नींद आने में कठिनाई हो सकती है। खाना खाने के तुरंत बाद सोना सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल खाना खाने के बाद हमारा शरीर इंसुलिन बनाता है और अगर ऐसे में आप चलने की जगह सो जाएं तो ये मधुमेह के खतरे बढ़ा देता है। मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति
को दिन में नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे खाया हुआ भोजन सही तरीके से नहीं पचता
जिससे व्यक्ति का मोटापा नियंत्रित नहीं हो पाता। कब्ज, गैस और अपच की समस्या
भी हो सकती है।
- (डॉ. जे. रावत, कंसल्टेंट फिजीशियन,
सहगल नियो अस्पताल, नई दिल्ली)
