अगर आप भी दोपहर में लेते हैं नींद तो जान लें उसके नुकसान और फायदे: Afternoon Nap
Afternoon Nap

Afternoon Nap: छोटे-बड़े हर उम्र के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत आवश्यक होती है। एक बैलेंस नींद शरीर ही नहीं दिमाग के लिए भी जरूरी होती है। हर व्यक्ति के लिए नींद की जरूरत अलग-अलग हो सकती है। लेकिन आमतौर पर 7-8 घंटे की नींद को अच्छा माना जाता है। लाइफ स्टाइल में आए बदलावों के कारण दिन में सोना या पाॅवर नैप लेना अमूमन सभी के लिए फायदेमंद है। कुछ लोग दोपहर में इतनी थकावट महसूस करने लगते हैं कि उन्हें नींद आने लगती है।

यूं तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे- रात को देर तक जागना, नींद पूरी न होना, आदतन दिन में सोना। इनकी वजह से व्यक्ति की सर्केडियन रिदम बिगड़ जाती है जिसका सीधा असर उसके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में दिन में सोना उनके लिए जरूरी हो जाता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में कामकाज के प्रेशर और स्ट्रेस से भरे माहौल में दिन की झपकी व्यक्ति को रिफ्रेश करती है। दोपहर में सोने के फायदे है तो कुछ नुकसान भी है, जिन्हें जान लेना बहुत जरूरी है।

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Afternoon Nap: दोपहर में सोने के फायदे

रखे फिट

Afternoon Nap
Benefits of Afternoon Nap

नींद न पूरी होने से व्यक्ति का सर्केडियन रिदम गड़बड़ा जाता है। जिससे उसकी नींद पूरी नहीं होती और दिनचर्या प्रभावित होती है। व्यक्ति का मेटाबॉलिक रेट गड़बड़ा जाता है और इसका असर उसके इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है। सिर दर्द, बदन दर्द के साथ तनाव, चिड़चिड़ापन, एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में दिन में एकाध घंटे सोने से व्यक्ति इन समस्याओं से दूर रह सकते हैं।

दिमाग को करे रिलेक्स

दिन में ली गई पाॅवर नैप शरीर ही नहीं, छोटी-सी झपकी मानसिक तनाव को कम कर आराम पहुंचाती है। थोड़ी देर सोने पर दिमाग शांत होता है। जिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है, उन्हें दिन में 45 मिनट से 1 घंटे जरूर सोना चाहिए।

मेमोरी करे बूस्ट

दिन में कम से कम 30 मिनट की झपकी मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि का काम करती है। इससे याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है। रिलेक्स होने के बाद व्यक्ति अपने काम को ज्यादा अच्छी तरह कर पाते हैं।

बढ़ाए क्रिएटिविटी

यह मनुष्य की क्रिएटिविटी पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती है। दिन में छोटी-छोटी झपकी लेने से बाकी बचे हुए दिन में व्यक्ति रिफ्रेश महसूस करता है जिससे उसकी क्रिएटिविटी, सोचने-समझने की क्षमता और काम पर फोकस बढ़ता है । बाकी बचे हुए दिन में व्यक्ति फ्रेश महसूस करता है।

रखे गंभीर बीमारियों से दूर

Afternoon Nap Benefits
Afternoon Nap Health Benefits

स्टडी से पता चला है कि मन-मस्तिष्क शांत होने से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। दिन में झपकी लेने से हार्ट संबंधी बीमारियों की संभावना 30 प्रतिशत कम हो जाती है।

थकान करे दूर

कई कारणों से व्यक्ति को रात को ठीक से नींद नहीं आती है जिसकी वजह से दिन भर थका हुआ महसूस करते हैं। ऐसे में दिन की झपकी थकान मिटाने में कारगर है। दिन की करीब एक घंटे की झपकी पूरे शरीर के मसल्स को रिलेक्स कर थकान दूर करने में सहायक है। खासकर सुबह जल्दी उठने वाली घरेलू महिलाओं, स्कूल-काॅलेज जाने या काम पर जाने वाले लोगों के लिए यह बहुत लाभदायक है। यह उनकी एलर्टनेस करने का काम करती है।

रखें फ्रेश और काम करने की क्षमता बढ़ाए

काम या ऑफिस के चलते लोग चाहते हुए भी नींद नहीं ले पाते जिससे उन्हें सुस्ती या थकावट ज्यादा रहती है। थोड़ी देर सोने से व्यक्ति का आलस कम होता है। उठने पर फ्रेश महसूस करता और अपने काम को अच्छी तरह कर पाता है। खासकर पढ़ने वाले बच्चों के लिए दिन में पाॅवर नैप लेना उपयोगी है। वो बाद में आसानी से अपनी पढ़ाई पर कंसन्ट्रेट कर पाते हैं।

मूड करे ठीक

नींद पूरी न होने पर अक्सर लोगों का मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती हैं। किसी से बात करने का मन नहीं करता है। तनाव की वजह से फूड क्रेविंग बढ़ जाती है जिसकी वजह से मोटापा और अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है। दिन में झपकी उनके मूड को दुरुस्त करने का काम करती है।

पाचन शक्ति होती है बेहतर

दोपहर का खाना खाने के बाद कुछ देर बाईं करवट लेकर सोने से व्यक्ति के पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है और पेट को आराम मिलता है। लेकिन खाने के तुरंत बाद न लेटकर एकाध घंटे के बाद ही लेटना चाहिए।

दिन में सोने के नुकसान

Nap
Disadvantage of Nap

दिन में सोने या पावर नैप लेने के जितने फायदे है उतने ही उसके नुकसान भी है। अनिद्रा की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को दिन में सोना अवायड करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें रात को नींद आने में कठिनाई हो सकती है। खाना खाने के तुरंत बाद सोना सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल, खाना खाने के बाद हमारा शरीर इंसुलिन बनाता है और अगर ऐसे में आप चलने की जगह सो जायेंगे तो ये डायबिटीज का बहुत बड़ा कारण बन सकता है। मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को दिन में नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे खाया हुआ भोजन सही तरीके से नहीं पचता, जिससे व्यक्ति का मोटापा नियंत्रित नहीं हो पाता। इसके साथ ही कब्ज, गैस और अपच की भी समस्या हो सकती है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • ध्यान रखें कि नींद महसूस होने पर ही सोएं। दोपहर मे खाना खाने के तुरंत बाद न सोएं। खाना खाने के कम से कम 30 मिनट बाद सोना चाहिए।
  • दिन में एकाध घंटे से ज्यादा देर तक न सोएं। ज्यादा सोने से शरीर की बाॅयोलोजिकल क्लाॅक प्रभावित होती है। कोशिश करें कि रात को ही भरपूर नींद लें।
  • दोपहर में 3-3:30 के बाद न सोएं क्योंकि इससे रात की नींद में व्यवधान पड़ सकता है।अगर बच्चे देर से सोते हैं, तो उन्हें रात को जल्दी सोने की आदत डालें।
  • दिन में जब भी झपकी लें, ध्यान रखें कि आसपास का माहौल शांत और आरामदायक हो। ताकि आप सुकून के साथ नींद पूरी कर सकें।

(डाॅ जे रावत, कंसल्टेंट फिजीशियन, सहगल नियो अस्पताल, नई दिल्ली)