जन्माष्टमी अर्थात श्री कृष्ण का जन्मदिवस। इस दिन को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बहुत से लोग श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होकर पूरे दिन उपवास करते हैं और ऐसी मान्यता है कि दिनभर उपवास के बाद रात में कृष्ण जन्म के बाद विभिन्न पकवानों का भोग लगाया जाता है और वही भोजन के रूप में ग्रहण किया जाता है। उपवास करने के भी अपने अलग नियम होते हैं। कुछ लोग निराहार और कुछ लोग निर्जल उपवास करते हैं। व्रत कैसा भी हो लेकिन जब इसे समाप्त करें और भोजन ग्रहण करें तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े। 
 
  • पूरे दिन उपवास के बाद एक साथ अधिक भोजन करने से बचना चाहिए। दिनभर  कुछ न खाने के बाद या फिर फलाहार के बाद यदि एक साथ ज्यादा खाना खा लिया जाएगा तो पाचन संबंधी समस्याएं होने के साथ पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है। 
  • लंबे समय तक खाली पेट रहने के बाद सबसे पहले एक गिलास पानी पीना ही बेहतर रहता है। पानी पीने के थोड़ी देर बाद ही कुछ खाएं, जिससे आप एक साथ ज्यादा खाना नहीं खा पाएंगे और आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं होगा।  
  • उपवास तोड़ते समय ध्यान रखें कि सबसे पहले कुछ लिक्विड जैसे- नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी य फिर फ्रूट जूस ले सकते हैं। इससे आपको उर्जा महसूस होगी, और यह आपके पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को भी ठीक करने में सहायक होंगे।
  • दिनभर व्रत के बाद प्रोटीन से भरपूर आहार लेने का प्रयास करें, जिससे आपको व्रत के बाद कमज़ोरी न फील हो और शरीर में ऊर्जा की पूर्ति हो सके। 
  • उपवास के बाद ज्यादा तेल मसाले वाले भोजन से बचना चाहिए। ज्यादा मात्रा में मिठाइयां और तला हुआ भोजन नहीं करना चाहिए, जिससे आपकी पाचन क्रिया सुचारु रूप से चल सके।  
  • कोशिश करें कि बहुत ज्यादा तेल और मसाले वाला भोजन न बनाएं क्योंकि इसके सेवन से आपके सवास्थ्य को नुक्सान पहुंच सकता है।