हमारी संस्कृति में त्यौहारों का अलग ही महत्त्व है। कोई भी त्यौहार यहां बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। होली हो, या दिवाली, नवरात्र हो या फिर जन्माष्टमी हर त्यौहार का एक विशेष महत्त्व है। कई त्योहारों में ईश्वर की श्रद्धा भाव से पूजा करने और व्रत रखने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि धार्मिक साधना के साथ उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है। ऐसा ही एक त्यौहार है जन्माष्टमी, जिसमें भक्तगण कृष्ण भक्ति में लीन होकर उपवास करते हैं। वैसे चिकित्सकों की सलाह मानें तो स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या होने पर उपवास नहीं करना चाहिए। लेकिन यदि आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है और आप व्रत कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है –
- जब हम उपवास रखते हैं तब आम दिनों की अपेक्षा काफी देर तक खाली पेट रहना पड़ता है जिसकी वजह से डायबिटिक लोगों का शुगर लेवल कम होने लगता है। ऐसी स्थिति में शहद, चीनी, ग्लूकोज लेकर ब्लड शुगर में आई कमी को दूर किया जा सकता है।
- डायबिटिक लोगों को व्रत के दौरान ज्यादा देर तक भूखा नहीं रहना चाहिए उन्हें तीन घंटे के अंतराल में कुछ हैल्दी खाते रहना चाहिए।
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगी फल, बादाम, अखरोट और हल्का सा रोस्टेड मखाना एक नियमित अंतराल पर खा सकते हैं।
- व्रत के दौरान तरल पदार्थों का ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए क्योंकि व्रत में डिहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को जन्माष्टमी व्रत के दौरान बाजार में मिलने वाले नमकीन और चिप्स का सेवन नहीं करना चाहिए , क्योंकि इसमें नमक की मात्रा अधिक होती है।
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को जन्माष्टमी के उपवास में तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्स, कुट्टू की पूड़ी और ज्यादा तला हुआ खाने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इन सभी खाद्य पदार्थों में वसा और नमक की मात्रा अधिक होती है।
- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वालों को उपवास से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि आप व्रत रखने की स्थति में नहीं हैं तो व्रत नहीं रखना चाहिए।
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