हर स्त्री और पुरुष की आँखों में मां बनने का सपना शादी होते ही आ जाता है, और समय के साथ अगर यह समय के साथ हक़ीकत में नहीं बदलता है तो आँखों की चमक धीरे-धीरे फीकी होने लगती है। परंतु साइन्स की देन टेस्टट्यूब बेबी तकनीक ने कामनाओं के बुझते चिराग की ज्योति को पुनः प्रज्वलित कर दी है। हां, यह सच है कि टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया आपकी गोद भरने में सफल हो सकती है । कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखने पर सफलता पाने की संभावना ज़्यादा होती है। आइए हम आपको बताते हैं वह 6 बातें जो आपको आपकी मंज़िल के करीब ले जाती हैं |
1. उम्र –
आपकी उम्र प्रजनन प्रक्रिया पर असर डालती है। बढ़ती उम्र के साथ अंडे बूढ़े होने लगते हैं और उनकी संख्या भी कम हो जाती है। इस समय अपने अंडों से बच्चा पाना मुश्किल हो जाता है, इसीलिए उम्र को गंवाकर आईवीएफ की तरफ बढ़ना बहुत अक्लमंदी का काम नहीं है। यदि आपकी उम्र 35 वर्ष या उससे अधिक है तो आईवीएफ के लिए समय कम रह जाता है इसीलिए सही दिशा में कदम उठाएं ख़ासकर यदि शादी हुए एक लंबा समय गुजर चुका है।
2. क्या आप पहले मां बन चुकी है ?
अगर आप एक बार मां बन चुकी हैं और आपका साथी आपके पहले बच्चे का पिता है तो आईवीएफ के सफल होने की अधिक संभावना है। अगर पहले आपका गर्भ कई बार गिर चुका है एवं आपका साथी नया है तो सफलता की संभावना कम हो जाती है। इसके अन्य कई कारण भी होते है जैसे की बच्चेदानी में गर्भधारण की क्षमता ना होना, अंडे ठीक ना होना या नये साथी मे कमी का होना जिसका निदान भी आवश्यक हो जाता है|
3. निःसंतंता का कारण –
शुक्राणु की कमी, शुक्राणु का न होना या असमान्य होना एक प्रमुख कारण बन जाता है | वही बच्चेदानी की संरचना मे कोई गड़बड़ी या ट्यूमर भी निःसंतानता का कारण है।
समय से अंडा बनना व अछा अंडा बनना टेस्ट ट्यूब बेबी की सफलता का सबसे मुख्य आधार है। अंडाशय की कोई भी गड़बड़ी, ख़ासकर पस का बढ़ा होना सफलता को रोकता है। अगर अंडे की मात्रा कम होती है तो बहुत ज़्यादा दवाओं की ज़रूरत अंडा बनाने के लिए होती है और सफलता के आयाम कम हो जाते हैं। यदि स्त्री और पुरुष दोनों में कमी है तो मुश्किल और बढ़ जाती है। यही नहीं यदि निःसंतंता बहुत लंबे समय से है तो आईवीएफ की सफलता पर असर पड़ता है।
4. डोनर अंडा –
अंडे की गुणवत्ता व डोनर की उम्र दोनों बहुत मायने रखते है। अगर स्त्री, जो मां बन चुकी है और उसकी उम्र 40 वर्ष या ज़्यादा है तो उसे किसी कम उम्र और बेहतर गुणवत्ता वाले अंडे वाली स्त्री का इस्तेमाल करने से सफलता मिल सकती है।
5. अपनी आदतें बदलें –
स्वस्थ जीवन शैली हर एक रोग में बहुत महत्वपूर्ण होती है।अगर आप धूम्रपान करती हैं तो उसे रोकना उपयुक्त होता है क्योंकि –
धूम्रपान करने वाली महिलाओं को अंडे बनाने वाली दवाइयाँ ज़्यादा लेनी पड़ती है। बच्चे के गर्भाशय में जमने की प्रक्रिया कम होती है | यह पाया गया है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सफलता की दर धूम्रपान न करने वाली महिला की आधी होती है। यही नहीं, धूम्रपान करने से अंडों में निषेचन होना भी कम हो जाता है यानी अंडों से बच्चा बनता ही नहीं है।
दूसरा महत्वपूर्ण कारण है वजन का अधिक होना। पाया गया है कि कुछ किलो वजन कम करने से ही अंडों की गुणवत्ता बढ़ जाती है।
आपका फर्टिलिटी केन्द्र कैसा हो – अंत में पर बहुत ही महत्वपूर्ण है सफलता के लिए केंद्र का चयन जब आप आईवीएफ केंद्र का चयन करते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए –
- केन्द्र पर मौजूद सभी सहायक व डॉक्टर कितने प्रशिक्षित हैं।
- केन्द्र पर कितने दंपति संतान सुख पाने में सफल हुए हैं।
- क्या अधिकतर दंपत्ति दो या तीन बच्चों का गर्भ एक बार में धारण करते हैं।
- इनफ्रास्ट्रक्चर कैसा है, लैब कैसा है, एंब्रयोलोजिस्ट का प्रशिक्षण कैसा है।
- किस किस प्रकार के मरीज़ों का इलाज़ होता है।
- क्या नवीनतम तकनीक जैसे एग फ्रीज़िंग जैसी सुविधाएं हैं|।
