चाहे मांसाहारी हों यां फिर शाकाहारी, हर वर्ग के लिए मशरूम एक अच्छा विकल्प है। इसमें और सब्जियों की तुलना में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। मशरूम में लाइसिन नामक अमीनो अम्ल अधिक मात्रा में होता है, जबकि गेहूं, चावल आदि अनाजों में इसकी मात्रा बहुत कम होती है। यह अमीनो अम्ल मानव के सन्तुलित भोजन के लिए आवश्यक होता है। मशरूम में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट हमें फ्री रेडिकल्स से बचाता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, जो माइक्रोबियल और अन्य फंगल संक्रमण को ठीक करता है।
कैसे करें मशरूम का सेवन
यदि आप मशरूम को अपने भोजन में इस्तेमाल करना चाहते हैं, खासकर स्नैक्स के रूप में तो इसे पैन में ऑलिव ऑयल डालकर पकाएं। मशरूम में काफी मात्रा में पानी मौजूद होता है, इसलिए पकाते समय वह सिकुड़ जाता है। यह भी ध्यान रखें कि मशरूम बड़ी जल्दी फैट सोख लेता है, इसलिए मशरूम पकाते समय हमेशा अच्छी क्वालिटी के मक्खन या तेल का इस्तेमाल करें। यदि आपको अंडा पसंद है तो आप अंडे के साथ मशरूम बना सकते हैं। इसके लिए आप अंडे के साथ मशरूम को छोटे-छोटे पीस में काट कर भून सकते हैं। आप इसका इस्तेमाल किसी भी व्यंजन में मिलाकर कर सकते हैं, जैसे मटर मशरूम,आलू मशरूम यां फिर चना मषरूम। तो आइए सबसे पहले सीखते हैं, कैसे हम थ्री इंग्रीडिएंट के इस्तेमाल से बना सकते है चना मषरूम की बेहतरीन रेसिपी।
थ्री इंग्रिडिएंट रेसिपी
ये एक थ्री इंग्रिडिएंट रेसिपी है, इसके लिए हमें चाहिए लंबा कटा हुआ मशरूम,बीन्स, व्हाईट साॅस। इसे वन बाउल रेसिपी भी कहा जा सकता है। जो न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होगी बल्कि बनाने में भी बेहद आसान और पौष्टिकता के लिहाज़ से भी आपको पोषण प्रदान करेगी। इस रेसिपी में आप स्वाद के अनुसार अदरक और लहसुन का पेस्ट। साथ ही सजावट के लिए हरि मिर्च और धनिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
चना मशरूम रेसिपी
सामग्री
150 ग्राम मशरूम
आधा कप बीन्स
1 बड़ा चम्मच लाल मिर्च और लहसुन का पेस्ट
1 प्याज पतला लम्बे टुकड़ों में कटा
1 छोटा बाउल व्हाईट साॅस
1 टेबल स्पून हरी धनिया बारीक कटी हुई
आधा बड़ा चम्मच तेल
स्वादानुसार नमक
एक कढ़ाई में तेल गर्म करके उसमें प्याज सुनहरी होने तक भून लें
इसके बाद इसमें अदरक और लहसुन का पेस्ट मिलाएं।
इसके बाद इसमें लंबे कटे हुए मशरूम और बारीक कटी बीन्स को मिक्स कर दें।
कुछ देर पकने के बाद इसमें व्हाईट साॅस मिला दें और कुछ देर पकने के लिए छोड़ दें।
जब व्हाईट साॅस अच्छी तरह से मिक्स हो जाएं, तो उसपर हरा धनिया गार्निश करके रोटी के साथ यां फिर बतौर स्नैक्स सर्व कर सकते हैं।
मशरूम के साथ मिलाएं मटर
मषरूम में पोटेषियम के साथ साथ भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, तो वहीं मटर में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। साथ ही कम कलौरी और कम फैट होता है जो कि हमारे शरीर के वजन को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा मटर में विटामिन भरपूर मात्रा में उपस्थित होता है जो कि शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है। इस प्रकार मटर के साथ मषरूम का काॅम्बीनेषन बेहद फायदेमंद साबति होता है।
पनीर और मषरूम
मषरूम के साथ पनीर को मिलाकर खाने से षरीर में प्रोटीन के साथ साथ अत्यधिक मात्रा में डायट्री फाइबर की कमी भी पूरी होती हैं जो भोजन के पाचन में बेहद मददगार साबित होता है। शरीर में तुरंत ऊर्जा के लिए पनीर का सेवन फायदेमंद है। इसमें मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं। आर्थराईटिस जैसी बीमारियों के बचाव में सहायक है। इसमें पाया जाने वाला सेलेनियम नामक एंटी ऑक्सीडेंट लंबे समय तक हेल्दी रखता है।
मषरूम पुलाव
चावल में कार्बोहाईड्रेटस भरपूर मात्रा में होते हैं और षरीर में विटामिन बी की आपूर्ति भी करते हैं। चावल में मषरूम को बारीक काटकर मिलाने से षरीर में प्रोटीन और अमीनो एसिड की पूर्ति भी होती है। जो मानव के संतुलित भोजन के लिए आवष्यक है।
बटर को मषरूम में मिलाकर खाएं
पोशक तत्वों की प्रचुरता के दृश्टिकोण से मषरूम में पोशक तत्व अधिकाषं सब्जियों की तुलना में अधिक पाएं जाते हैं। इसके अलवा मक्खन विटामिन्स, मिनरल और कैल्षियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मज़बूत बनाकर ओस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों से दूर रखता है। इसके अलावा मषरूम को पोटेषियम, सल्फर और फास्फोरस मिलने से षरीर को पूर्ण पोशण मिल जाता है।
मषरूम व्हाईट साॅस
आटा दूध और मक्खन से तैयार होने वाली व्हाईट साॅस में मषरूम को मिलाकर उसके पोशण में इज़ाफा कर सकते हैं। इस साॅस को आमतौर पर पास्ता यां सैंडविच के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो बच्चों के षारीरिक विकास के लिए बेहद फायदेमंद है।
मषरूम के फायदे
मशरूम में पाए जाने वाले पोषक तत्व
मशरूम स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों से युक्त खाद्य पदार्थ है। इसमें अमीनो एसिड, खनिज लवण, विटामिन जैसे तत्व पाए जाते हैं। साथ ही मशरूम में कुछ प्रकार के एंजाइम और रेशे पाए जाते हैं जो हमारे कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं। यह प्राकृतिक विटामिन डी के बहुत अच्छे उत्पादक होते है साथ ही साथ इसमें जर्मेनियम , तांबा, नियासिन, पोटेशियम, अैर फास्फोरस जैसे अन्य खनिज भी शामिल है। मशरूम विटामिन सी, प्रोटीन कैल्शियम ओर लोहे में भी समृध हैं। इसके अलावा मशरूम में घुलनशील बीटा ग्लूकेन्स होते है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते है।
बनाएँ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत
मशरूम से शरीर में एंटीवाइरल और प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो माइक्रोबियल और अन्य फंगल संक्रमण को भी ठीक करता है।
बचाएँ मोटापे से
मशरूम में लीन प्रोटीन होता है और मोटापा कम करने वाले को प्रोटीन आहार लेने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए मशरूम खाना बेहतर विकल्पों में से एक माना जाता है।
बढ़ाएँ हीमोग्लोबिन लेवल
इसमें बहुमूल्य फॉलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो केवल माँसाहारी खाद्य पदार्थ में होता है। अतः लोहा तत्व और फॉलिक एसिड के कारण रक्त की कमी की शिकार महिलाएँ और बच्चों के लिए भी सबसे अच्छा आहार है।
मधुमेह
मशरूम में विटामिन, मिनरल और फाइबर होते हैं। यह शरीर में इनसुलिन के निर्माण में भी मदद करता है।
मेटाबॉलिज्म करे मजबूत
मशरूम में विटामिन बी होता है जो कि भोजन को ग्लूकोज में बदल कर ऊर्जा पैदा करता है। विटामिन बी-2 और बी-3 भी मैटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखते हैं। इसलिए मशरूम खाने से मैटाबॉलिज्म बेहतर बना रहता है।
कुपोषण से बचाए
मशरूम बाल्यावस्था, युवावस्था तथा वृद्धावस्था तक सभी चरणों में उपयोगी माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन, खनिज, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट बाल्यावस्था से युवावस्था तक कुपोषण से बचाते हैं।
पेट के विकार करे दूर
इसका सेवन करने से कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों से बचाव होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्राल एवं शर्करा का अवशोषण भी कम होता है।
बरतें कुछ सावधानियां
अधिक मात्रा में मशरूम का सेवन करने से कई प्रकार की एलर्जी हो सकती है।
मशरूम अधिक मात्रा में खाना पेट और आंतों के लिए नुकसानदेह है।
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए मशरूम का सेवन करना नुकसानदेह है।
छोटे बच्चों के लिए मशरूम का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।
कच्चे मशरूम खाने से एलर्जी और दमा जैसी अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
मशरूम के गिल्स हल्के गुलाबी रंग या ज्यादा गहरे रंग के नहीं होने चाहिए।
बाजार से हमेशा ताजे, बिना धुले मशरूम लें और खुद साफ करें।
अगर मशरूम की टोपी स्वच्छ, साफ, और बिना दाग लगे या दबे होते हैं, तब मशरूम ताजे होते हैं.
अगर आपको मशरूम की ताजगी या शुद्धता के बारे में कोई शंका है, तो उन्हें न खरीदें.
मशरूम को प्लास्टिक बैग में स्टोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि मशरूम को हवा लगती रहनी चाहिए.
मशरूम को 1-2 दिनों के लिए पेपर बैग में रखकर रेफ्रिजरेटर में स्टोर करें.
मशरूम को ज्यादा न पकाएं. नहीं तो वह रबर जैसे बन जाएंगे.
यह भी पढ़े