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हर महिला चाहती है कि गर्भावस्था के बाद दोबारा उसके शरीर की बनावट पहले की तरह हो जाए। लेकिन इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है।। किसी भी प्रकार के व्यायाम करने से पहले यह बात ध्यान में रखें कि आपको शुरूआत टहलने जैसे हल्के-फुल्के व्यायाम से करनी है। दो से ढाई महीने के बाद आप पेट दबाने वाले व्यायाम करें। वो भी किसी डॉक्टर के परामर्श से ही करें। हेल्थ केयर स्पेशलिस्ट और योग गुरु अंबिका महंती के अनुसार, ‘स्ट्रैचिंग की कई एक्सरसाइज स्तनपान के दौरान अच्छी रहती हैं। इनमें हाथों की एक एक्सरसाइज है जिसमें कंधे और छातियों की स्ट्रैचिंग भी होती है।
सबसे पहले दोनों हाथ कोहनी से मोड़ते हुए सिर तक ले जाएं। मुट्ठियां बंद करें और फिर बाएं हाथ को बाएं कंधे तक और दाएं हाथ को दाएं कंधे तक ले जाएं। दोनों हाथों को साथ-साथ ही मूव करें। ऐसा कम से कम 10 बार करें। इसके बाद हाथों को सीधा करके कमर से लगाएं और कंधों को गोलाकार घुमाएं। ऐसा भी कम से कम 10 बार करें। इससे छाती और स्तन पुष्ट होंगे।
पीठ के बल लेट जाएं और गहरी सांस लें। सांस इतनी गहरी हो कि पेट की मांसपेशियों पर बल पड़े। उसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़े।
पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को थोड़ा सा खोल कर रखें। धीरे-धीरे हाथों को ऊपर उठाएं लेकिन कोहनी मुडऩी नहीं चाहिए। पैर भी जमीन पर टि काए रखें। फिर दोनों हाथों को वापस जमीन पर ले आएं। इस एक्सरसाइज को कई बार दोहराएं। इससे आपकी मांसपेशी खिचेंगी और मजबूत भी होंगी।
पीठ के बल लेट जाएं दोनों हाथों को साइड में रहने दें। धीरे-धीरे पैरों को उठाएं लेकिन पंजे और एड़ी को जमीन पर ही टिकाए रखें, कमर के हिस्से को भी उठाएं, लेकिन हाथ और पैर नहीं उठने चाहिए।
पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को पेट पर रखें और पंजों, एडिय़ों को जमीन पर टिका दें फिर पेट पर बल देते हुए सर और घुटनों को ऊपर करें लेकिन पंजे और एड़ी जमीन पर ही रहेंगे।
पीठ के बल लेटकर दायें पैर को सीधा रहने दे और बांए पैर को उठाएं लेकिन ध्यान रखें आपके पंजे और एड़ी जमीन पर ही रहेंगे। हाथ को सीधा करते हुए घुटने तक ले जाएं लेकिन उसे टच न करें। साथ ही बाएं ओर ही सर को ऊपर उठाएं और लेटे रहें। इसी एक्सरसाइज को अब दाएं पैर से करें।
पीठ के बल सीधे लेट जाएं। हाथों को साइड में रहने दें और एक पैर को ऊपर उठाएं लेकिन पंजे-एड़ी जमीन पर रहने दें। पेट पर बल देते हुए पैरों को जितना ऊपर हो सकें उठाएं।
पीठ के बल सीधे लेटते हुए दोनों हाथों को सीधा रखें और एक पैर को बिना घुटना मोड़े हवा में उठाएं और बिना सिर उठाए उसे जितना उठा सकते हैं उठाएं। यही एक्सरसाइज दूसरे पैर से भी करें।
सीधे लेट जाएं और कोहनियों को तकिए के ऊपर रखें, साथ ही नितम्ब ऊपर उठाकर पेट पर बल देते हुए गहरी-गहरी सांसें लें।
पीठ के बल सीधे लेटते हुए दोनों हाथों को सीधा रखें और दोनों पैरों को बिना घुटना मोड़े हवा में उठाएं और बिना सिर उठाए उसे जितना उठा सकते हैं उठाएं।
पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को सिर के नीचे रखें साथ ही पैरों को भी जमीन पर टिकाएं। पीठ के बल सीधे लेटे हुए पेट पर बल देते हुए पैरों करे जितना ऊपर उठा सकते हैं उठाएं।