Summary: टेलर ने समय पर ब्लाउज नहीं दिया, कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया जुर्माना और लौटाने का आदेश
अहमदाबाद में एक महिला ने शादी के लिए ऑर्डर किया ब्लाउज समय पर न मिलने पर सीधे टेलर के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्ज कराया। महिला ने टेलर को 4,395 रुपये एडवांस दिए थे, लेकिन ब्लाउज तय समय 24 दिसंबर तक तैयार नहीं हुआ। कंज्यूमर कोर्ट ने टेलर की लापरवाही को ‘सेवा में कमी’ माना और आदेश दिया कि टेलर महिला को 4,395 रुपये 7% सालाना ब्याज के साथ लौटाए।
Ahmedabad Tailor Dispute: अक्सर जब हम कोई कपड़ा टेलर को सिलने के लिए देते हैं, तो वह समय पर तैयार नहीं करता। यह समस्या लगभग हर घर में देखने को मिलती है, लेकिन हम इसके खिलाफ कुछ नहीं कर पाते, लेकिन हाल ही में अहमदाबाद (Ahmedabad)के एक डिजाइनर शॉप में ऐसा मामला सामने आया, जिसने सबको हैरान कर दिया। यहां एक महिला ने अपना ब्लाउज समय पर न मिलने पर सीधे टेलर के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। अब कंज्यूमर कोर्ट ने टेलर के ऊपर 7,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया, साथ ही एडवांस दी गई रकम ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया। यह मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, अहमदाबाद की पूनम पारिया ने नवंबर 2024 में शादी के लिए एक खास ब्लाउज सिलवाना था, जिसके लिए पूनम ने सीजी रोड की एक शॉप में जाकर साड़ी के लिए ब्लाउज का ऑर्डर दिया। साथ ही महिला ने टेलर को 4,395 रुपये एडवांस भी दिए।
यह ब्लाउज महिला को शादी में पहनना था इसलिए उसने टेलर को कहा कि ब्लाउज 24 दिसंबर तक हर हाल में तैयार होना चाहिए। टेलर ने हामी भरी और डिलीवरी की तारीख 14 दिसंबर तय की, लेकिन दर्जी ने लापरवाही दिखाते हुए समय से ब्लाउज नहीं दिया। ऑर्डर के अनुसार ब्लाउज नहीं सिला गया था। महिला ने टेलर से शादी से पहले ब्लाउज सिलने के लिए कहा लेकिन समय बीतने के बाद भी ब्लाउज तैयार नहीं हुआ।
ऑर्डर के मुताबिक ब्लाउज न बनने पर विवाद
ब्लाउज समय पर न मिलने की वजह से महिला का फंक्शन खराब हो गया। इस बात से परेशान होकर महिला ने दर्जी को नोटिस भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद महिला सीधा डिज़ाइनर शॉप के मालिक की शिकायत लेकर उपभोक्ता कंज्यूमर कोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने इसे न केवल सेवा में कमी माना, बल्कि ग्राहक को हुई ‘मानसिक प्रताड़ना’ के लिए हर्जाना चुकाने का भी आदेश दिया है।
सुनवाई में सामने आई टेलर की गैरजिम्मेदारी

जब मामले की सुनवाई के दौरान टेलर आयोग के सामने नहीं आया, तो सुनवाई एकतरफा की गई। आयोग ने टेलर की लापरवाही को तुरंत पकड़ लिया। आयोग ने कहा कि समय पर ब्लाउज न बनाना और ऑर्डर के मुताबिक काम न करना ‘सेवा में कमी’ है। इससे महिला को मानसिक तनाव हुआ और उसके शादी जैसे खास मौके पर परेशानी भी हुई। अदालत ने दर्जी के खिलाफ सख्त फैसला सुनाया है।
टेलर की लापरवाही पर आयोग हुआ सख्त
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि यह साबित होता है कि शिकायतकर्ता ने एडवांस भुगतान करने के बावजूद सेवा नहीं पाई। शादी समारोह के लिए ऑर्डर दिया गया ब्लाउज समय पर नहीं सिला गया। इससे शिकायतकर्ता को मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा। आयोग ने टेलर को आदेश दिया कि वह महिला को 4,395 रुपये 7% सालाना ब्याज के साथ लौटाए। इसके अलावा, मानसिक परेशानियों और केस के खर्च के लिए 7,000 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा भी देना होगा। यह पूरी राशि दर्जी को 45 दिनों के भीतर चुकानी होगी।
