बॉलीवुड का वो सुपरस्टार, जो हीरोइन के बदले आग में कूद गया: Bollywood Nostalgia
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इस घटना की ख़ास बात

यह घटना उस दौर की है, जब फिल्मों में खास प्रभाव पैदा करने के लिए वास्तविकता से बहुत करीब दृश्य तैयार किए जाते थे।

Bollywood Nostalgia: भारतीय सिनेमा में फ़िल्मी अन्दाज़ तो देखने को मिलता ही है। लेकिन कई ऐसे किस्से भी दर्ज हैं जो सितारों के असल जीवन के साहस और समर्पण को दर्शाते हैं। ऐसा ही एक वाकया जुड़ा है बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता संजय खान के साथ। यह घटना उस दौर की है, जब फिल्मों में खास प्रभाव पैदा करने के लिए वास्तविकता से बहुत करीब दृश्य तैयार किए जाते थे। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान, संजय खान ने न केवल अपनी सह-अभिनेत्री की जान बचाई, बल्कि अपनी बहादुरी और इंसानियत की मिसाल भी पेश की।

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यह घटना फिल्म द अब्दुल्ला के सेट की है। फिल्म में एक दृश्य के दौरान आग का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस सीन में हीरोइन को आग के बीच से गुजरना था लेकिन अचानक हालात बेकाबू हो गए। सेट पर लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और हीरोइन बीच में फंस गई। वहां मौजूद सभी लोग घबरा गए और किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। ऐसे संकट के समय में संजय खान ने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना आग में कूद पड़े और अपनी सह-अभिनेत्री को बचाकर बाहर ले आए। हालांकि, इस दौरान उन्हें गंभीर चोटें आईं और उनका शरीर आग से झुलस गया। लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी सह-अभिनेत्री को कोई नुकसान न पहुंचे।

इस घटना ने संजय खान को न केवल एक शानदार अभिनेता, बल्कि एक निडर और समर्पित इंसान के रूप में भी साबित कर दिया। उनका यह कदम उस समय मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन गया। उनके फैंस ने उनकी इस बहादुरी की दिल खोलकर तारीफ की। संजय खान का यह साहसिक कदम यह भी दिखाता है कि एक सच्चे कलाकार के लिए न केवल अपने अभिनय, बल्कि अपने सहकर्मियों और मानवता के प्रति भी पूरी तरह से समर्पित होना कितना महत्वपूर्ण है। वह जानते थे कि उनके इस फैसले से उनकी जान को खतरा हो सकता है, लेकिन उन्होंने इस परवाह किए बिना दूसरों की जान बचाने को प्राथमिकता दी।

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यह घटना बॉलीवुड के लिए प्रेरणादायक बन गई। आज भी, जब फिल्म इंडस्ट्री में सुरक्षा के तमाम उपाय मौजूद हैं, संजय खान की यह कहानी एक उदाहरण के रूप में याद की जाती है। उन्होंने दिखाया कि सच्चा स्टार वह है, जो अपने काम और इंसानियत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। संजय खान की यह घटना भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक ऐसी कहानी के रूप में दर्ज हो गई है, जो न केवल उनकी बहादुरी को सलाम करती है, बल्कि दर्शकों को भी यह सिखाती है कि इंसानियत और साहस से बढ़कर कुछ भी नहीं।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...