Manish Malhotra and Sanjay Leela Bhansali
Manish Malhotra and Sanjay Leela Bhansali

Summary: दोनों खामोशी के बाद साथ काम नहीं कर पाए

मनीष मानते हैं कि मनीष मल्होत्रा ने बताया कि भंसाली उनके साथ अब काम नहीं करते क्योंकि वह करण जौहर और आदित्य चोपड़ा के बहुत करीबी माने जाते हैं।

Manish Malhotra and Sanjay Leela: भारतीय सिनेमा के सबसे मशहूर कॉस्ट्यूम डिजाइनर्स में से एक मनीष मल्होत्रा ने लगभग हर बड़े फिल्ममेकर और अभिनेता के साथ काम किया है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली ने अपनी पहली फिल्म खामोशी के बाद कभी मनीष के साथ काम नहीं किया। हाल ही में शो Two Much With Kajol And Twinkle में मनीष मल्होत्रा ने खुलासा किया कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।

काजोल और ट्विंकल खन्ना के साथ बातचीत में मनीष मल्होत्रा ने बताया कि भंसाली उनके साथ अब काम नहीं करते क्योंकि वह करण जौहर और आदित्य चोपड़ा के बहुत करीबी माने जाते हैं। काजोल ने जब उनसे सीधे पूछा कि ऐसा क्यों है, तो मनीष ने मुस्कराते हुए कहा, “मैंने उनके साथ सिर्फ एक फिल्म की थी खामोशी… उसके बाद हमने कभी साथ काम नहीं किया।”

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मनीष इस शो में सोनाक्षी सिन्हा के साथ पहुंचे थे। मनीष कहते हैं, “मुझे लगता है, किसी ने उनसे यह कहा होगा कि मैं करण जौहर और ‘आदी’ (आदित्य चोपड़ा) वाले ग्रुप का हिस्सा हूं। शायद इसी वजह से उन्होंने यह दूरी बना ली।” मनीष ने बताया कि जब उन्हें यह बात पता चली तो उन्होंने खुद संजय लीला भंसाली से इस पर बात की थी। वे बताते हैं, “मैंने उनसे कहा, ‘संजय, मैं एक प्रोफेशनल हूं, और मैं बहुत से अलग-अलग लोगों के साथ काम कर सकता हूं।’ लेकिन कभी-कभी कुछ चीजें होती नहीं हैं… और फिर आप अपनी खुद की राह बना लेते हैं।”

मनीष मल्होत्रा का करियर अब 35 साल से भी ज्यादा लंबा हो चुका है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म स्वर्ग (1990) से की थी, जिसमें गोविंदा, राजेश खन्ना और जूही चावला मुख्य भूमिकाओं में थे। इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किए रंगीला, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी ग़म और कई अन्य फिल्मों में उनका काम आज भी याद किया जाता है। अब मनीष मल्होत्रा ने प्रोडक्शन में भी कदम रख दिया है। उनकी पहली फिल्म “गुस्ताख इश्क” होगी, जिसमें विजय वर्मा और फातिमा सना शेख मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। इस तरह, मनीष ने एक डिजाइनर के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई और अब निर्माता बनकर अपनी रचनात्मक यात्रा को एक नया मोड़ दे रहे हैं।

संजय लीला भंसाली ने भी खामोशी के बाद बड़ी फिल्में बनाना शुरू कीं। हम दिल दे चुके सनम से वो लोगों की निगाह में आए और देवदास से वे अलग ही स्तर पर पहुंचे। गोलियों की रासलीला और बाजरीव मस्तानी जैसी फिल्मों ने उन्हें काफी नाम दिया। वेब सीरीज की दुनिया में भी उन्होंने कदम रखा।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...