ROSHAN Shahab
ROSHAN Shahab

Summary: रोशन साहब को निर्माता किदार शर्मा ने ढूंढा था

किदार शर्मा ने रोशन को अपनी गाड़ी में बैठाया और अपने एक असिस्टेंट के घर ले गए, जहां एक खाली कमरा था। अगले दिन से उन्हें काम पर भी लगाया...

Roshan Sahab: निर्देशक किदार शर्मा ने सिर्फ राज कपूर, गीता बाली और मधुबाला जैसे सितारों को ही नहीं, बल्कि मशहूर संगीतकार रोशन लाल नागरथ (रितिक रोशन के दादा) को भी लॉन्च किया था। माना जाता है कि रोशन को जिंदगी में उतनी इज्जत नहीं मिली जितनी वो डिजर्व करते थे, लेकिन आज उन्हें हिंदी सिनेमा के महान संगीतकारों में गिना जाता है। हाल ही में आई नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री सीरीज The Roshans ने इस परिवार की शानदार दास्तान को दिखाया। लेकिन एक पुराने इंटरव्यू में प्रसार भारती से बातचीत के दौरान, किदार शर्मा ने रोशन से अपनी पहली मुलाक़ात का अनोखा किस्सा सुनाया।

किदार शर्मा ने कहा, “एक दिन मैंने देखा कि एक आदमी रेलवे स्टेशन पर बैठा है, उसके साथ दो पत्नियां भी थीं। सुबह मैंने उसे देखा और शाम को जब वापस लौटा तो वो वहीं बैठा था। मैंने उससे पूछा, ‘आप कौन हैं?’ उसने उल्टा मुझसे पूछा, ‘आप कौन हैं?’ मैंने कहा, गुस्सा मत कीजिए। ये जंक्शन नहीं है, सुबह भी आपको देखा था, अब भी आप यहीं हैं। लगा कि शायद आप मुसीबत में हैं और मैं मदद कर सकता हूं। मेरा नाम किदार शर्मा है।”

वो आदमी बोला, “प्रणाम, मेरा नाम रोशन है। मैं ऑल इंडिया रेडियो में म्यूजिक बनाता था। लेकिन मैंने प्रेम विवाह कर लिया और इसके चलते उन्होंने मुझे निकाल दिया। अब न नौकरी है, न रहने की जगह।” किदार शर्मा ने बताया कि उन्होंने रोशन को काम और रहने की जगह दोनों देने का वादा किया।“ मैंने उसे अपनी गाड़ी में बैठाया और अपने एक असिस्टेंट के घर ले गया, जहां एक खाली कमरा था। अगले दिन मैं अपने म्यूजिक डायरेक्टर के पास गया और कहा, ‘एक बेसहारा आदमी आया है, मैं उसकी मदद करना चाहता हूं।’”

ROSHAN Shahb And KEDAR SHARMA
ROSHAN Shahb And KEDAR SHARMA

लेकिन जब रोशन को बिना निगरानी के काम करने दिया गया, तो नतीजा खराब निकला। किदार शर्मा ने कहा, “मुझे कचरा संगीत मिला। मैंने सोचा था ऑल इंडिया रेडियो का अनुभव काफी होगा, लेकिन मैं गलत था। वो फिल्मों के हिसाब से संगीत नहीं था।” इसके बाद उन्होंने ठाना कि अगली फिल्म बावरे नैन में वो रोशन के काम पर खुद नजर रखेंगे और उनसे पूरी मेहनत करवाएंगे।

किदार शर्मा ने एक और किस्सा सुनाया, जिसे The Roshans में भी दिखाया गया है। उन्होंने कहा, “मेरे कुछ डिस्ट्रीब्यूटर दोस्त मुझे एक तोहफा देने आए…एक नई ब्यूक कार। लेकिन उनकी एक शर्त थी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में रोशन को मत रखना। उन्होंने मुझे एक सूटकेस में 1 लाख रुपए भी ऑफर किए। लेकिन मैंने मना कर दिया।” जब रोशन ने आंसुओं के साथ कहा कि आपको पैसे ले लेने चाहिए, तो शर्मा ने जवाब दिया, “तू बेवकूफ है, ये मेरी परीक्षा है, तेरी नहीं।”

किदार शर्मा ने याद किया कि एक बार रोशन ने उनसे कहा कि वो अरब सागर में कूदकर जान देना चाहते हैं क्योंकि उनकी दो पत्नियों के साथ घरेलू जीवन में बहुत परेशानियां थीं। लेकिन बाद में ये सिर्फ उनकी झुंझलाहट निकली। रोशन ने आगे चलकर कई बड़ी फिल्मों के लिए संगीत बनाया और 1960 के दशक में अपने करियर की बुलंदियों पर पहुंचे। लेकिन दिल की बीमारी ने उनकी जिंदगी छीन ली। 50 साल की उम्र में ही उनका निधन हो गया। उस समय उनके बेटे किशोरावस्था में थे और अचानक उन पर जिम्मेदारी आ गई। राजेश रोशन संगीतकार बने, जबकि राकेश रोशन ने पहले अभिनय करने की कोशिश की और फिर फिल्म निर्देशक बन गए।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...