Summary: पूर्व हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने रचाई शादी, पिता संग भावुक पल ने जीता दिल
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने रविवार को चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज संग विवाह किया। शादी के दौरान पिता को व्हीलचेयर पर देखकर रानी भावुक हो गईं।
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान पद्मश्री रानी रामपाल ने रविवार को चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज के साथ सात फेरे लिए और अपने जीवन के नए अध्याय की शुरुआत की। यह खास मौका कुरुक्षेत्र–पिपली रोड स्थित एक निजी विवाह स्थल पर आयोजित हुआ। समारोह में खेल जगत से जुड़े कई बड़े नाम, परिजनों और करीबी मित्रों ने भाग लिया और इस नए दंपती को शुभकामनाएँ दीं।
पिता को व्हीलचेयर पर देखकर भावुक हुईं रानी
शादी के दौरान सबसे भावुक क्षण तब आया जब रानी रामपाल के पिता को व्हीलचेयर पर मंडप में लाया गया। बीमारी के चलते वे स्वयं चलकर मंडप तक नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर ही अपनी बेटी के विवाह की हर रस्म में हिस्सा लिया।
रानी जैसे ही अपने पिता के पास पहुँचीं, उनकी आँखें नम हो गईं। व्हीलचेयर पर पिता को देख उनका भावुक होना स्वाभाविक था। यह पल पिता–बेटी के प्यार और भावनाओं से भरा हुआ था। पिता ने दोनों को आशीर्वाद दिया और वहीं बैठे-बैठे रस्मों में हिस्सा लिया। इस दृश्य ने समारोह में मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया।
शाहबाद की बेटी है कई युवाओं के लिए प्रेरणा
शाहबाद के मॉडल टाउन की रहने वाली रानी रामपाल कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं। सोशल मीडिया पर भी वे काफी सक्रिय रहती हैं और अक्सर युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करती हैं।

खेल जगत की हस्तियों ने दी शुभकामनाएँ
रानी रामपाल की शादी में हॉकी जगत के कई दिग्गज मौजूद रहे। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच हरिंद्र सिंह, पूर्व कप्तान सरदार सिंह, द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त प्रीतम सिवाच, भीम अवार्डी सुमन बाला, ओलंपियन संजीव कुमार, गुरबाज सिंह, और कोच मीनाक्षी सहित कई बड़े नाम समारोह में शामिल हुए। इन सभी ने रानी को प्यार और आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
साधारण परिवार से विश्व मंच तक का सफर
रानी रामपाल का करियर संघर्ष, जुनून और प्रतिबद्धता की मिसाल है। 14 वर्ष की उम्र में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। सिर्फ 15 साल की उम्र में वह 2010 महिला हॉकी वर्ल्ड कप में सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी बनीं। रानी रामपाल ने अपने मेहनत, दृढ़ता और जज़्बे से भारतीय महिला हॉकी को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल किया—जो महिला हॉकी के इतिहास में मील का पत्थर माना जाता है।
इसके अलावा एशियाई खेलों सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने देश को पदक दिलाए। अपने शानदार करियर में रानी ने 250 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 200 से ज्यादा गोल किए, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़ी उपलब्धि है। उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार, पद्मश्री और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न जैसे देश के सर्वोच्च खेल सम्मानों से नवाजा गया।
रानी की यह नई यात्रा खुशियों, सफलता और प्यार से भरी हो, यही कामना हर भारतीय करता है।
