Indian Audience get angry on Korean web series the moon actress for wearing bindi Makers apologized
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Overview: कोरियन एक्ट्रेसेस के बिंदी लगाने पर इंडियन्स को क्यों आया गुस्सा?

कोरियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को आमतौर पर के-ड्रामा और के-पॉप के नाम से जाना जाता है। कोरियन ड्रामा ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में अपनी एक खास पहचान बनाई है। इस वक्त हर कोई कोरियन ड्रामाज का फैन है। हाल ही में, एक नए कोरियाई ड्रामा 'टू द मून' का टीजर रिलीज होने के बाद विवादों में घिर गया है।

Indian Audience Get Angry on Korean Web Series the Moon(Korean Actresses Bindi Controversy): कोरियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को आमतौर पर के-ड्रामा और के-पॉप के नाम से जाना जाता है। कोरियन ड्रामा ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में अपनी एक खास पहचान बनाई है। इस वक्त हर कोई कोरियन ड्रामाज का फैन है। हाल ही में, एक नए कोरियाई ड्रामा ‘टू द मून’ का टीजर रिलीज होने के बाद विवादों में घिर गया है। इस टीजर में भारतीय संस्कृति का अपमान करने और नस्लीय भेदभाव फैलाने के आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद इसके ब्रॉडकास्टर को माफी मांगनी पड़ी है।

‘टू द मून’ के टीजर पर मचा इंडिया में बवाल

22 अगस्त को रिलीज हुए इस टीजर में एक ऐसा सीन दिखाया गया, जिसने भारतीय दर्शकों को निराश और गुस्सा दोनों कर दिया। टीजर में कुछ महिला किरदारों को बिंदी लगाए और अरबी देशों में पहने जाने वाले हेडपीस के साथ दिखाया गया है। यह अजीबोगरीब मिश्रण देखकर दर्शकों को लगा कि मेकर्स ने भारतीय और अरबी संस्कृतियों को मिला दिया है और उन्हें सही ढंग से समझने की कोशिश नहीं की।

क्यों नाराज हुए भारतीय दर्शक

इसके अलावा, इन किरदारों को जिस तरह से बिंदी और हेडपीस पहनकर डांस करते हुए दिखाया गया है, उसने भारतीय संस्कृति का मजाक उड़ाने जैसा महसूस कराया। भारतीय यूजर्स ने आरोप लगाया कि इस तरह का प्रदर्शन दुनिया की विविध संस्कृतियों के प्रति समझ की कमी को दर्शाता है।

बिंदी का महत्व और गलत इस्तेमाल

भारतीय संस्कृति में बिंदी का एक गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह न केवल सुहाग का प्रतीक है, बल्कि इसे सुंदरता और परंपरा का भी हिस्सा माना जाता है। लेकिन जिस तरह से इसे टीजर में एक फैशन प्रॉप की तरह दिखाया गया और अन्य संस्कृति के हेडपीस के साथ मिलाकर मजाक बनाया गया, वह बात भारतीय दर्शकों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई। उन्होंने इसे अपनी संस्कृति का अपमान माना और सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना की।

मेकर्स को मांगनी पड़ी माफी

लगातार हो रही आलोचनाओं के बाद, ‘टू द मून’ के ब्रॉडकास्टर, MBC, ने एक आधिकारिक बयान जारी कर माफी मांगी। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह टीजर 1980 और 1990 के दशक में एक मिठाई कंपनी के लोकप्रिय विज्ञापन की पैरोडी थी। उन्होंने स्वीकार किया कि उनका उद्देश्य किसी भी संस्कृति का अपमान करना नहीं था, लेकिन वे यह समझने में नाकाम रहे कि इसे अलग-अलग देशों के लोग कैसे देखेंगे। विवाद को शांत करने के लिए, मेकर्स ने तत्काल प्रभाव से उस आपत्तिजनक टीजर को हटा लिया है। 

भारतीयों में पैदा हुआ के-ड्रामा के लिए गुस्सा

यह घटना एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करती है कि जब मनोरंजन ग्लोबल हो रहा है, तब संस्कृति और संवेदनशीलता का कितना ध्यान रखा जाना चाहिए। कलाकारों और निर्माताओं को यह समझना होगा कि उनकी छोटी-सी गलती भी लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है और सांस्कृतिक मूल्यों का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है। इस मामले ने भारत में के-पॉप को लेकर एक गुस्सा भी पैदा किया है। 

मैं मधु गोयल हूं, मेरठ से हूं और बीते 30 वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है और हिंदी पत्रिकाओं व डिजिटल मीडिया में लंबे समय से स्वतंत्र लेखिका (Freelance Writer) के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरा लेखन बच्चों,...