Dharmendra passed away on November 8
Dharmendra passed away on November 8

Summary: हेमा मालिनी ने शेयर किया धर्मेंद्र के अंतिम दिनों का दर्द

धर्मेंद्र के निधन के बाद हेमा मालिनी ने उनके अंतिम दिनों का दर्द शेयर किया। उन्होंने बताया कि किस तरह वह अपनी बीमारी और कमजोरी कभी दुनिया के सामने नहीं आने देना चाहते थे।

Dharmendra Last Days: हिंदी सिनेमा के ही मैन कहलाये जाने वाले धर्मेन्द्र अपने 90वें जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले 24 नवंबर को इस दुनिया को अलविदा कह गए। धर्मेंद्र के जाने के एक हफ्ते बाद हेमा मालिनी ने उनके आखिरी दिनों के बारे में जो बातें बताईं, वे मन को भीतर तक छू जाती हैं। हेमा मालिनी से यह बातचीत फिल्ममेकर हमाद अल रेयामी ने शेयर की, जिन्होंने हेमा जी से धर्मेन्द्र के निधन के तीन दिन बाद मुलाकात की। हमाद लिखते हैं कि जब वह उनसे मिले, तो वातावरण में एक सन्नाटा था। 

हमाद अल रेयामी के साथ मुलाकात के दौरान हेमा मालिनी ने दो महीने पहले की एक याद शेयर की। वह एक शांत सी शाम थी, जो अब एक यादगार बन चुकी है। उन्होंने कहा, “काश मैं उसी दिन फार्महाउस पर होती, शायद उस दिन उनकी एक और झलक मिल जाती।” हेमा मालिनी ने आगे बताया कि धर्मेंद्र को लिखने का बेहद शौक था। वे कविताएं लिखते, अपनी भावनाएं कागज पर उतारते लेकिन उन्हें प्रकाशित कराने को लेकर हमेशा टाल जाते। 

सबसे ज्यादा कचोटने वाली बात यह है कि धर्मेंद्र की लिखी हुई रचनाएं दुनिया के सामने नहीं आ सकीं। जब भी हेमा मालिनी उन्हें प्रेरित करतीं तो धर्मेंद्र मुस्कुराकर कह देते, “अभी नहीं… कुछ और कविताएं पूरी कर लूं।” इस बात पर हेमा मालिनी ने गहरे दुख के साथ कहा, “अब अजनबी लोग आएंगे… वे लिखेंगे, उन पर किताबें आएंगी… पर उनकी अपनी लिखी बातें, उनका लिखा हुआ दर्द, वह उजाले में आने से पहले ही अंधेरे में रह गया।”

धर्मेंद्र हमेशा अपनी मजबूत और खुशमिजाज पर्सनालिटी के लिए जाने जाते थे। उनकी मुस्कान और उनका कॉन्फिडेंस ही उनकी पहचान था। इसलिए उन्होंने चाहा कि दुनिया उन्हें कभी कमजोर या बीमार नहीं देखे। हेमा मालिनी बताती हैं, “धर्मेंद्र कभी नहीं चाहते थे कि लोग उन्हें कमजोर देखें। वह दर्द में भी अपनी हिम्मत छिपाए रखते थे।” हेमा मालिनी ने भारी आवाज में कहा, “उनके आखिरी दिन बहुत क्रूर थे… बहुत तकलीफ में थे वह।  हाद, तुम उन्हें उस हालत में उन्हें देखते तो सह नहीं पाते। हम भी मुश्किल से देख पा रहे थे।”

हेमा मालिनी ने अपने सोशल मीडिया पर धर्मेन्द्र की याद में बेहद भावुक पोस्ट लिखा है। वह लिखती हैं, “धरम जी, वह मेरे लिए बहुत कुछ थे। प्यारे पति, हमारी दो बेटियों, ईशा और अहाना के प्यारे पिता, दोस्त, फिलॉसफर, गाइड, कवि, जरूरत के हर समय मेरे ‘गो टू’ इंसान – असल में, वह मेरे लिए सब कुछ थे! और हमेशा अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ रहे हैं। उन्होंने अपने आसान, दोस्ताना व्यवहार से मेरे परिवार के सभी सदस्यों को अपना बना लिया था। एक पब्लिक पर्सनैलिटी के तौर पर, उनका टैलेंट, उनकी पॉपुलैरिटी के बावजूद उनकी विनम्रता, और उनकी यूनिवर्सल अपील ने उन्हें सभी लेजेंड्स के बीच एक यूनिक आइकन के रूप में अलग बनाया। मेरे पर्सनल नुकसान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता और जो खालीपन पैदा हुआ है, वह कुछ ऐसा है जो मेरी बाकी ज़िंदगी रहेगा।सालों तक साथ रहने के बाद, मेरे पास कई खास पलों को फिर से जीने के लिए बहुत सारी यादें बची हैं। “

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...