New prototype has become a topic of discussion
New prototype has become a topic of discussion

Summary: नई तकनीक से बना इंसानी मांसपेशियों वाला ह्यूमनॉइड रोबोट

क्लोन रोबोटिक्स ने इंसान जैसी मांसपेशियों और हाइड्रॉलिक सिस्टम वाला ह्यूमनॉइड रोबोट 'प्रोटोक्लोन V1' विकसित किया है, जो पानी से चलता है और डीप लर्निंग तकनीक से सक्षम है। यह रोबोट भारी और नाजुक काम दोनों कर सकता है, भविष्य में रोबोटिक्स के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लेकर आएगा।

Humanoid Robots: आज के समय में दुनिया रोबोटिक्स क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। अब रोबोट सिर्फ मशीन नहीं रह गए, बल्कि इंसानों जैसे काम करने लगे हैं। नई-नई तकनीक की मदद से अब रोबोट बोल सकते हैं, चल सकते हैं और सोच भी सकते हैं। आने वाले समय में रोबोट्स हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन सकते हैं। तकनीक के इसी विकास के बीच एक खास रोबोट की खूब चर्चा हो रही है। यह रोबोट दिखने में थोड़ा अजीब, कुछ-कुछ भूत जैसा लगता है, लेकिन इसके अंदर इंसानों जैसी मांसपेशियां हैं। इसे क्लोन रोबोटिक्स नाम की कंपनी ने बनाया है, जो ह्यूमनॉइड रोबोट्स बनाती है। इस रोबोट के कई कुछ खास और दिलचस्प फीचर्स है।

Dhanush Radhakrishnan Explains the Reason for Creating the Robot
A New robot with human like muscles has been created

दरअसल, हाल ही में अमेरिकी बेस्ड कंपनी ने एक ऐसे रोबोट का प्रोटोटाइप बनाया है, जिसके पास इंसानों जैसी मांसपेशियां हैं और वह पानी का इस्तेमाल भी करता है। यह रोबोट भारी से भारी और नाजुक से नाजुक काम करने में सक्षम है। कंपनी ने सबसे पहले रोबोट का हाथ बनाने पर ध्यान दिया, क्योंकि हाथ का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। 18 महीनों में उन्होंने ऐसा रोबोटिक हाथ बनाया जो बिल्कुल इंसान के हाथ जैसा दिखता और काम करता था। इसके बाद एक साल के अंदर पूरा रोबोट तैयार हो गया।

इंटरेस्टिंग इंजीनियरिंग की रिपोर्ट बताती है कि क्लोन रोबोटिक्स के को-फाउंडर और सीईओ धनुष राधाकृष्णन ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में बताया कि उनका मकसद ऐसे रोबोट्स को बनाना था, जो इंसानों की तरह काम कर सकें। इसके लिए उनकी कंपनी ने ऐसी तकनीक बनाई, जो रोबोट को इंसानों की तरह हिलने-डुलने और काम करने में मदद करती है।

A Human-Like Prototype Enters the World of Robotics
A human like prototype enters the world of robotics

कंपनी ने जो रोबोट बनाए हैं, वे एक हाइड्रॉलिक सिस्टम से चलते हैं। इसमें एक छोटा पंप होता है, जिसे ‘हाइड्रॉलिक हार्ट’ कहते हैं। यह पंप पानी की मदद से रोबोट की मांसपेशियों को हिलाता है। पानी सिस्टम के अंदर रहता है और जब जरूरत होती है, तब रोबोट में और पानी डाला जा सकता है। इसलिए लोग कहते हैं कि यह रोबोट पानी पीता है। इस साल फरवरी में कंपनी ने इस तरह का पहला ह्यूमन जैसा रोबोट, जिसका नाम ‘प्रोटोक्लोन V1’ है, लॉन्च किया। इसमें 1000 मायोफाइबर्स और 500 सेंसर लगे हैं। इसे इंसानी शरीर की तरह ही बनाया गया है।

क्लोन रोबोटिक्स ने इस रोबोट में डीप लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल किया है। डीप लर्निंग एक तरह की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है, जिससे रोबोट सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करता है। यानी अब रोबोट सिर्फ निर्देशों पर नहीं, बल्कि खुद समझकर काम कर सकता है। इस तकनीक की मदद से यह रोबोट भारी दरवाजा खोल सकता है और फल-सब्जियां जैसे नाजुक काम भी कर सकता है।

The Global Race for Robotics Technology
The global race for robotics technology

दुनिया भर में रोबोटिक्स के क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास हो रहा है। कई देश अपनी अपनी तकनीक और नए नए रोबोट बनाने में लगे हुए हैं। अमेरिका के अलावा चीन जैसे देश खासकर इस दौड़ में आगे हैं। वहां पर ऐसे रोबोट बनाए जा रहे हैं जो भविष्य में इंसान के बच्चों को जन्म देने में मदद करेंगे। सुनकर हैरानी होती है लेकिन टेक्नोलॉजी की दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं। हाल ही में चीन में रोबोट गेम्स भी आयोजित हुए, जहां अलग-अलग देशों से आए रोबोट्स ने मैराथन, बॉक्सिंग और दौड़ जैसे खेलों में भाग लिया। चीन भी ह्यूमनॉइड रोबोट्स के क्षेत्र में काम कर रहा है।

मेरा नाम नमिता दीक्षित है। मैं एक पत्रकार हूँ और मुझे कंटेंट राइटिंग में 3 साल का अनुभव है। मुझे एंकरिंग का भी कुछ अनुभव है। वैसे तो मैं हर विषय पर कंटेंट लिख सकती हूँ लेकिन मुझे बॉलीवुड और लाइफ़स्टाइल के बारे में लिखना ज़्यादा पसंद...