१०४ गृहलक्ष्मी मार्च २०१६
हम किसी से कम नहीं

आशा भरी कोशिश
कहते हैं सही दिशा में की गई कोशिश हमेशा कामयाब होती है। ऐसी ही एक
अलग राह बनाई वंदना अग्रवाल ने और दी कई जिंदगियों को नई रोशनी।
उद्देश्य है खास 

वंदना एक उत्साही सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो नारायण सेवा संस्थान उदयपुर में निदेशक के पद पर कार्य कर रही हैं। संस्थान का उद्देश्य शारीरिक रूप से विकलांग लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करना है। 

उपलब्धियां
वंदना अग्रवाल ने अपने संस्थान की मदद से लगभग 101 विकलांग और निर्धन लोगों का नि:शुल्क विवाह कराया जो बहुत सफल रहा। वंदना खुद अस्पताल का कार्यभार देखती हैं और हर महीने 800 राशन किट निर्धन लोगों तक पहुंचाने में सहयोग करती हैं। यह संस्था दुनिया के सभी विकलांगो के लिए नि:शुल्क काम करती है। चुनौतियां वंदना का सफर इतना आसान नहीं था क्योंकि सबसे ज्यादा मुश्किलें उन विकलांगों की सर्जरी, ट्रीटमेंट और देखभाल करने में आती हैं जो गरीब परिवार के हैं। सुविधाएं कम होने की वजह से कई बार ट्रीटमेंट के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है।
कैसे आया विचार वंदना का मानना है कि पृथ्वी पर सबसे बड़ी सेवा मानव सेवा है। ऐसे में उन जरूरतमंदों की मदद करके जो संतुष्टि मिलती है उससे बेहतर कोई कार्य नहीं। यही विचार उनके मन में घर कर गया और उन्होंने उठाया ये सराहनीय कदम।
सफलता के मूल मंत्र
ईमानदार रहें।
समर्पण भाव रखें।
पारदर्शी रहें।
दिल में जोश बनाए रखें।

 श्वेता रावत

को-फाउंडर और चेयरपर्सन- द हंस फाउंडेशन
वंदना अग्रवाल
निदेशक- नारायण सेवा संस्थान

लक्ष्य पर अडिग
मुश्किलें चाहे जितनी हों लक्ष्य पर टिके रहकर उसके लिए लगातार प्रयत्नशील
रहने का माद्दा हर किसी में नहीं होता है लेकिन जो इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेते हैं उनके सपने जरूर होते हैं पूरे। ऐसी ही एक उड़ान है हंस फाउंडेशन की को-फाउंडर और चेयरपर्सन श्वेता रावत की।
उद्देश्य
श्वेता रावत के ‘द हंस फाउंडेशन का उद्देश्य विविधतापूर्ण प्रोजेक्ट का पोर्टफोलियो संभालने के साथ गरीबी में गुजर-बसर कर रहे सभी समुदायों तक मदद पहुंचाना सुनिश्चित करना है।
उपलब्धियां
मेहनत के दम पर श्वेता ने विभिन्न प्रयासों के जरिए कुल 6.5 लाख से अधिक लोगों को टीएचएफ के आर्थिक सहयोग वाले कार्यक्रमों का
लाभ पहुंचाया है।
चुनौतियां
ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ लोग मुश्किल से मिलते हैं। ऐसे में फंड का सही उपयोग, सतर्कता और नियमित निगरानी संबंधी सख्त निर्देशों का अनुपालन भी बहुत महत्वपूर्ण है।
संसाधन और सबल पक्ष
श्वेता का मानना है कि उनकी क्षमताएं एक इंसान के रूप में हैं। वह हर चीज़ के सभी पहलुओं पर ध्यान देती हैं। सबसे बड़ी बात कि सामाजिक और
पर्यावरणीय चुनौतियों को देखते हुए उन्हें उपलब्ध सभी संसाधनों का सदुपयोग करना होगा। महिला नेतृत्व का अर्थ संगठन में ऐसे बदलावों की वकालत करना और उनमें निवेश करना है जिनसे सभी जरूरतमंद लोगों को विकास का आधार मिले।
सफलता के मूल मंत्र
चुनौतियों का सकारात्मक पक्ष देखें। कठिन परिश्रम और लगन से कार्य करें। अपने प्रति जिम्मेदार रहें। अंतर्मन की बात सुनें। लगन और मेहनत में हो दम।