Mahamandleshwar Controversy
Mahamandleshwar Controversy

Mahamandleshwar Controversy: पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने आखिर महा कुंभ मेले में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के तौर पर उनकी नियुक्ति को लेकर आखिर चुप्पी तोड़ ही दी। बता दें जनवरी 2025 में प्रयागराज महाकुंभ के मेले में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने बयान दिया कि वह साध्वी के तौर पर आध्यात्मिक मार्ग पर चलना जारी रखेंगी। जबकि हालात बदल गए थे जब अखाड़े के संस्थापक ने अभिनेत्री पर ‘देशद्रोह’ का आरोप लगाया और उनके संत बनने को लेकर कई लोगों ने विरोध किया। 

ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर बनने पर उठ रहे सवाल के विवाद के कई महीनों बाद अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उठे विवाद को लेकर कहा कि ‘महाकुंभ मेले में किन्नर अखाड़े के  महामंडलेश्वर बनना.. सब कुछ ऊपर वाले के हाथ में था, जो मेरे लिए 140 साल में सबसे पवित्र मौका था। भगवान ने 25 साल की तपस्या का फल मुझे दिया, जिसके बाद मुझे महामंडलेश्वर बनने का अवसर मिला। 

साल 2025 में जब प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा तो इसी दौरान अभिनेत्री ने साध्वी के रूप में आध्यात्मिक मार्ग अपना कर सबको हैरान कर दिया। बताते चलें कि जनवरी में मेले के दौरान किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने घोषणा करते हुए बताया कि ममता कुलकर्णी आध्यात्मिक यात्रा पर निकल पड़ी हैं। इसके बाद एक प्रेस रिलीज के अनुसार, ऋषि अजय दास ने बताया कि किन्नर अखाड़े के संस्थापक के रूप में उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े के आचार्य पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया है। 

अजय दास का कहना है कि उनकी मंजूरी के बिना ही यह काम किया गया था। इसके बाद अजय दास ने कई दावे किए और कई आरोप लगाए। 

अजय दास का मानना है कि ममता कुलकर्णी का आपराधिक इतिहास रहा है। इसके बाद उनको नियुक्त करना बेहद चिंताजनक है। इस तरह के व्यक्ति को महामंडलेश्वर बनाना सनातन धर्म को सही दिशा की ओर नहीं ले जाता है। इस पर उन्होंने कई सवाल उठाए और कहा कि यह सवाल नैतिकता का है। ममता कुलकर्णी ने अनुसार, यह नियुक्ति अनैतिक होने के साथ-साथ अखाड़े के धार्मिक मूल्यों के साथ विश्वासघात करने जैसा है। 

हालांकि जैसे ही दोनों व्यक्तियों का निष्कासन किया गया उसके बाद आध्यात्मिक समुदाय में एक तरह की बहस छिड़ गई। इसके बाद कई लोगों ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और कुलकर्णी के समर्थन में भी बातें कहीं। 

ममता कुलकर्णी के सफर की बात करें तो ड्रग कनेक्शन हो या महामंडलेश्वर बनने की बात। एक्टिंग से संन्यास लेने से पहले ममता कुलकर्णी आखिरी समय 2002 में ‘कभी तुम कभी हमट फिल्म के सिल्वर स्क्रीन पर नजर आई थीं। एक समय था जब ममता कुलकर्णी बॉलीवुड इंडस्ट्री का एक जाना माना चेहरा थीं। लेकिन अचानक वह बड़े पर्दे से गायब हो गईं। इसके बाद लोगों के बीच ममता कुलकर्णी का नाम फिर एक बार तब गूंजा, जब 2000 करोड़ रुपए के स्मगलिंग केस में ममता कुलकर्णी शामिल के बाद आई और कहा गया कि वह इसके बाद भारत छोड़कर चली गई। यही नहीं उन दिनों। ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से शादी रचाने की अफवाहों ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थी। हालांकि इस मामले में उनका नाम कुछ समय बाद साफ हो गया। इसके 25 साल बाद 2024 के आखिरी समय में एक्ट्रेस भारत वापस लौट आई।

प्रतिमा 'गृहलक्ष्मी’ टीम में लेखक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। डिजिटल मीडिया में 10 सालों से अधिक का अनुभव है, जिसने 2013 में काशी विद्यापीठ, वाराणसी से MJMC (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की। बीते वर्षों...