अमेरिकन मूल की बेहद खूबसूरत नरगिस फाखरी ने 2011 में फिल्म ‘रॉक स्टार’ फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा। ‘मद्रास कैफे’ और ‘मैं तेरा हीरो’ फिल्मों में भी दर्शकों ने उन्हें सराहा। पेश है नरगिस से हुई दिलचस्प बातचीत के अंश-
इमरान हाशमी किसिंग के लिए फेमस हैं, कैसा रहा आपका अनुभव?
(हंसकर) अरे मुझे तो पता ही नहीं था कि इंडस्ट्री में इमरान को सीरियल किसर कहते हैं, वैसे किसिंग एक्सपीरियंस एकदम डिस्गस्टिंग था। मूंछों के साथ कोई कैसे किस को इन्जॉय कर सकता है, वह भी तब जब मूंछें नकली हों, आपको क्या पता कि वह नकली बाल कहां से आए हैं।
आपके लिए संगीता बिजलानी का किरदार कितना मुश्किल था?
यह एक रियल लाइफ कैरेक्टर था लेकिन मैं संगीता से कभी भी नहीं मिली। 90 के दशक में मैं इंडिया में नहीं रहती थी। हां, मैंने उनकी फिल्म ‘त्रिदेव देखी है, उनके गाने ‘ओए-ओए’ का रिमेक करने में बहुत मजा आया।
आपका अब तक फिल्मी सफर कैसा रहा?
2009 में अपने स्विमसूट कलैंडर लांच के बाद ही मैं मुंबई आ गई थी। मुंबई में अकेले रह कर संघर्ष करना आसान नहीं था, मुझे मेरी मां का पूरा सहयोग था। 2011 में ‘रॉकस्टार’ हिट होने के बाद भी मेरी एक्टिंग को अच्छे रिव्यू नहीं मिले। किसी ने साथ नहीं दिया, लेकिन मैं कमजोर नहीं थी इसलिए हार नहीं मानी, अब मुझे खुद पर गर्व है।
आपके कैरियर का हाई पाइंट या लो पाइंट क्या था?
मेरे लिए कैरियर में कुछ भी हाई या लो नहीं है, मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो कुछ भी अच्छा काम कर लेने पर चढ़ जाएं या काम ना होने पर डिप्रेशन में चले जाएं। दरअसल मैं बहुत अजीब टाइप की हूं, मेरा लाइफ में कोई भी आइडियल नहीं है। मेरा कोई फेवरेट कलर नहीं है, कोई फेवरेट फूड नहीं है, फेवरेट बैंड या सांग नहीं है।
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आपकी वीकनेस या स्ट्रेंथ क्या हैं?
मेरी वीकनेस मेरी हिंदी है। मैं रोज हिन्दी सीखने की कोशिश करती हूं, अच्छी बात है कि अब मुझे थोड़ी-थोड़ी हिंदी समझ में आने लगी है। मैं बहुत सेंसटिव हूं, दूसरों के लिए बहुत सोचती हूं, नॉन जजमेंट्ल भी हूं, शायद यही मेरी ताकत है।
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अपने ‘मी टाइम में क्या करती हैं?
मुझे फ्रेंड्स के साथ घूमने जाना पसंद है, ट्रेवलिंग में मजा आता है, छुट्टी में साउथ अमेरिका जाना चाहती हूं, मस्ती करेंगे, घूमेंगे, खाना एन्जॉय करेंगे।
फिटनेस के लिए क्या करती हैं?
बैलेंस डाइट लेती हूं। हर 2 घंटे में हैल्दी फ्रूट और वेजिटेबल्स खाती हूं। खूब पानी पीती हूं और नियमित वर्कआउट करती हूं। न्यूयार्क में तो वॉक करने जाती थी, किंतु इंडिया में संभव नहीं है। ग्लैमर वर्ल्ड में हमेशा सुंदर दिखना जरूरी है, अपना ख्याल रखना ही पड़ता है।
हर दिन लाखों लड़के, लड़कियां, फिल्म इंडस्ट्री में आना चाहते हैं, आप भी नॉन फिल्मी बैकग्राउंड की थीं और आपने अपनी जगह बनाई? क्या मैसेज देना चाहेंगी?
यही कहना चाहूंगी कि जब तक आपको अपने पर पूरा विश्वास न हो, आप एक्टिंग को जुनून की हद तक प्यार न करते हों, तो इस लाइन में मत आइए। यहां बहुत ज्यादा संघर्ष है और सफलता कम है। लाखों में एक ही एक्टर बन
पाता है, उसके लिए भी कड़ी मेहनत और भाग्य चाहिए, परिवार का सपोर्ट भी चाहिए, वरना इस बड़ी सी इंडस्ट्री में सरवाइव करना मुश्किल है।
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