कैसे शुरू हुआ एक्टिंग का सफर?
देखिए मैं एक स्टार किड हूं। साउथ इंडिया में मेरी मम्मी राधा ने करीब 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है और एक एक्ट्रेस के तौर पर बहुत फेमस भी हैं। और यही वजह है कि फिल्में, शूटिंग, नेम, फेम, सिलेब्रिटी स्टेटस मेरे लिए न नई बात थी, न ही ये मुझे बहुत अट्रैक्ट करते थे। टेन्थ स्टैंडर्ड पास करते ही मुझे मेरा पहली फिल्म ऑफ़र हुई थी ‘जोश’। इस फिल्म में मैं नागार्जुन के बेटे के साथ लीड रोल में थी और ये फ़िल्म हिट रही थी। मैंने ऐक्टिंग या डान्सिंग का कोई कोर्स भी नहीं किया था। बस यूं ही ऐक्टिंग के प्रोफेशान में आ गई । 
 
आरम्भ कैसे मिली आपको?
जब मुझे गोल्डी बेहल सर और सृष्टि आर्या मैम ने जब ” “आरम्भ ” सीरियल का ऑफ़र दिया था तो उस वक्त मैं टी वी सीरियल करने के लिए तैयार नहीं थी। लेकिन मुझे ये कहानी बहुत अच्छी लगी थी और मेरा रोल भी बहुत पावरफ़ुल है। लेकिन मेरी प्रॉब्लम टाइम की थी। डेली सोप में बहुत समय देना पड़ता है, लेकिन फिर भी मुझे इतने अच्छे ऑफ़र को माना करना सही नहीं लग रहा था। वैसे भी आजकल फ़िल्म से ज़्यादा दर्शक टेलिविज़न देखते हैं इसलिए टी वी पर आपकी रेस्पॉन्सिबिलिटी बढ़ जाती है ।
 
अपने काम को लेकर कितना पैशनेट हैं आप?
मुझे कभी भी किसी से काम माँगने नहीं जाना पड़ा लेकिन मैंने अपने काम को हमेशा पूरी लगन से किया है और शायद यही वजह है कि मुझे साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री में बहुत रेस्पेक्ट और प्यार मिला । मैंने कभी भी पैसे या सर्वाइवल के लिए काम नहीं किया है। साल में मैं बस एक ही फ़िल्म करती हूं और पूरे दिल से करती हूं।

 

इस शो में आपने कितना एक्शन किया है? 

आरम्भ सीरियल में मेरे बहुत सारे ऐक्शन हैं। एक सीन में मैं हाथी के साथ हूँ, तो एक में मैंने घड़ियाल के साथ फ़ाइट सीन किया है। ये सभी काफ़ी इंट्रेस्टिंग था और मैंने इसे बहुत एंजॉय किया।  

आपको अबतक का बेस्ट कॉम्प्लिमेंट क्या मिला है?
मेरी आंखों के साथ ही मेरे आइब्रोज़ की भी तारीफ़ होती है। पहले तो लोगों की लगता था कि आइब्रोज़ में बहुत आर्च है, उसे कम करो। जब मेरी दूसरी फ़िल्म हिट हो गई तो इसी आइब्रोज़ की तारीफ़ होने लगी। सब लोग मेरी आँखो की बहुत तारीफ़ करते हैं सभी कहते हैं कि मेरी आइज़ बहुत इक्स्प्रेसिव है । यहाँ सभी कहते है कि मैं शिल्पा शेट्टी जैसी लगती हूँ जो मेरे लिए बहुत बड़ा कॉम्प्लिमेंट है । वैसे मैं मानती हूं कि जब कोई हिट हो जाता है, तो उसकी सभी बातें अच्छी लगने लगती हैं इसलिए मुझे इन बातों का ज़्यादा असर नहीं होता है। 
 
 
 

देवसेना का किरदार बहुत ट्रेडिशनल है। आप कितनी ट्रेडिशनल या मॉर्डन सोच रखती हैं। 

देखिए, हम सिर्फ़ नाम के लिए मॉर्डन हुए हैं। कहते हैं कि लड़का-लड़की ईक्वल है, बराबर है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। आज भी लड़कियों को अपने राइट्स के लिए लड़ना पड़ता है। मुझे लगता है कि आज भी कई औरतों को उन्हें जो इज़्ज़त मिलनी चाहिए वो नहीं मिलती है। लेकिन मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरी फ़ैमिली में ऐसा नहीं है। मेरे घर में तो मम्मी रूल करती हैं, लेकिन पापा किसी से कम नहीं है। फिर भी रूल तो मम्मी का ही चलता  है ।
 
आप अपनी फीमेल फैन्स को क्या संदेश देना चाहेंगी?
“आरम्भ” सीरियल की देवसेना फेमिनिज़्म का पर्फ़ेक्ट उदाहरण है।  अगर आज की लड़कियां भी किसी बाहुबली की तरह बन जाए यानि स्ट्रॉन्ग बन जाए तो बहुत अच्छा रहेगा। लड़कियों को अपने पिता के साथ भी अपना बॉन्डिंग को स्ट्रॉन्ग बनाना चाहिए। 
 
रियल लाइफ में आप कैसी हैं?
रियल लाइफ़ में मैं वे बेहद सिम्पल हूं और किसी नॉर्मल लड़कियों की तरह ही रहती हूं । घर पर मुझे शॉर्पट्स पहनना पसंद है या फिर ब्लू जीन्स और वाइट टॉप । मैं मेकअप भी तभी करती हूं ज़रूरत हो। मेरा फ़ेवरेट पास टाइम सोना है और मैं खाना खाना भी मुझे बहुत पसंद है।
 
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