पूरी दुनिया में मशहूर रैपर और म्यूज़िक कमपोज़र बादशाह का असली नाम आदित्य प्रतीक सिंग सिसोदिया है। जिनके पंजाबी हरियानवी और हिंदी गानो ने धूम मचा दी है। डी जे वाले बाबू, काला चश्मा और अभी तो पार्टी शुरू हुई है  जैसे गाने सुपर हिंट हुए हर फ़िल्म में बादशाह का एक गाना ज़रूर होता है।बादशाह ने अपने करीयर की शुरुआत यो यो हनी सिंग के साथ करी थी। स्टार प्लस के रियलिटी शो दिल है हिंदुस्तानी के सेकंड सीज़न को जज करेंगे। बादशाह से बातचीत हुई मुम्बई ब्यूरो चीफ़ गरिमा चंद्रा की-
 
दिल है हिंदुस्तानी शो के जज बन ने पर कितने उत्साहित है ?
स्टार प्लस के इस शो “दिल है हिंदुस्तानी-2” में पूरी दुनिया के सिंगर आ रहे हैं और वे सिर्फ़ हिंदी में गाना गा रहे है। ये एक अलग ही तरह का कोंसेप्ट है। इस में आपका दिल या सोच हिंदुस्तानी होना चाहिए, गाना हिंदुस्तानी होना चाहिये। इस तरह के शो में जज बनना काफ़ी अच्छा लग रहा है, इसलिए थोड़ा उत्सुक हूँ। शो में कई तरह के सिंगर आ रहे है, कई बेसुरे भी होते है लेकिन ज़्यादा तर अच्छे गाने वाले लोग है। कुछ लोग नर्वस हो कर ग़लत गाते है ,कुछ लोगों में अच्छा सिंगर होते हुए भी कॉन्फिडेंस की कमी होती है तो हम लोग इन सब बातों का ध्यान रखकर जज करते है। 
 
आप वन मैन शो है। गाना लिखने से लेकर कमपोस भी ख़ुद करते है?
जीं ये सही है, अपने गाने ख़ुद ही लिखता हूँ और फिर ख़ुद ही उसे कमपोस करता हूँ (हंसकर) अभी इतना अमीर नहीं हुआ हूँ ,इतने पैसे नहीं है कि किसी और से काम करा सकूँ। गाना कमपोस करने के बाद अगर वो मुझे सुनने मे अच्छा लगता है तो फिर यार दोस्तों को सुनता हूँ, उन्हें भी पसंद आता है तब वो गाना मार्केट में आता है। अपने आप को पब्लिक समझ कर गाना सुने तो मालूम हो जाता है कि गाना अच्छा बना है या नहीं। मेरे हिसाब से किसी भी गाने में मेलोडी होना बहुत ज़रूरी है। हमारे यहाँ वही गाने हिंट होते है जिन में मेलोडी हो। मैं नाइनटीस के गानो से बहुत प्रभावित हूँ, उस समय अनु मलिक, आनंद मिलिंद और नदीम श्रवण के गाने सुपर हिट होते थे और उन में मेलोडी होती थी। गाने के बोल कुछ भी हो गाना में बीट होना चाहिए और सुनने में अच्छा लगना चाहिए। फ़िलहाल तो मैं बहुत कम काम कर रहा हूँ साल में सिर्फ़ चार या पाँच गाने आते है हिट हो जाते है तो ज़्यादा सुनाई देते है ।
 
क्या आपको बचपन से ही म्यूज़िक का शौक़ था ?
जी, बचपन से ही मुझे म्यूजिक का शौक़ था। मै हर काम पढ़ाई, होम वर्क सब म्यूजिक के साथ करता था। अपने स्कूल की म्यूजिक ग्रूप में था लेकिन क्लास में हमेशा लेट आने की वजह से टीचर ने मुझे रेस्टीकेट कर दिया था। फिर पेरेंट्स चाहते थे कि मैं पढ़ाई करूँ तो एनजीनीरिंग कर ली। थोड़े समय जॉब भी किया लेकिन कहीं मन नहीं लगा। फिर थोड़े पैसे जमा हो जाने के बाद नौकरी छोड़ कर म्यूजिक को ही अपना प्रोफ़ेशन बना लिया ।
 
जब आपने म्यूज़िक के लिए जॉब छोड़ी तो फैमिली का क्या रिएक्शन था ?
मेरी फैमिली ने तो कभी भी मुझे इस प्रोफ़ेशन में आने के लिए एनकरेज नहीं किया। अभी भी वो लोग मेरे फ़ैन नहीं है बल्कि क्रिटिक ही है। मेरी मम्मी तो एक मेगजिन या अख़बार की तरह है कुछ भी ख़बर जानना हो तो उन से पूछ सकते है ,उन्हें सब पता होता है। वैसे मुझे लगता है कि युवा वर्ग को अपने माता पिता की बात सुननी चाहिए उनके तजुरबे का फ़ायदा उठना चाहिये।
मेरी वाइफ़ इस इंडस्ट्री से नहीं है। वो यू के की है उसे मेरे काम में कोई इंटेरेस्ट नहीं है बस वो चाहती है कि मैं टाइम से घर वापस आ जाऊँ। मेरी वाइफ़ बहुत कूल है। हम दोनो की बड़ी हेल्दी रीलेशनशिप है। उसे मेरी तरफ़ से कोई इन्सेक्युरिटी  नहीं है। मेरी सोलह महीने की बेटी है अभी वो गाना तो नहीं गाती लेकिन डान्स करती है उसके साथ टाइम बिताना मुझे बहुत अच्छा लगता है ।
 
आजकल सोशल नेटवर्क के ज़रिये कई लोग सिंगर बन जाते है?
जी ये सही है की आजकल सोशाल नेट वर्क से नये सिंगरस को बहुत फ़ायदा हो रहा है, आप अपना गाना फोन से रीकोड करके यू टूब पर डाल सकते है और बहुत ही कम समय में उस गाने को सभी लोग देख सकते है। देखा जाये तो बहुत ही कट थ्रोट कॉम्पीटीशन हो गया है अपनी कला दिखाने का सिंगरस को एक प्लेटफार्म मिल गया है। इस तरह आप किसी भी प्रोडक्शन हाउस के मोहताज नहीं होते ।
 
आपकी वीक नेस और स्ट्रेंथ क्या है ?
वैसे तो मैं बहुत ही आलसी इंसान हूँ। अपने आलस की वजह से कई अच्छे प्रोजेक्ट नहीं कर पाया हूँ और यही मेरी वीक नेस है। लेकिन मेरी स्ट्रेंनथ मेरा अंबिशस होना है। मैं बहुत ही महत्वकांक्षी हूँ, इतना की कभी कभी मेरी टीम के लोग डर जाते है। मैं ज़िंदगी में बहुत कुछ करना चाहता हूँ और सफल होना चाहता हू। मेरा एक प्रोडक्शन हाउस है जिसने हम जी 5 के लिए वेब कोंस्टंट, सीरियल बना रहे है, पंजाबी फ़िल्मे बना रहा हूँ, एयरपोर्ट पर रेस्टोरेंट खोलने का प्लान चल रहा है, टी बी चैनल खोल रहे है। इतना सब मैं अपनी टीम और स्ट्रेंथ की वजह से ही कर पा रहा हूँ ।
 
अपने आप में सेलेब्रेटी बनने के बाद कितना बदलाव महसूस करते है ?
बिलकुल भी नहीं। मैं अभी भी वही हूँ जो पहले था हाँ (हंस कर) बस अब अपना आलस्य जसटीफ़ाई कर लेता हूँ। मम्मी तो अभी भी मुझसे दूध लाने को कहती हैं।