बड़े पर्दे पर ‘कल हो न हो’, ‘चांदनी चौक टू चाइना’, ‘पटियाला हाउस’ जैसी फिल्में बना चुके निखिल आडवानी अब टीवी का रुख कर रहे हैं। निखिल इन दिनों टीवी पर चल रहे इमोशनल ड्रामा या सुपरनैचुरल कंटेन्ट से बिलकुल हटकर दर्शकों को युद्ध के कैदियों और उनके परिवार की कहानी दिखाने वाले हैं और उनके सीरियल का नाम है ‘पी.ओ.डब्ल्यू- बंदी युद्ध के’ ।
निखिल के सेट पर टीवी से अलग नियम
निखिल से ये पूछने पर कि शूटिंग के दौरान क्या उन्होंने भी टीवी के टीआरपी का प्रेशर महसूस किया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने सेट पर सबसे पहले सभी लोगों को ये ही बताया था कि मुझसे ये मत कहना कि टीवी पर ऐसा ही होता है।’ आगे निखिल करते हैं कि न हमने 24 घंटों में 18 घंटे शूटिंग की है और न ही टीआरपी को ध्यान में रखा है। मेरी पूरी टीम रोज़ सिर्फ 10 घंटे शूटिंग करती थी और शो लगभग पूरा शूट हो चुका है। कुछ ही एपिसोड्स अब शूट करने के लिए बचे हैं, तो ऐसा भी नहीं है कि टीआरपी के हिसाब से हम कहानी बदलते रहेंगे।

हाटूफिम से इंस्पायर्ड है ‘पी.ओ.डब्ल्यू- बंदी युद्ध के’
निखिल मानते हैं कि ‘पी.ओ.डब्ल्यू- बंदी युद्ध के’ का आइडिया उन्हें अपने घर पर इज़रायल की लोकप्रिय टीवी सीरीज़ हाटूफिम देखकर आया था। उनका कहना है कि सभी युद्ध में गायब हुए जवानों की बात करते, लेकिन अक्सर हमारा ध्यान उन जवानों के परिवार खासतौर से उनकी पत्नियां और बच्चों के बारे में कुछ सोच नहीं पाते। ‘मैं उन्हीं लोगों की कहानी आपको दिखाना चाहता हूं। ‘
सुपरनैचुरल कंटेन्ट से कॉम्पिटीशन
टीवी पर चल रहे सुपरनैचुरल कंटेन्ट के बारे में निखिल कहते हैं कि टीवी पर हर तरह की कहानी के लिए ऑडियन्स हैं और वैसे भी टीवी ऑडियन्स के पास ज्यादा चॉइस भी नहीं है। वो कहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें ऑप्शन मिलेगा तो वो जरूर कुछ नया देखना पसंद करेंगे।
निखिल द्वारा निर्देशित इस सीरियल में पुरब कोहली, संध्या मृदुल, अमृ़ता पूरी, सत्यदीप मिश्रा और मनीष चौधरी जैसे कलाकार हैं और ये सीरियल स्टार प्लस पर 5 महीने ही चलेगा।
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