हेमा मालिनी की प्रेरणा उनकी मां जया चक्रवर्ती रही हैं। हेमा जी प्रत्येक वर्ष अपनी मां की स्मृति में ‘जया स्मृति नामक एक नृत्य कार्यक्रम का आयोजन करती हैं जिसमें युवा वर्ग के नृत्य कलाकारों को प्रोत्साहन और प्रेरणा मिलती है। हेमा जी की नृत्य के प्रति लगन व झुकाव उन्हें एक नई स्फूर्ति प्रदान करता है।
नृत्य की शुरुआत
मैंने बचपन में ही डांस करना शुरू कर दिया था। मां चाहती थी कि मैं डांस सीखूं लेकिन मेरे फादर ज् यादा उत्साहित नहीं थे। वह एक रूढि़वादी परिवार से थे और डांस को अच्छा नहीं मानते थे, किंतु मां ने कहा कि मेरी बेटी इतनी सुंदर है और नृत्य भी अच्छा करती है तो उसे नृत्य की शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने मेरा नाम हेमा मालिनी इसीलिए रखा था। बाद में जब फादर ने देखा कि जिन श्लोक को बोलकर वह पूजा करते हैं उन्हीं पर मैं नृत्य कर रही हूं तो वह खुश हुए और उनकी सोच बदल गई। फिर उन्होंने इस कला का इतिहास पढ़ा, मेरे लिए म्यूजिशियंस को बुलाकर गाने कंपोज कराए और मुझे पारंगत तरीके से नृत्य की शिक्षा दिलाई।
मेरी मां जया
मेरी मां बहुत ही डेडिकेटेड और अनुशासन प्रिय महिला थीं। उन्हें गलती पसंद नहीं थी। शुरू में जब कभी मैं स्टेज पर गलती कर देती तो मां की तरफ देखती। फिर मेरी गुरु मां ने सिखाया कि उस समय कुछ मत सोचो, केवल डांस पर ध्यान केंद्रित रखो। दरअसल फिल्म और टीवी में तो 2-2 मिनट का कट करके डांस कर सकते हैं, किंतु जब आप स्टेज पर 2 घंटे का कार्यक्रम कर रहे हों तो हर मुद्रा या स्टेप याद रखना पड़ता है, जो प्रैक्टिस के बिना संभव नहीं है। बहुत ज्यादा अनुशासन और लगन की आवश्यकता होती है जो मैंने मां से सीखा है।
क्लासिकल डांस
भारतीय नृत्य हमारी पौराणिक कथाओं से जुड़े हैं। हम राम, कृष्ण और शिव की कथा पर नृत्य करते हैं। क्लासिकल डांस में एक बेस सिखाया जाता है कि कैसे नृत्य करना है, इसमें आपके शरीर, मस्तिष्क व आत्मा के साथ डांस होता है। इतना अच्छा पर्सनेलिटी डवलपमेंट होता है कि आप में मेंटली मैच्यूरिटी आती है। क्लासिकल डांस के लिए किसी का सुंदर होना जरूरी नहीं है। आप पारंपरिक वेशभूषा में खूबसूरत ही दिखते हैं। क्लासिकल डांस के लिए सबसे जरूरी है आपकी शरीर की बनावट, पॉश्चर, एनर्जी, भाव, अभिनय, सेन्स ऑफ रिदम और हाथ पैर का मूवमेंट।
नृत्य से प्यार
नृत्य मेरा प्यार है, मेरा प्रोफेशन है। मैं मरते दम तक नृत्य करना चाहती हूं, जब तक फिट हूं नृत्य करूंगी, जब नहीं कर सकी तो सिखाने का काम करूंगी। मैं नृत्य को प्रमोट करना चाहती हूं। युवा वर्ग को इस कला में लाना चाहती हूं। आज पाश्चात्य संस्कृति हमारे यहां आ गई है। मैं किसी की आलोचना नहीं कर रही, लेकिन नृत्य कला का स्तर ऊपर उठा कर उसे सही दिशा में बढ़ाना है।
ईशा और आहना
मेरी बेटियां ईशा और आहना दोनों डांस करती हैं। मैंने बचपन से ही उनमें नृत्य के प्रति रुचि देखी थी जब मैंने पहली बार उन्हें स्टेज पर डांस करते देखा तो बहुत खुशी हुई। हम तीनों जब एक साथ स्टेज पर परफार्म करते हैं तो बहुत डिवाइन फीलिंग आती है। फिलहाल दोनों शादी के बाद अपनी गृहस्थी में व्यस्त हैं। हमने बहुत समय से साथ डांस नहीं किया है, जिसे मैं मिस कर रही हूं, एक लॉस्ट सी फीलिंग आ रही है।
राजनीति
देखिए मैं कोई राजनीतिक नहीं हूं। राजनीति में आकर अपनी मथुरा नगरी के लिए कुछ काम कर रही हूं। मथुरा कृष्ण की नगरी है, कृष्ण जगत गुरु थे, मथुरा के साथ मैं कृष्ण से जुड़ा हुआ महसूस करती हूं।
ड्रीम गर्ल
अरे अब तो मैं नानी बन गई हूं। अब क्या ड्रीम गर्ल, यह सब पुरानी बात है। अपनी फिटनेस के लिए योगा करती हूं, डांस करती हूं, साधना भी करती हूं। खाना बहुत लिमिटेड खाती हूं। अगर अभी भी लोग ड्रीम गर्ल और स्वप्न सुंदरी कहते हैं तो अजीब लगता है।
