काम से फ्री होने के बाद
फराह कहती हैं, ‘अगर मैं सही समय पर घर आ जाउं, तो मैं बच्चों और पति के साथ आराम से बैठती हूं, साथ में चाय पीती हूं। जब कभी लेट नाइट लौटती हूं तो थोड़ी देर कुछ वेब सीरीज़ देखकर सो जाती हूं क्योंकि उस समय तक बच्चे सो चुके होते हैं। मेरी पूरी कोशिश होती है कि अपने काम के बारे में मैं घर पर बिलकुल ना सोचूं।’
फराह का रिलेशनशिप मंत्रा
‘मैं कोशिश करती हूं कि मैं शिरीष को किसी बात के लिए ज्यादा नैग न करूं (वैसे शिरीष इस बात को मानेंगे नहीं, हंसते हुए)। मुझे देखकर भले ऐसा लगता नहीं है, लेकिन मैं घर पर ज्यादा कॉम्प्रोमाइज़ करती हूं। मैं ये कोशिश भी नहीं करती कि मैं ये प्रूव करूं कि मैं ही सही हूं। मैं किसी काम को जैसा चाहूं वैसा ही कराउं, ऐसा नहीं है। मेरे मन में यही होता है कि मैं ही सही हूं, लेकिन मैं शिरीष की बात से मान जाती हूं। वैसे भी बच्चों के लिए हमने ये तय किया है कि बच्चों के लिए हम मिलकर कोई भी निर्णय करेंगे।’
वर्किंग मॉम और गिल्ट प्रेशर
मैं हमेशा से ये कहती आई हूं कि बच्चों के जन्म लेते ही मां के अंदर तरह-तरह के गिल्ट आने लगते हैं। मैं दो घंटे कोई पिक्चर भी देख लूं तो लगता है कि बच्चों को टाइम दे देती। बच्चे छोटे थे तो मैंने ज्यादा काम किया क्योंकि उनको सिर्फ दूध पीकर सोना था। अभी उनको ज्यादा अटेंशन चाहिए। इधर मेरे ड्रेसिंग टेबल की लाइट जलती है और उनके सवाल शुरू हो जाते हैं वाई यू आर गोइंग मम्मा,। मैं महसूस करती हूं कि हमलोग दिन भर बच्चों की इन बातों को सोचते रहते हैं, लेकिन उन्हें इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता और वो फिर सब भूलकर अपनी चीज़ों में व्यस्त हो जाते हैं। वैसे मैंने अपने रुटीन में साल की चार छुट्टी तय कर रखें हैं। इन छुट्टियों में मैं जहां भी जाती हूं, अपने तीनों बच्चों के साथ ही रहती हूं। अब तो मैं नैनी भी नहीं ले जाती। उनको जो भी चाहिए वो मैं ही करती हूं।
हैं अच्छी होस्ट
हां, सब कहते हैं कि मैं अच्छी होस्ट हूं।आजकल मैं शूट के दिन खाना घर से ही मंगाती हूं और मेरे मेकअप रूम में लंगर लगता है और मुझे बहुत अच्छा लगता है। जब छोटे थे तब तो घर के हालात ऐसे नहीं है। अब मैं फ्रेंड्, को बुलाना हमेशा एंजॉय करती हूं।
शो वर्सेस होस्ट
जज करना आसान है, ना किसी को बुलाना है, ना किसी को देखना है, ना किसी क्रीएटिव के बारे में सेचा। लेकिन लिप सिंग बैटल में मैं शो प्रज़ेन्टर और शो रनर भी हूं। ये जज जैसा आसान काम नहीं है इसलिए ये शो अगर अच्छा करें तो मैं संतुष्ट महसूस करेंगी।
टीवी पर काम
टीवी के डायरेक्टर और क्रू को मैं सलाम करती हूं। हमेशा सोतची हूं वो ऐसे इतने लंबे शोज़ बनाते हैं। मेरा ये शो फाइनाइट है तो मुझे इसमें ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन लंबे समय तक का कमिटमेंट वाकई मुश्हांकिल है। वेब सीरीज़ कर सकती हूं क्योंकि ये फाइनाइट है। वेब सीरीज़ में जब मेरे पास 10 घंटे के लिए कुछ अच्छा कंटेन्ट होगा तो मैं जरूर करूंगी।
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