अजय देवगन की एक्‍शन से भरपूर ‘भोला’ हुई रिलीज,जानिए कैसी है फिल्‍म: Bholaa Movie Review
Bholaa Movie Review

Bholaa Movie Review: अजय देवगन की फिल्‍म ‘भोला’ आज रिलीज हो गई है। इस फिल्‍म के ट्रेलर रिलीज के बाद से ही उम्‍मीद की जा रही थी कि ये एक जबरदस्‍त एक्‍शन मूवी होने वाली है। अजय देवगन ने इस उम्‍मीद को पूरा भी किया। इनकी ये फिल्‍म जबरदस्‍त मसाला एक्‍शन मूवी है। अजय देवगन, तब्‍बू और दीपक डोबरियाल की जबरदस्‍त एक्टिंग ने फिल्‍म में जान डाल दी है। निर्देशन और एक्टिंग दोनों की बागडोर संभालने वाले अजय ने दोनों ही जिम्‍मेदारियों को बखूबी निभाया है। आइए जानते हैं कि फिल्‍म कैसी है।

Bholaa Movie Review: फिल्‍म की कहानी  

फिल्‍म की कहानी भोला (अजय देवगन) और एसीपी डायना जोसेफ (तब्‍बू) के ईर्द गिर्द घूमती है। भोला इस साल की कैद के बाद बाहर आता है। उसे जेल में पता चलता है कि उसकी एक बेटी है जो लखनऊ में रहती है। जेल से बाहर आते ही भोला अपनी बेटी से मिलने की कोशिश करता है। वहीं एसीपी डायना एक बाहुबली की गिरोह का ड्रग तस्‍करी का माल पकड लेती है। इस माल को पाने के लिए बाहुबली अश्‍वथामा (दीपक डोबरियाल) पोलिस में उसके लिए काम करने वालों के साथ मिलकर साजिश रचता है। एसीपी डायना की पूरी टीम की जान खतरे में है और अपने ऑफीसर्स की जान बचाने के लिए वो सबको अस्‍पताल पहुंचाने में लग जाती हैं। वहीं उसे बरामद किए गए ड्रग्‍स को भ सुरक्षित रखना है। इसके लिए वो भोला को अपने साथ शामिल कर लेती हैं। अब डायना की इस जंग में भोला उसकी मदद के लिए राजी होगा या नहीं, भोला अपनी बेटी से मिल पाता है या डायना का साथ देने की वजह से उसकी बेटी खतरे में पड जाती है। बाहुबली अश्‍वथामा डायना और भोला को अपने पॉलिटकिल कनेक्‍शंस की वजह से हरा देगा या भोला कि जीत होगी।होगी। इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों की तरु रूख करना होगा।

कैसी रही परफॉर्मेंस

फिल्‍म में अजय देवगन एक्टिंग और डायरेक्‍शन दोनों कामों को बखूबी निभाया है। जहां वे अपनी दमदार आदाकारी और एक्‍शन से लोगों को प्रभावित करने में कभी नहीं चूकते। वहीं पर्दे के पीछे का किरदार भी उन्‍होंने अच्‍छी तरह निभाया है। उन्‍होंने कैमरे के साथ सीन्‍स को फिल्‍माने में कई प्रयोग भी किए हैं जिनका असर पर्दे पर देखने को मिलता है। फिल्‍म भरपूर एक्‍शन ड्रामा है। इसमें एक कमी जो खलती है वो हैं इमोशंस की। फर्स्‍ट हॉफ में एक्‍शन सीन्‍स की भरमार है। कहीं कहीं ईमोशनल सीन्‍स भी है। सेकंड हॉफ में भोला की स्‍टोरी को एक गाने के साथ पेश करने की कोशिश की गई है। फिल्‍म की एक खासियत है कि सेकंड हॉफ को एक रात में समेटने की स्‍मार्ट कोशिश की गई है। इसके एक्‍शंस में भी प्रयोग किए गए हैं। हॉलीवुड या साउथ के एक्‍शंस से हटकर फिल्‍म में कुछ अलग करने का सफल प्रयास किया है। बात करें एक्टिंग की तो हमेशा की तरह ही अजय देवगन न अपनी ईमेज को ध्‍यान में रखते हुए एक्‍शप्रेशन से ही आग लगाने का काम किया है। हालांकि यूपी के किरदार को निभाने के बावजूद वो वहां का एक्‍सेंट डिलीवर करने में असफल रहे हैं। वहीं तब्‍बू जैसे पोलीस के किरदार को निभाने के लिए पूरी तरह फिट हैं। उनकी बेहतरीन अदाकारी और एक्‍शन से उन्‍होंने किरदार को पूरी तरह जिया है। वहीं विलेन बने दीपक डोबरियाल ने अश्‍वथामा के किरदार में अपनी अदाकारी से जान भर दी है। अब तक कॉमेडी किरदार निभाने वाले दीपक ने विलेन के रूप में भी प्रभावित किया है। वहीं संजय मिश्रा ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया है। हालांकि फिल्‍म में कुछ बातें अखरती हैं जैसे यूपी के बरेली, उंचाहार, लालगंज जैसे कई इलाकों में भी कानपुर या वेस्‍ट यूपी का एक्‍सेंट जस्टिफाई नहीं दिखता। वहीं कई सीक्‍वेंस ऐसे हैं जिनमें अगर लॉजिक लगाया जाए तो वो समझ से परे लगते हैं। जैसे एक बडे क्रिमिनल को सिर्फ एक कांस्‍टेबल के साथ थाने में छोडकर जाना, वहीं एसीपी बनीं तब्‍बू किसी तरह की मदद के लिए पोलीस मुख्‍यालय में बात क्‍यों नहीं करती किसी बैकअप के लिए क्‍यों प्रयास नहीं करतीं। ऐसे कई लॉजिक लोगों के जेहन में आ सकते हैं। लेकिन एक ही बात इसका जवाब है कि ये मसाला मूवी है बिना लॉजिक लगाए देखने पर ही मजा आएगा और वहीं जब साउथ और हॉलीवुड की एक्‍शन फिल्‍मों में इस तरह का लॉजिक नहीं ढूंढते तो बॉलीवुड की फिल्‍मों को भी इस तरह देख सकते हैं।

क्‍यों देखें

अगर आप एक्‍शन फिल्‍मों के फैन हैं तो ये फिल्‍म देखना बनता है। लम्‍बे समय बाद ऐसी एक्‍षन फिल्‍म देखने को मिलेगी जिसमें आपको एक अलग ही तरह का एक्‍शन देखने को मिलेगा। देसी लोगों को देसी चीजें ज्‍यादा भाती हैं। इसमें अजय देवगन के एक्‍शन का अंदाज कुछ वैसा ही देखने को मिलेगा।