Who Is Megha Vemuri: MIT में पढ़ने वाली भारतीय छात्रा मेघा वेमुरी की आवाज ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। आजकल की दुनिया में जब सब लोग चुपचाप रहकर आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं तो वहीं कुछ ऐसे चेहरे निकलकर सामने आते हैं, जो सभी का नजरिया बदलने में काबिल होते हैं। ऐसे ही मेघा वेमुरी की आवाज ने इंटरनेशनल स्टेज पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया। MIT (Massachusetts Institute of Technology) के ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान मेघा ने स्टेज से खुलकर फ्री फिलिस्तीन की मांग उठाई और इजरायल के साथ चल रहे रिश्तों पर कई सवाल खड़े किए।
यह काफी शांत लेकिन असरदार बयान था। मेघा का यह स्टैंड इस बात को साबित करता है कि आज के युवा सिर्फ भेड़ चाल का हिस्सा नहीं बल्कि बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं। मेघा वेमुरी ने फ्री फिलिस्तीन की मांग उठाकर उन लोगों को आवाज दी है, जो इंसाफ और मानवाधिकार के लिए सालों से दबाए जा रहे हैं।
ग्रेजुएशन स्टेज बना विरोध का मंच
बेस्ट इंस्टिट्यूट में गिना जाने वाले MIT की ग्रेजुएशन सेरेमनी इतनी भव्य होती है कि जिसमें पूरी दुनिया के कोनो कोनो से छात्र आते हैं, लेकिन इस बार मेघा वेमुरी ने इस मंच को एक नई आवाज दी। जैसे ही उन्होंने फ्री फिलिस्तीन का नारा दिया, पूरा माहौल बदल गया। कोई हेट स्पीच या नाराजगी न दिखाते हुए उन्होंने सिर्फ फ्री फिलिस्तीन की मांग रखी। इस बात से यह पता चलता है कि आज का युवा सिर्फ डिग्री के पीछे नहीं, बल्कि दुनिया के हालात को समझती है और जरूरत पड़ने पर आवाज भी उठा सकती है।
जीनोसाइड यानी नरसंहार शब्द का इस्तेमाल
मेघा ने अपने भाषण में इजरायल द्वारा किए जा रहे कार्यवाहियों को जिनोसाइड का नाम दिया। जिनोसाइड कोई आम शब्द नहीं है। इसका अर्थ होता है किसी समुदाय या जाति को जानबूझकर मिटाना। जिनोसाइड शब्द सुनकर कुछ लोगों ने तो तालियां बजाई लेकिन कुछ लोग चुपचाप ही बैठे रहे। इस मंच से मेघा ने आवाज उठाकर बदलाव की अपील की। इस बात से यह पता चलता है कि देश-विदेश में चल रहे घटनाओं का छात्र और छात्राओं पर कितना गहरा असर पड़ता है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड
जैसे ही मेघा वेमुरी का यह वीडियो वायरल हुआ फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर हर जगह मेघा वेमुरी और फ्री फिलिस्तीन ट्रेंड करने लगे। कुछ लोगों ने मेघा की खुलकर तारीफ की तो वहीं कुछ लोगों ने उनको ट्रोल भी करते हुए कहा कि MIT का ग्रेजुएशन सेरेमनी कोई पॉलिटिकल फील्ड नहीं है, जिसमें पॉलिटिकल बातें की जाए, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि जब तक देश का युवा समाज के बारे में नहीं सोचता, समाज में कोई बदलाव नहीं आ सकता। इसलिए ऐसे मंच पर अपनी बात कहना उन युवाओं को प्रेरित करना है, जो समाज के बारे में सोचते हैं।
मेघा के इस नारे का प्रभाव
मेघा वेमुरी अब केवल MIT की एक स्टूडेंट ही नहीं बल्कि यंग आइकन बन चुकी हैं। मेघा की आवाज से एक बहस तो शुरू हो चुकी है। आज के दौर में पॉलिटिक्स, टेक्नोलॉजी और ह्यूमन राइट सब कुछ आपस में जुड़े हुए हैं। मेघा की यह स्पीच हमें याद दिलाती है कि सिर्फ किताबों में टॉप करना ही नहीं बल्कि व्यवहार में भी चीजों को समझना जरूरी है। अगर आप एक पढ़े-लिखे इंसान है और संसार में कहीं भी नाइंसाफी हो रही है तो उस पर बोलना आपके लिए जरूरी हो सकता है।
