भारत चमत्कारों, रहस्यों और अद्भुत धरोहरों का संगम है। कुछ चमत्कार हमारे पूर्वजों ने हमें आशीर्वाद स्वरूप दिए तो कुछ प्रकृति ने वरदान के रूप में भेंट किए। यही कारण है कि भारत की धरती पर कदम कदम को आपको कुछ अनोखा देखने को मिल जाएगा। ऐसा ही एक अजूबा है बिहार के हाजीपुर का एक छोटा सा कुआं। इस कुएं को प्रकृति का अनोखा वरदान कहा जा सकता है।
इसलिए बेहद अनोखा है यह कुआं

भारत के नक्शे पर छोटा सा दिखने वाला बिहार का हाजीपुर शहर एक कुएं के कारण देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका है। हाजीपुर स्थित कबीर मठ में स्थित इस एक ही कुएं में नौ प्रकार के स्वाद का पानी मिलता है। जी हां, इस कुएं के हर छोर के पानी का स्वाद अलग है। यही कारण है कि गंगा और गंडक के संगम पर स्थित इस कुएं को नवग्रह कुआं कहा जाता है। इस चमत्कारी कुएं को देखने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण साल 1640 में किया गया था। तभी से ये लोगों की आस्था का केंद्र है।
आज तक नहीं सुलझ पाया यह रहस्य
इस कुएं के चमत्कार यहीं खत्म नहीं होते हैं। इस कुएं और नदी के बीच की दूरी करीब 100 फीट है। इसके बाद भी कुएं का जलस्तर नदी के जलस्तर से हमेशा ऊंचा रहता है। इसके पीछे क्या कारण है, इसका रहस्य आजकल नहीं सुलझ पाया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस कुएं पर कभी भी किसी प्राकृतिक आपदा का असर नहीं पड़ा है। 383 साल से यह कुंआ यहां शान से है। यहां प्रतिवर्ष विश्वप्रसिद्ध सोनपुर पशु मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले के दौरान लोग अपने ग्रहों की शांति के लिए इस कुएं की पूजा करना नहीं भूलते। कहते हैं यहां पूजा के बाद लोगों की परेशानियां दूर हो जाती हैं।
शोधकर्ताओं ने खोज निकाला सच

स्थानीय लोगों का मानना है कि यह कुआं नवग्रहों की गति को सुधार देता है। कोई भी दोष होता है, उसे दूर कर देता है। यही कारण है कि प्रतिदिन यहां लोग ग्रहों की शांति की पूजा करने आते हैं और कुएं के अलग अलग स्वाद के पानी का सेवन करते हैं। एक ही कुएं में इस तरह नौ स्वाद का पानी आना लोगों के लिए चमत्कार से कम नहीं है। यही कारण है कि देश विदेश के शोधकर्ता यहां इस रहस्य को सुलझाने आए। शोधकर्ताओं ने भी माना है कि इस कुएं का पानी नौ अलग अलग स्वाद का है। शोधकर्ताओं का तर्क है कि कुएं के नौ अलग-अलग मुहाने के पानी में नौ प्रकार के मिनरल हैं। यही कारण है कि इसका स्वाद अलग-अलग है। कारण कुछ भी हो लोग इस कुएं को ईश्वर के वरदान के रूप में ही देखते हैं। उनका मानना है कि हर ग्रह एक अलग स्वाद के पानी का प्रतिनिधित्व करता है।
