Summary: विज्ञापन इंडस्ट्री के दिग्गज पीयूष पांडे नहीं रहे, फेविकॉल और ‘अबकी बार मोदी सरकार’ के लिए जाने जाते थे
विज्ञापन इंडस्ट्री के दिग्गज पीयूष पांडे का 70 साल की उम्र में निधन, जिन्होंने फेविकॉल और BJP के ‘अबकी बार मोदी सरकार’ कैंपेन जैसे मशहूर विज्ञापन तैयार किए।
Piyush Panday Death: भारतीय विज्ञापन उद्योग के मशहूर क्रिएटिव लीडर और ‘ओगिल्वी इंडिया’ के आइकॉन पीयूष पांडे का 70 साल की उम्र में निधन हो गया। अभी तक उनके निधन की वजह सामने नहीं आई है। पीयूष सिर्फ यादगार विज्ञापन बनाने वाले नहीं थे, बल्कि हर विज्ञापन में भावनाएं और जान भरने वाले बेहतरीन कहानीकार भी थे। उनके जाने से पूरे विज्ञापन उद्योग में शोक फैल गया। हंसल मेहता से लेकर स्मृति ईरानी तक ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आइए जानते हैं कि पीयूष पांडे ने कौन-कौन से विज्ञापन बनाए और वे इतने मशहूर क्यों हुए।
कौन थे पीयूष पांडे?

पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर में हुआ था। उन्होंने ऐसे कई विज्ञापन बनाए जो आज भी याद किए जाते हैं। पीयूष पांडे के बनाए विज्ञापनों में वास्तविकता की झलक होती थी, जो लोगों को उस प्रोडक्ट को खरीदने के लिए प्रेरित करती थी। इसी वजह से उन्हें विज्ञापन जगत का महान हस्ती माना जाता था।
कम उम्र में ही विज्ञापन जगत में कदम
पीयूष पांडे ने महज 27 साल की उम्र में विज्ञापन इंडस्ट्री में कदम रखा। उन्होंने शुरुआत अपने भाई प्रसून पांडे के साथ की थी और दोनों ने रोजमर्रा के उत्पादों के लिए रेडियो जिंगल्स तैयार किए। 1982 में उन्होंने ओगिल्वी इंडिया में काम शुरू किया और 1994 में उन्हें कंपनी के बोर्ड में शामिल किया गया। उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 2016 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया, जबकि 2024 में उन्हें LIA लीजेंड अवॉर्ड भी मिला।
पीयूष पांडे के बनाए मशहूर एड
फेविकॉल – 2007
फेविकॉल के इस ट्रक वाले एड में पीयूष ने इस साधारण गोंद को इतना यादगार बना दिया कि यह हर घर में प्रसिद्ध हो गया। विज्ञापन में एक ट्रक पर ढेर सारे लोग बैठे हैं और ऊबड़-खाबड़ सड़क पर गिरने के बजाय गाड़ी चलती रहती है। इस एड ने न केवल अवॉर्ड जीते बल्कि दर्शकों के दिलों में भी अपनी छाप छोड़ दी।
कैडबरी – 2007
इस एड में भारतीय क्रिकेट के प्रति प्यार दिखाया गया। एक बच्चा छक्का मारकर नाचता है और पूरा मोहल्ला उसके साथ झूम उठता है। पांडे की आवाज और टैगलाइन “कुछ खास है जिंदगी में!” ने इसे लोगों से जोड़ दिया।
एशियन पेंट्स – (2002)
एक परिवार की कहानी में पिता की यादें दीवारों पर जीवित हो उठती हैं। टैगलाइन “हर घर कुछ कहता है” ने लाखों घरों को छुआ और एशियन पेंट्स को मार्केट लीडर बना दिया।
हच (वोडाफोन) – 2003
इस एड में एक प्यारा पग बच्चे का पीछा करता है, जो “व्हेयरवर यू गो, हच इज विदू” का प्रतीक बन जाता है। हिंदी डायलॉग्स जैसे “भाई, हच है ना!” ने इसे घर-घर फेमस कर दिया। यह एड ब्रांड को री-ब्रांडिंग करने और पग को राष्ट्रीय आइकॉन बनाने में सफल रहा।
बीजेपी के लिए तैयार किया था अभियान

पीयूष पांडे ने न सिर्फ टीवी के लिए विज्ञापन बनाए, बल्कि पॉलिटिक्स में कदम रखते हुए भाजपा के लिए “अबकी बार, मोदी सरकार” केवल 50 दिन तक एक चुनावी एड कैंपेन तैयार किया था, जिसके बारे में उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया था। उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए गहन रिसर्च की गई थी और मोदी की छवि और चेहरे को केंद्र में रखा गया। अभियान की भाषा साधारण और सहज रखी गई, ताकि जनता आसानी से समझ और कनेक्ट कर सके। उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने 50 दिन में 200 से ज्यादा टीवी कमर्शियल, 100 से ज्यादा रेडियो एड और हर दिन 100 से ज्यादा प्रिंट एड तैयार किए। इस दौरान हर दिन बीजेपी के नेता उनके साथ बैठकर एड्स को अप्रूव करते और खुद भी अभियान में हिस्सा लेते।



