Aamir Khan As Langda Tyagi : 2006 में ‘ओमकारा’ का जन्म तब हुआ जब निर्देशक विशाल भारद्वाज ने शेक्सपीयर के नाटक ‘ओथेलो’ को भारतीय अंदाज में पेश करने का फैसला किया। लेखक रॉबिन भट्ट के साथ खूब और कई दिनों की बातचीत के बाद तय किया गया कि लीड रोल के लिए अजय देवगन सबसे परफेक्ट रहेंगे। आपने फिल्म देखी होगी तो अजय को लीड रोल में देखा भी होगा। अब रॉबिन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा है कि अजय देवगन और करीना कपूर को फाइनल करने के बाद सबसे अहम रोल था ‘लंगड़ा त्यागी’ का। यह रोल भी फिल्म के जान होने वाला था सो इसके किरदार के लिए सही एक्टर चुनने में मुश्किल आ रही थी, क्योंकि इस रोल में दिलचस्पी रखने वाले दो बड़े अभिनेता थे। दोनों में से एक को चुनने में टीम को पसीने आ गए थे।
‘फ्राइडे टॉकीज’ से बात करत हुए में रॉबिन याद करते हैं, “सबसे बड़ी बात तो यह है कि आमिर खान विलेन के इस रोल को करने के लिए तैयार थे। दूसरा विकल्प हमारे पास सैफ अली खान थे। कई दिनों तक बात हमारा मंथन चलता रहा लेकिन लेकिन एक समय के बाद हमने महसूस किया कि आमिर इस फिल्म के लिए सही नहीं हैं।” पूरा मन बनाने के बाद ही फिल्म की टीम ने ‘लंगड़ा त्यागी’ का रोल सैफ अली खान को ऑफर किया। हालांकि सैफ के सामने एक चुनौती यह थी कि वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थानीय बोली को जरा नहीं जानते थे और यह कहानी वहीं पर आधारित थी।
सैफ की समस्या भाषा थी
रॉबिन ने बताया कि सैफ इस किरदार में ढलने के लिए हर तरह की मेहनत करने को तैयार थे। उन्होंने अपने लुक में भी काफी बदलाव किए … बाल छोटे करवाए और भाषा सुधारने के लिए एक ट्यूटर भी रखा। रॉबिन ने को अच्छी तरह से याद है, “सैफ की समस्या भाषा थी, लेकिन उसने ट्यूशन लेना शुरू किया। कई हफ्तों तक इसे सीखा। पूरा ट्रेनिंग ली और अपने बाल भी कटवा लिए।”
सैफ ने जमकर मेहनत की
‘ओमकारा’ (2006) में सैफ अली खान ने लंगड़ा त्यागी का किरदार निभाया, जो उनके दूसरे रोल्स से काफी अलग था। इस भूमिका की तैयारी के लिए सैफ ने बोली पर खूब मेहनत की। इसके लिए वह मालदीव और इटली तक चले गए ताकि किरदार पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उन्होंने अपने सह-कलाकार दीपक डोबरियाल के साथ खूब अभ्यास किया, जिन्होंने उनकी भाषा सुधारने में मदद की। सेट पर सैफ की मेहनत रंग लाई। वह अपनी लाइनों को पहली टेक में ही सही तरीके से बोल लेते थे, जिससे निर्देशक विशाल भारद्वाज काफी प्रभावित हुए।
सैफ का लंगड़ा त्यागी का किरदार आज भी बॉलीवुड में उनके सबसे बेहतरीन एक्ट में गिना जाता है। ‘ओमकारा’ को आलोचकों से जबरदस्त सराहना मिली थी, खासतौर पर इसके दमदार अभिनय, दिलचस्प कहानी और शेक्सपीयर के नाटक की अनोखी प्रस्तुति के लिए। फिल्म हिट रही और इसके गाने तो आज तक सुने जाते हैं। विशाल भारद्वाज का यह संगीत उनके सबसे अच्छे कामों में गिना जाता है और निर्देशन के मामले में भी उनकी यह फिल्म याद की जाती है।
