Immune System: अगर आप चाहती हैं कि आपका नन्हा-मुन्ना फेस्टिव सीजन को इंजॉय करे, तो यह सही समय है कि आप हेल्दी डाइट के साथ उसके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं। ऐसा आप उसे उन न्यूट्रिएंट्स को खिलाकर कर सकती हैं, जो उसे इन्फेक्शन से दूर रखने में मदद करेगा। आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि उसका इम्यून सिस्टम तब तक मैच्योर नहीं होगा, जब तक कि वह 5 साल का नहीं हो जाता। ऐसे में उसे हेल्दी रखने के लिए सभी इनग्रेडिएंट्स का सेवन कराएं।
जब आपके बच्चे का जन्म हुआ था तो उसका इम्यून सिस्टम जगह पर था लेकिन अब वह अपने डाइजेस्टिव सिस्टम में ‘गुड बैक्टीरिया’ के निर्माण में बिजी है। वह कीटाणुओं से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज भी बनाने में व्यस्त है। आप उसके डाइजेस्टिव सिस्टम को एक नए घर की तरह समझें, जिसे फर्निशिंग की जरूरत है। जैसे ही उसकी बॉडी बीमारी और वैक्सीनेशन के जरिए जर्म का सामना करेगी, उसकी खास एंटीबॉडीज बननी शुरू हो जाएंगी। एक बच्चे का इम्यून सिस्टम 6 महीने से 3 साल के बीच में बनता है, इसलिए जरूरी है कि आप इस दौरान उसे सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स खिलाएं।
इंफेक्शन से लड़ने वाला आयरन
आपके बच्चे को अपनी बॉडी के लिए आयरन की जरूरत पड़ती है ताकि वह इंफेक्शन से लड़ सके। वह जिन आयरन के साथ जन्म लेता है, सिर्फ 6 महीने तक चलता है। चूंकि उसका बॉडी आयरन नहीं बना सकता, तो उसे अलग से आयरन की जरूरत पड़ती है। अगर संभव हो तो आप उसकी हर मील में आयरन की मात्रा दें। अगर आप नॉन वेजिटेरियन खाती हैं तो उसके भोजन में एक चम्मच रेड मीट मिला दें। अगर उसे खाना नहीं पसंद है, तो इसे पेस्ट के तौर पर नूडल्स में मिलाकर दें। छोले वाले चने भी आयरन का बढ़िया स्रोत होते हैं तो आप उबले छोले से हमस बना सकती हैं। उसे लाल शिमला मिर्च के साथ दें क्योंकि विटामिन सी आयरन को एब्जॉर्ब करने में मदद करता है।
एंटी बॉडी बनाने वाला विटामिन ई
इंफेक्शन से लड़ने वाले एंटीबॉडीज और जर्म पर अटैक करने वाले व्हाइट ब्लड सेल्स को बनाने में विटामिन ई आपके बच्चे की मदद करता है। ऑरेंज फ्रूट और गाजर, शकरकंद जैसी सब्जियों में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आप इसे ऑलिव ऑयल के साथ टेस्टी वेजेस के तौर पर बेक कर सकती हैं।
सेल की सुरक्षा करने वाला विटामिन सी
इंफेक्शन से लड़ने में व्हाइट ब्लड सेल्स को विटामिन सी की जरूरत पड़ती है। यह सेल्स को प्रोटेक्ट और हीलिंग प्रोसेस में मदद करता है। शिमला मिर्च, ऑरेंज और कीवी फ्रूट में बढ़िया विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। या फिर आप अमरुद, स्ट्रॉबेरी और कीवी को मिलाकर फ्रूट सलाद बना सकती हैं। आपको यह जानकर बहुत अच्छा लगेगा कि फ्रोजन और कैन्ड फ्रूट में विटामिन सी की मात्रा उतनी ही होती है, जितनी फ्रेश में।
बैक्टीरिया बूस्ट करने वाले प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक्स आपके बेबी के बोवेल और पेट में लाभकारी बैक्टीरिया को इंट्रोड्यूस करते हैं। बैड बैक्टीरिया को संतुलित करके बच्चे के इम्यून सिस्टम के विकास को बूस्ट अप भी करते हैं। घर में बनी दही में ढेर सारा प्रोबायोटिक्स होता है, इसलिए आप उसे रोजाना एक चम्मच दही जरूर खिलाएं। इसे मीठा करने के लिए आप इसमें फल भी मिला सकती हैं।
हील करने वाले विटामिन बी6
हीलिंग प्रोसेस में मदद करने के लिए रेड ब्लड सेल्स ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट करने और एंटीबॉडीज बनाने में विटामिन बी6 आपके बच्चे के इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है। होलमील ब्रेड, पास्ता और केला जैसे बिना खट्टे फलों में विटामिन बी सिक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आप उसे यह सब खिलाएं। कुछ दिनों के बाद आप उसे घर पर ही केले से बना ब्रेड खिला सकती हैं, जिससे उसे डबल बी6 मिलेगा। इसके लिए रेसिपी आपको इंटरनेट पर आसानी से मिल जाएगी।
चोट को ठीक करने और सेल का निर्माण करने वाला जिंक
चोट को ठीक करने और उसके इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने के लिए नए सेल्स और एन्ज़ाइम को बनाने के लिए आपके बच्चे को जिंक की जरूरत पड़ती है। उसकी बॉडी में यह न्यूट्रिएंट नहीं रह सकता, इसलिए जरूरी है कि आप उसकी डाइट में जिंक को अच्छी मात्रा में शामिल करें। मीट, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट में जिंक अच्छी मात्रा में होता है। आप ब्रेड क्रम के साथ मिलाकर उसे मिनी मीटबॉल्स भी खिला सकती हैं।
एंटी इन्फ्लेमेटरी ओमेगा 3
ओमेगा 3 फैटी एसिड का एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण बीमारी से लड़ने में आपके बच्चे की मदद करता है। सिर्फ फिश में ही सबसे ज्यादा मात्रा में ओमेगा 3 होता है और सालमन फिश आपके बच्चे के लिए एक फ्रेंडली ऑप्शन है। आप आलू के साथ सालमन को मिलाकर बच्चे के लिए पैटीज बना सकती हैं। चीज़ के साथ अंडे को मिलाकर आप ऑमलेट बना कर भी बच्चे को खिला सकती हैं।