कुछ लिखू? पर क्या? मन की बात सुनेगा कौन, सुनकर करेगा भी क्या? अपनी समस्या का समाधान हम खुद हैं दूसरा कोई नहीं इसे समझती हूँ फिर भी कभी किसी कमजोर पल में मन चाहता है कोई हो जिससे अनर्गल बातें करूँ क्यों? शायद यही है एकाकीपन…जिसका कोई इलाज तो है नहीं। ऐसे ही किसी […]
